कबरा पहाड़ के शैलाश्रय पुरातात्विक स्थल हैं जो रायगढ़ जिले से ८ किलोमीटर पूर्व में ग्राम विश्वनाथ पाली तथा भद्रपाली के निकट की पहाड़ी में स्थित हैं। यह पहाड़ घनी…
श्रेणी: Tribes In India
आदिवासी अस्मिता का कला बोध – जनजातीय संग्रहालय, भोपाल (म.प्र.)
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अति रमणीक, शांत वातावरण और कोलाहल से दूर एकांत स्थान, श्यामला हिल्स पर स्थित जनजातीय संग्रहालय मध्य प्रदेश की आदिवासी अस्मिता का कला बोध…
डामोर आदिवासी
डामोर आदिवासी मूल रूप से गुजरात राज्य के निवासी हैं। राजस्थान में भी इनकी जनसंख्या उदयपुर, डूंगरपुर तथा बांसवाड़ा में निवास करती है। इन्हें डामरिया तथा दामोर नामों से भी…
गरासिया जनजाति
गरासिया राजस्थान की एक प्रमुख आदिवासी क़ौम है। राजस्थान में सिरोही, उदयपुर और पाली जिलों में मुख्य रूप से इनका निवास है। सिरोही जिले की आबूरोड और पिण्डवारा तहसीलों में…
वार,भोई और लिगंन्नम जनजाति…
वार,भोई और लिगंन्नम जनजाति के लोग मेघालय में खासी जनजाति के अंतर्गत आते हैं। इन्हें उपरोक्त नाम उनके निवास स्थान के नाम से दिया गया है। नृजातीय रुप से यह…
मणिपुर के आदिवासी…
भारत की पूर्वी सीमा पर स्थित मणिपुर राज्य 22,327 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। मणिपुर का प्राचीन नाम” कंलैपाक्” है। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक मणिपुर की कुल…
बोड़ो आदिवासी समुदाय…
पूर्वोत्तर भारत की ब्रह्मपुत्र घाटी के उत्तरी तथा पूर्वी बंगाल में फैले बोड़ो मंगोल नस्ल के हैं। वर्तमान में यह असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैण्ड, बंगाल और बिहार…
ईश्वर के प्रिय बच्चे – “लेपचा आदिवासी” …
भारत के पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग जनपद, सिक्किम तथा पूर्वी नेपाल के पर्वतीय जिले इलाम, तिब्बत व पश्चिम तथा दक्षिण पश्चिम भूटान में “लेपचा” जनजाति के लोग पाये जाते हैं।…
तागिन जनजाति…
कभी पूर्वोत्तर सीमांत एजेन्सी (नेफा) के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र “अरुणाचल” प्रदेश जनजातियों का घर है। यहां असंख्य जनजातियां निवास करती हैं जिनमें से मुख्य रूप से- मोनपा,मिजी,…
लावारिश ” हाजाॅङ “आदिवासी समुदाय…
“हाजाॅङ” आदिवासी समुदाय पूर्वोत्तर भारत की सबसे पिछड़ी जनजाति मानी जाती है। शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक तौर पर अति पिछड़ा हुआ यह समाज आज भी “लावारिश” स्थिति में…
सेवा भाव से परिपूर्ण, ग्राम्य- संगीत के प्रेमी – “मिजो जनजाति” के लोग…
अपनी प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण, पूर्वोत्तर भारत का पर्वतीय प्रदेश, मिज़ोरम “मिजो जनजाति”के आवास स्थल के रूप में जाना जाता है।असीम विविधता, अपार सौन्दर्य,जैविकी की प्रचुरता से लबालब भरे मिजोरम…
जीवंतता के साथ जीते “बोरोक आदिवासी” …
“बोरोक” आदिवासी त्रिपुरा की आदिवासी जनजाति है। यह अपने अतीत की स्मृतियों के साथ “बिंदास” और “जीवंतता” का जीवन जीती है। त्रिपुरा में 19 जनजातियां हैं जिनमें आठ समुदाय- त्रिपुरी,…
“नागा जनजाति”- एक अनसुलझी पहेली…
पूर्वोत्तर भारत में निवास करने वाली “नागा” जनजाति का जीवन,रहन – सहन, परिवेश तथा उद्ग्म अभी भी एक अनसुलझी पहेली है। इस समुदाय के बारे में अभी तक कोई व्यवस्थित…
पिछड़ेपन के बीच शिक्षा की बढ़ती रौशनी में “राभा जनजाति”…
“राभा” असम की एक प्रमुख आदिवासी क़ौम है, जिसका संबंध मंगोल वंश से माना जाता है। राभा समुदाय के लोग असम के अलावा पश्चिम बंगाल, नेपाल और उत्तरी बांग्लादेश में…