– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर- प्रदेश), फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, नई दिल्ली, भारत । email : drrajbahadurmourya @ gmail. Com, website: themahamaya. Com.
भारतीय संसद
भारत की सबसे बड़ी विधायिका, जिसके बनाए कानून पूरे देश में लागू होते हैं, उसे संसद कहा जाता है। भारतीय संसद के दो सदन हैं- उच्च सदन को राज्य सभा तथा निम्न सदन को लोक सभा कहा जाता है। निम्न सदन अर्थात् लोक सभा लोकप्रिय सदन है, जहाँ पूरे देश से जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि पहुँचते हैं।जनता के इन प्रतिनिधियों को सांसद कहा जाता है। वर्तमान समय में इनकी सदस्य संख्या 545 है। देश में अब तक कुल 18 बार चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 में संसद के गठन का उल्लेख है। भारतीय संसद के तीन अंग हैं- राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा।
प्रथम लोकसभा के चुनाव
भारत में लोकसभा के लिए पहले आम चुनाव वर्ष 1951-52 में सम्पन्न हुए थे। कुल 489 सीटों के लिए हुए इस चुनाव में 17 करोड़, 32 लाख, 12 हजार 343 पंजीकृत मतदाता थे। जिसमें 10 करोड़, 59 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इनमें 82 फीसदी निरक्षर थे।चुनाव प्रक्रिया 25 अक्टूबर 1951 से प्रारम्भ होकर 21 फरवरी 1952 यानी लगभग 4 माह तक चली थी। इस चुनाव में प्रत्येक दल की अलग अलग मतपेटी थी।मत पत्र पर नाम और चिन्ह नहीं थे। श्री सुकुमार सेन मुख्य चुनाव आयुक्त थे। कांग्रेस ने 364 सीटें जीतकर पहली लोकसभा में स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई थी। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी 16 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर थी। सोशलिस्ट पार्टी को 12, किसान मजदूर प्रजा पार्टी को 9, हिन्दू महासभा को 4, भारतीय जनसंघ को 3, रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी को 3, तथा शेड्यूल कास्ट फेडरेशन को 2, स्थानों पर विजय मिली थी।
भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। देश की पहली निर्वाचित संसद अप्रैल 1952 में अस्तित्व में आई। 13 मई 1952 को सुबह तकरीबन 10 बजकर 45 मिनट पर भारतीय संसद के दोनों सदनों के पहले सत्र की शुरुआत हुई। इसी दिन जी. वी. मावलंकर को अंतरिम लोकसभा अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया और ज्यादातर सांसदों ने शपथ ग्रहण की। लोकसभा के सदस्य भारत के उन नागरिकों के द्वारा चुने जाते हैं जो वयस्क हो गये हैं।
कुल चुनावों के वर्ष
देश में दूसरे आम चुनाव वर्ष 1957 में, तीसरे 1962 में, चौथे 1967 में, पांचवें 1971 में, छठें 1977 में, सातवें 1980 में, आठवें 1984 में, नौवें 1989 में, दसवें 1991 में, ग्यारहवें 1993 में, बारहवें 1998 में, तेरहवें 1999 में, चौदहवें 2004 में, पन्द्रहवें 2009 में, सोलहवें 2014 में तथा सत्रहवें आम चुनाव वर्ष 2019 में सम्पन्न हुए।
उत्तर- प्रदेश की विभिन्न लोकसभा सीटों से जीतकर संसद में पहुंचे मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के सांसद
उत्तर- प्रदेश के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों से मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के जो लोग अलग अलग राजनीतिक दलों के टिकट पर सांसद बने हैं, तथा जो उप -विजेता रहे हैं, उनका विवरण जो आसानी से उपलब्ध हो पाया है, उसे यहाँ पर प्रस्तुत किया गया है। सम्पूर्ण विवरण का दावा बिल्कुल नहीं है। इस विवरण को भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है।
प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा चौथे आम चुनाव
1952 के पहले लोकसभा (2-4-1952 से 4-4-1957 तक) के आम चुनाव, 1957 के दूसरे, (5-4-1957 से 31-3-1962 तक) तथा वर्ष 1962 के तीसरे आम चुनाव (2-4-1962 से 3-3-1967 तक) व 1967 के चौथे आम चुनाव (4-3-1967 से 27-12-1970 तक) में, मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज का उत्तर- प्रदेश से प्रतिनिधित्व सम्भवतः नहीं था।
