मित्रों,
सम्राट अशोक धम्म विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
आज से लगभग 2300 वर्ष पहले भारत के महान सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। ३०४ई पूर्व में उनका जन्म हुआ था।२७५ ई.पू.में वह मगध के राजा बनें। २५० से २६० ई.पू.अर्थात १०वषों तक उन्होंने भगवान बुद्ध के पदचिन्हों की यात्रा किया। सम्राट अशोक ने लगभग ४० वषों तक भारत में राज किया। अखंड और विशाल भू भाग का राजा होते हुए भी उन्होंने अहंकार का त्याग किया। जीव हत्या पर रोक लगाई। मौत की सजा को खत्म किया। राजसी वैभव का त्याग कर सादगी के जीवन को अपनाया। नंगे पैर चलकर बुद्ध के पदचिन्हों को नमन किया। अपने प्राण प्रिय पुत्र, पुत्री तथा पत्नी को भिक्षुणी बनाया। समता ममता और करुणा का का संदेश वाहक बन सम्राट अशोक, अशोक महान बना। शील,समाधि और प्रज्ञा का जीवन जीकर वह अमर हो गया।
ऐसे विरले सम्राट हैं दुनिया में, जिन्हें सम्राट अशोक जैसा आदर और सम्मान मिला। सम्राट अशोक का चिन्ह ही भारत का राष्ट्रीय चिह्न है। वह महान हैं, इसलिए देश देशान्तर और युग युगांतर की सीमा रेखाओं से परे हैं। वह नील गगन का चमकता सितारा है। जब तक धरती और अम्बर रहेगा,तब तक अशोक की यश पताका ऊंची फहराती रहेगी।
वह हमारे पुरखे हैं। उनके दिखाए गए मार्ग पर चलना, उनसे अपने को जोड़ना खुद को गौरवान्वित करना है।
– डा. राजबहादुर मौर्य, झांसी।
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