भारत में उदारतावाद उपयोगितावाद के ज़रिए आया और उसे एक ऐसी अजनबी संस्कृति के खॉंचे में फ़िट किया गया जिसमें व्यक्ति और उसकी स्वायत्तता के विकास के लिए कोई जगह नहीं थी । अगर प्राकृतिक अधिकारों का विचार आधुनिक उदारतावाद के मर्म में है तो भारतीय राष्ट्रवाद में इसकी अभिव्यक्ति बेहद कमजोर है ।
महीना: जुलाई 2022
राजनीति विज्ञान/ समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 23)
काशी के एक सम्पन्न वैश्य कुल में जन्में, आधुनिक हिंदी के संस्थापक और हिंदी साहित्य के मुख्य प्रवर्तक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (1850-1886) का स्थान भारतीय सांस्कृतिक नवजागरण के अग्रदूतों में बहुत ऊँचा है । वे बनारस के जाने माने रईस बाबू गोपाल चन्द्र के बेटे थे, जो गिरधर उप नाम से कविता करते थे ।