पाँचवें, आम चुनाव- 1971
वर्ष 1971 के आम चुनाव (15-3-1971 से 18-1-1977 तक) में भारतीय जनसंघ के टिकट पर लोकसभा क्षेत्र कासगंज से श्री महादीपक सिंह शाक्य सांसद चुने गए। उन्हें 1 लाख, 28 हजार, 288 मत प्राप्त हुए। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी मुशीर अहमद खान को परास्त किया। इसी चुनाव में जनपद देहरादून से कांग्रेस के टिकट पर श्री मुल्की राज सैनी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। उन्हें कुल 1 लाख, 90 हजार, 160 मत प्राप्त हुए। उन्होंने भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार नित्यानंद स्वामी को हराया। श्री मुल्की राज सैनी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्हें लोग सम्मान से बाबूजी कहकर पुकारते थे।
छठवें, आम चुनाव- 1977
वर्ष 1977 के आम चुनाव (23-9-1977 से 22-8-1979 तक) में जनपद फरूखाबाद से भारतीय लोकदल के टिकट पर श्री दयाराम शाक्य सांसद बने। उन्हें 2 लाख, 63 हजार, 287 मत प्राप्त हुए। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी अवधेश चन्द्र सिंह को परास्त किया। सलेमपुर देवरिया से बी.एल.डी. के टिकट पर ही श्री रामनरेश कुशवाहा, 2 लाख, 53 हजार, 659 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी तारकेश्वर पाण्डेय को पराजित किया। जनपद एटा से श्री महादीपक सिंह शाक्य भी भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। उन्हें 2 लाख, 68 हजार, 136 मत प्राप्त हुए। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी मुस्तफा रशीद शेरवानी को हराया।
सातवें, आम चुनाव- 1980
वर्ष 1980 के आम चुनावों (10-1-1980 से 31-12-1984 तक) में जनपद फरूखाबाद से जनता पार्टी के टिकट पर, 77 हजार, 549 मत प्राप्त कर श्री दयाराम शाक्य सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी सियाराम गंगवार को पराजित किया। जनपद इटावा से जनता पार्टी के ही टिकट पर श्री राम सिंह शाक्य चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। उन्हें 1 लाख, 77 हजार, 968 मत प्राप्त हुए। उन्होंने जनता पार्टी के प्रत्याशी अर्जुन सिंह को परास्त किया।
आठवें, आम चुनाव- 1984
1984 के लोकसभा चुनावों (31-12-1984 से 27-11-1989 तक) में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के अकेले सांसद श्री रघुराज सिंह शाक्य बने। वह कांग्रेस के टिकट पर जनपद इटावा से चुनाव जीते। उन्हें 1 लाख, 84 हजार, 404 मत प्राप्त हुए।
नवें, आम चुनाव- 1989
वर्ष 1989 के आम चुनाव (2-12-1989 से 13-3-1991 तक) में जनपद इटावा से, जनता दल के टिकट पर, श्री राम सिंह शाक्य सांसद बने। उन्हें 2 लाख, 14 हजार, 264 मत प्राप्त हुए। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी सत्य नारायण दुबे को हराया। श्री हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा, सलेमपुर देवरिया से जनता दल के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचने में सफल रहे। उन्हें 2 लाख, 45 हजार, 235 मत मिले। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी राम नगीना मिश्र को पराजित किया। श्री महादीपक सिंह शाक्य जनपद एटा से भाजपा के टिकट पर, 1 लाख, 43 हजार, 442 मत प्राप्त कर सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी सलीम इकबाल शेरवानी को हराया।
दसवें, आम चुनाव- 1991
वर्ष 1991 के लोकसभा चुनावों (20-6-1991 से 10-5-1996 तक) में सलेमपुर देवरिया से, जनता दल के टिकट पर, 1 लाख, 39 हजार, 167 मत प्राप्त कर श्री हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा जीत कर संसद पहुंचे। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी रामविलास को हराया। इसी चुनाव में श्री आनन्द रत्न मौर्य, भाजपा के टिकट पर चंदौली जिले की लोकसभा सीट से चुनाव जीते। उन्हें 1 लाख, 35 हजार, 602 मत प्राप्त हुए। उन्होंने जनता दल के प्रत्याशी कैलाश नाथ सिंह यादव को हराया। इसी समय जनपद एटा से भाजपा के टिकट पर श्री महादीपक सिंह शाक्य भी चुनाव जीत कर सांसद बने। उन्होंने 1 लाख, 49 हजार, 169 मत प्राप्त किया। उन्होंने जनता पार्टी के प्रत्याशी लातूरी सिंह को परास्त किया।
