उज्जयिनी नगरी सौराष्ट्र की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से दक्षिण- पश्चिम लगभग 2800 ली चलकर “उशेयनना” देश में आया। इसे “उज्जयिनी” के नाम से जाना जाता था।…
महीना: मई 2020
ह्वेनसांग की भारत यात्रा – महेसाना, सौराष्ट्र तथा गिरनार…
अनंदपुर वलभी से उत्तर- पश्चिम की ओर लगभग 700 ली चलकर ह्वेनसांग “ओननटोपुलो” अर्थात् “अनंदपुर” आया। उसने लिखा है कि इस राज्य का क्षेत्रफल लगभग 2 हजार ली और राजधानी…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- भरुच, मालवा,वल्लभी और कच्छ…
भरूकछ अजंता की गुफाओं से आगे पश्चिम में चलकर ह्वेनसांग ने नर्मदा नदी को पार किया और “पोलकयीचोपो” अर्थात् “भरूकछ” या “भरोच” राज्य में आया। आज यह दक्षिणी गुजरात में…
नेकी और ईमानदारी की सीख दे गये श्री रामेश्वर प्रसाद मौर्य…
जनपद रायबरेली (उ.प्र.) में वर्ष 1960 के दशक से सामाजिक आन्दोलन में बढ़- चढ़ कर हिस्सा लेने वाले तथा समाज को बुराइयों व अज्ञानता से निकालने में ताउम्र अपने को…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कोंकण और महाराष्ट्र में…
कोंकण सिंहल द्वीप की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग पुनः वापस द्रविड देश में आया तथा यहां से उत्तर दिशा में 2 हजार ली चलकर घने जंगलों को पार…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- सिंहल द्वीप में…
सिंहल द्वीप “सिंहल” को आम बोलचाल की भाषा में “सिरीलंका” (श्री लंका) के नाम से जाना जाता है।इसको “सीलोन” भी कहा जाता है। इस देश का प्राचीन नाम “रत्न द्वीप”…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- चोल तथा द्रविड़ देश में…
चोल तथा द्रविड देश में “अन्ध्र” देश की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से दक्षिण- पश्चिम लगभग एक हजार ली चलकर “चुलिये” अर्थात् “चुल्य” अथवा “चोल” देश में…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कलिंग, कोशल और अन्ध्र देश…
कलिंग यात्रा के अगले चरण में ह्वेनसांग “कयी लिंग किया” अर्थात् “कलिंग” राज्य में आया। आजकल यह उड़ीसा, आंध्र प्रदेश का उत्तरी भाग तथा छत्तीसगढ़ राज्य तक फैला हुआ है।…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- बंगाल तथा उड़ीसा…
बंगाल तथा उड़ीसा आसाम से 1200 या 1300 ली चलकर ह्वेनसांग “सनमोटाचा” अथवा “समतल” प्रदेश में आया।इसकी पहचान “पूर्वी बंगाल”(अब बांग्लादेश) के रूप में हुई है। यह समुद्र के किनारे…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- हिरण्य पर्वत तथा चम्पा नगरी…
हिरण्य पर्वत तथा चम्पा उत्तरार्द्ध मगध देश से 200 ली पूर्व दिशा में चलकर ह्वेनसांग अपनी यात्रा के अगले चरण में “इलाना पोफाटो” अर्थात् “हिरण्य पर्वत” पर आया। इसकी पहचान…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- नालंदा…
नालन्द वेणुवन विहार से 30 ली उत्तर दिशा में आगे चलकर ह्वेनसांग नालन्द (नालन्दा) संघाराम में आया।आज नालंदा बिहार की राजधानी पटना से 88.5 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व तथा राजगीर से 11.5…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- वेणुवन…
वेणुवन गिरिव्रज पहाड़ी नगर के उत्तरी फाटक से एक ली चलने पर “करण्ड वेणुवन” है। यहां पर एक विहार की नींव और टूटी-फूटी दीवारें शेष हैं। इसका द्वार पूर्व की…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मगध देश उत्तरार्ध…
मगध देश उत्तरार्द्ध बोधगया में बुद्ध देव की तप स्थली तथा बोधिवृक्ष के दर्शन कर ह्वेनसांग बोधिवृक्ष के पूर्व में नीरांजना नदी को पार कर एक जंगल के मध्य में…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- बोधगया में…
गया में – पाटलिपुत्र की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर, शील भद्र संघाराम के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 40 या 50 ली की दूरी पर निरंजना नदी…