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श्रेणी: Tribes In India

परम्पराओं की दुनिया में जीते- “आपातानी जनजाति” के लोग…

Posted on मार्च 31, 2020जुलाई 12, 2020

अरुणाचल प्रदेश के संवसीरी जिले के पूर्वी हिमालय की ऊंची बर्फ से ढकी हुई बाहृय श्रृंखला और असम की उप उष्णकटिबंधीय मध्य ब्रम्हपुत्र घाटी के बीचों-बीच “आपातानी” घाटी स्थित है।इसी…

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“जयंतिया” आदिवासी समुदाय…

Posted on मार्च 28, 2020जुलाई 12, 2020

मेघालय की आदिवासी जनजातियों में “जयंतिया” भी प्रमुख क़ौम है। यह जनजाति जयंतिया की पहाड़ियों में रहती है। यह खासी पहाड़ियों का ही एक भाग है। वर्ष 2011 की जनगणना…

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आदिवासी समुदाय “खासी”…

Posted on मार्च 27, 2020जुलाई 12, 2020

“खासी” आदिवासी पूर्वोत्तर भारत में मुख्य रूप से “मेघालय” में पाये जाते हैं। यह उत्तर में कामरूप व नौगांव जिला, पूर्व में जयंतियां पहाड़ियों तथा पश्चिम में गारो पहाड़ियों के…

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आदिवासी समुदाय “गारो”…

Posted on मार्च 25, 2020जुलाई 12, 2020

“गारो” पूर्वोत्तर भारत का एक प्रमुख आदिवासी समुदाय है। यह मुख्य रूप से मेघालय की गारो पहाड़ियों में रहते हैं तथा स्वयं को एचिक या मांडे नाम से पुकारते हैं।…

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आदिवासियों का घर “पूर्वोत्तर भारत”…

Posted on मार्च 23, 2020जुलाई 12, 2020

भारत में “पूर्वोत्तर भारत” को “आदिवासियों का घर” कहा जाता है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम तथा त्रिपुरा शामिल हैं। अरुणाचल प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की आबादी,…

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रहस्यमयी दुनिया में जीते “सोम्पेन आदिवासी”…

Posted on मार्च 21, 2020जुलाई 12, 2020

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पायी जाने वाली जनजातियों में जारवा, ओंगी, संतनली और अंडमानी आदिवासी नीग्रिटो वर्ग के आदिवासी हैं जबकि “सोम्पेन आदिवासी” मंगोली वर्ग के अन्तर्गत आते…

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अस्तित्व अवसान के कगार पर “अंडमानी आदिवासी”…

Posted on मार्च 19, 2020जुलाई 12, 2020

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की एक अन्य आदिवासी क़ौम “अंडमानी”समाप्त होने के कगार पर है। 1981 में की गई गणना के अनुसार इनकी संख्या मात्र 28 थी। अंडमानी आदिवासी…

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अनबूझ पहेली “सेंटीनली आदिवासी”…

Posted on मार्च 11, 2020जुलाई 12, 2020

दक्षिण अंडमान द्वीप के पश्चिमी तट के समीप एक “नार्थ द्वीप” सेंटीनेल है जहां “सेंटीनली” आदिवासी जनजाति के लोग रहते हैं। यह दुनिया के आश्चर्यजनक मानव हैं जिनके बारे में…

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अस्तित्व के संकट से जूझ रहे “ओंगी आदिवासी”…

Posted on मार्च 10, 2020जुलाई 12, 2020

अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के छोटे निकोबार द्वीप समूह में पायी जाने वाली “ओंगी” आदिवासी जनजाति आज अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। आज लगभग 100 की संख्या में…

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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आदिवासी समुदाय, 1- “जारवा” आदिवासी समुदाय…

Posted on मार्च 7, 2020जुलाई 12, 2020

अथाह और अपार सागर के बीच अनुपम सौन्दर्य से परिपूर्ण अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह स्वप्नलोक जैसे हैं। चारों ओर फैली हरियाली व पहाड़ों की ढलानों पर बने सुन्दर बंगले…

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झलक, आदिवासी समुदाय के साहित्य की…

Posted on फ़रवरी 26, 2020जुलाई 12, 2020

साहित्य समाज का दर्पण होता है, जिसमें समाज की सभ्यता, संस्कृति, परमपराएं, आस्थाएं, विश्वास, मूल्य तथा मान्यताएं प्रतिबिंबित होती हैं। यही प्रतिबिंब समाज के अतीत के अध्ययन की प्ररेणा देता…

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विरासत राजवंशों की, किन्तु विपन्नता में जीते “कोल आदिवासी”…

Posted on फ़रवरी 24, 2020जुलाई 12, 2020

अपने अतीत में गौरवशाली विरासत को संजोए हुए “कोल “आदिवासी आज मुफलिसी और अभाव का जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं।समय और परिस्थितियों के थपेड़ों ने उन्हें लाचार और बेबस…

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दिलेर और स्वाभिमानी कौम “भील आदिवासी”…

Posted on फ़रवरी 19, 2020जुलाई 12, 2020

“भील ” नाम द्रविड़ भाषा परिवार के अन्तर्गत कन्नड़ के “बील”शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है- धनुष। आदिम विश्वासों में जीने वाले भील समुदाय के लोग अपने धनुष…

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पातालकोट की अंधेरी गलियों में जीवन जीते “भारिया” आदिवासी…

Posted on फ़रवरी 16, 2020जुलाई 12, 2020

मध्य -प्रदेश के छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय के उत्तर सतपुड़ा के पठार पर अवस्थित पातालकोट प्रकृति की अद्भुत रचना है। छिंदवाड़ा से पातालकोट की दूरी 62 किलोमीटर तथा तामिया विकास खंड…

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This blog is dedicated to People of Deprived Section of the Indian Society, motto is to introduce them to the world through this blog.

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