अरुणाचल प्रदेश के संवसीरी जिले के पूर्वी हिमालय की ऊंची बर्फ से ढकी हुई बाहृय श्रृंखला और असम की उप उष्णकटिबंधीय मध्य ब्रम्हपुत्र घाटी के बीचों-बीच “आपातानी” घाटी स्थित है।इसी…
महीना: मार्च 2020
पुस्तक समीक्षा – दलित समाज के हक़ इंसाफ और संघर्ष का दस्तावेज़ हैं, ‘मोहनदास नैमिशराय’ की आत्मकथा “अपने अपने पिंजरे” -भाग – 3
भारत में दलित साहित्य के पुरोधा, (अब तक 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक) पत्रकार, कथाकार, कवि, उपन्यासकार, फिल्मकार और इतिहासकार (दलित आंदोलन का इतिहास) मोहनदास नैमिशराय की आत्मकथा “अपने…
“जयंतिया” आदिवासी समुदाय…
मेघालय की आदिवासी जनजातियों में “जयंतिया” भी प्रमुख क़ौम है। यह जनजाति जयंतिया की पहाड़ियों में रहती है। यह खासी पहाड़ियों का ही एक भाग है। वर्ष 2011 की जनगणना…
आदिवासी समुदाय “खासी”…
“खासी” आदिवासी पूर्वोत्तर भारत में मुख्य रूप से “मेघालय” में पाये जाते हैं। यह उत्तर में कामरूप व नौगांव जिला, पूर्व में जयंतियां पहाड़ियों तथा पश्चिम में गारो पहाड़ियों के…
भारत की बेटी, बदायूं से सांसद, डॉ. “संघमित्रा मौर्या” ने बढ़ाया देश का मान
दिनांक 20 मार्च 2020 ई. को देश की सबसे बड़ी पंचायत अर्थात् लोकसभा में भारत के महानतम सम्राट “अशोका द ग्रेट” के जन्मदिन पर सार्वजनिक अवकाश की मांग कर देश…
आदिवासी समुदाय “गारो”…
“गारो” पूर्वोत्तर भारत का एक प्रमुख आदिवासी समुदाय है। यह मुख्य रूप से मेघालय की गारो पहाड़ियों में रहते हैं तथा स्वयं को एचिक या मांडे नाम से पुकारते हैं।…
आदिवासियों का घर “पूर्वोत्तर भारत”…
भारत में “पूर्वोत्तर भारत” को “आदिवासियों का घर” कहा जाता है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम तथा त्रिपुरा शामिल हैं। अरुणाचल प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की आबादी,…
रहस्यमयी दुनिया में जीते “सोम्पेन आदिवासी”…
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पायी जाने वाली जनजातियों में जारवा, ओंगी, संतनली और अंडमानी आदिवासी नीग्रिटो वर्ग के आदिवासी हैं जबकि “सोम्पेन आदिवासी” मंगोली वर्ग के अन्तर्गत आते…