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Month: जनवरी 2022

Facts of political science hindi

राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य ( भाग- 6)

Posted on जनवरी 29, 2022अगस्त 16, 2022

राजनीति के क्षेत्र में भिन्न- भिन्न विचारधाराओं का प्रयोग परस्पर विरोधी मानकों या आदर्शों की पुष्टि के लिए किया जा सकता है। जैसे, अरस्तू ने दास प्रथा का समर्थन किया। इमैनुअल कांट ने मानव गरिमा के आधार पर दास प्रथा को सर्वथा तर्क सून्य ठहराया। अरस्तू ने क्रांति की निंदा की जबकि कार्ल मार्क्स ने क्रांति को आवश्यक बताया।

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Facts of political science hindi

राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 5)

Posted on जनवरी 26, 2022अगस्त 10, 2022

आधुनिक युग के आरम्भ में फ्रांसीसी क्रांति (१७८९) के उन्नायकों ने ‘स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व’ का नारा बुलंद किया था। भारतीय संविधान की प्रस्तावना (१९५०) के अंतर्गत भी उपरोक्त लक्ष्यों के साथ ही ‘व्यक्ति की गरिमा’ और ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता’ को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।

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Facts of political science hindi

राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 4)

Posted on जनवरी 21, 2022अगस्त 8, 2022

अफ्रीका के प्रसिद्ध नव मार्क्स वादी समीर अमीन ने अपनी पुस्तक ‘ एक्युमुलेशन ऑन ए वर्ल्ड स्केल’ (१९७४) और ‘ अनईक्वल डिवलेपमेंट’ (१९७६) के अंतर्गत लिखा कि आज के युग में औद्योगीकृत देश और अत्यल्प विकसित देश आपस में इस ढंग से जुड़ गए हैं कि पूंजीवाद अल्प विकसित देशों में उत्पादन शक्तियों के विकास की अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभाने में असमर्थ हो गया है।

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Facts of political system hindi

राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 3)

Posted on जनवरी 19, 2022अगस्त 7, 2022

वर्ष १९५४ में उसी अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय ने ‘ब्राउन बनाम टोपैका’ के मामले में अपने पुराने निर्णय को रद्द करते हुए यह व्यवस्था दी कि यदि श्वेत और अश्वेत जातियों को समान सुविधाएं तो उपलब्ध हों परन्तु उन्हें मिलजुल कर उनका उपयोग करने से रोक दिया जाए तो कानून की दृष्टि से उसकी समानता निरर्थक हो जाती है।

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Political science thinkers

राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य (भाग-२)

Posted on जनवरी 15, 2022जुलाई 30, 2022

सोवियत संघ में वर्ष १९८५ से मिखाइल गोर्वाचेव ने ‘पेरेस्रोइका’ ( पुनर्गठन) और ‘ग्लासनास्त’ (खुलेपन) की जिस नीति की शुरुआत की, उसने सूचना के स्वतंत्र प्रवाह, सामाजिक और राजनीतिक वाद- विवाद, अर्थव्यवस्था के विकेन्द्रीयकरण और विदेश नीति पर पुनर्विचार को बढ़ावा दिया।

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Aristotle and plato political science

राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य (भाग-१)

Posted on जनवरी 12, 2022जुलाई 16, 2022

फ्रांसिस बेकन (१५६१-१६२६) एक ब्रिटिश दार्शनिक था, जिसका मानना था कि विज्ञान की उन्नति से ही समाज की उन्नति हो सकती है। अपनी योजना को कार्यरूप देने के लिए बेकन ने ‘‘विज्ञान की प्रबुद्ध तानाशाही’’ की संस्तुति की है।

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