ग्यारहवें, आम चुनाव- 1996
वर्ष 1996 के आम चुनाव (15-5-1996 से 4-12-1997 तक) में जनपद इटावा से समाज वादी पार्टी के टिकट पर 1 लाख, 82 हजार 015 मत हासिल कर श्री राम सिंह शाक्य सांसद बने। समाजवादी पार्टी के ही टिकट पर अमरोहा से श्री प्रताप सिंह सैनी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। उन्हें कुल मिलाकर 2 लाख, 57 हजार, 905 मत प्राप्त हुए। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी चेतन चौहान को पराजित किया। इसी चुनाव में श्री आनन्द रत्न मौर्य, भाजपा के टिकट पर चंदौली जिले से 1 लाख, 89 हजार, 179 मतों के साथ लोकसभा का चुनाव जीतने में कामयाब रहे। श्री हरिवंश सहाय कुशवाहा भी इस चुनाव में सलेमपुर देवरिया से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीतकर सांसद बने। उन्होंने 1 लाख, 56 हजार, 427 मत प्राप्त किया।
बारहवें, आम चुनाव- 1998
वर्ष 1998 में लोकसभा (10-3-1998 से 26-4-1999 तक) क्षेत्र चंदौली से भाजपा के टिकट पर 2 लाख, 27 हजार, 219 मत प्राप्त कर श्री आनन्द रत्न मौर्य ने चुनाव जीता। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जवाहरलाल जायसवाल को पराजित किया। इसी चुनाव में सलेमपुर जनपद देवरिया से एस. ए.पी. के टिकट पर श्री हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा भी लोकसभा सांसद बने। उन्हें कुल मिलाकर 2 लाख, 19 हजार, 450 मत प्राप्त हुए। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हरिबंश सहाय को परास्त किया।
तेरहवें, आम चुनाव- 1999
वर्ष 1999 में (10-10-1999 से 6-2-2004 तक) समाजवादी पार्टी के टिकट पर जनपद इटावा से श्री रघुराज सिंह शाक्य ने 2 लाख, 33 हजार, 65 मत प्राप्त कर जीत दर्ज किया। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी शिव प्रसाद यादव को हराया।
चौदहवें, आम चुनाव- 2004
वर्ष 2004 के आम चुनाव (17-5–2004 से 18-5-2009) में जनपद इटावा से श्री रघुराज सिंह शाक्य समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद बने। उन्हें 3 लाख, 67 हजार, 807 मत प्राप्त हुए। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सरिता भदौरिया को हराया। जनपद मिर्जापुर से बसपा के टिकट पर श्री नरेन्द्र कुमार कुशवाहा ने 2 लाख, 1 हजार, 952 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह को परास्त किया।सलेमपुर देवरिया से समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही श्री हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। उन्हें 1 लाख, 95 हजार, 570 मत प्राप्त हुए। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी भोला पाण्डेय को पराजित किया।
पन्द्रहवें, आम चुनाव- 2009
इस आम चुनाव में सम्भवतः उत्तर- प्रदेश से, मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज का कोई भी व्यक्ति सांसद नहीं बना।
सोलहवें, आम चुनाव- 2014
वर्ष 2014 के लोकसभा (16-5-2014 से 25-5-2019 तक) चुनावों में प्रदेश के सांसदों में से तीन सांसद मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के थे। लोकसभा चुनाव क्षेत्र फूलपुर से भाजपा के टिकट पर श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा सलेमपुर देवरिया से भाजपा के ही टिकट पर श्री रवीन्द्र कुशवाहा सांसद बने। श्री केशव प्रसाद मौर्य को कुल 5 लाख, 3 हजार, 556 मत प्राप्त हुए जबकि रवीन्द्र कुशवाहा को 3 लाख, 92 हजार, 213 मत प्राप्त हुए।लोक सभा क्षेत्र सम्भल से भाजपा के टिकट पर श्री सत्यपाल सिंह सैनी ने जीत हासिल किया। उन्हें 3 लाख, 60 हजार, 242 मत प्राप्त किया।उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शफी उर रहमान को हराया।
सत्रहवें, आम चुनाव- 2019
वर्ष 2019 में 17 वीं लोकसभा (17-6-2019 से निरंतर…) के चुनाव में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के, उत्तर -प्रदेश से भाजपा के टिकट पर 2 सांसद बने। जनपद बदायूं से डॉ. संघमित्रा मौर्या तथा सलेमपुर देवरिया से श्री रवीन्द्र कुशवाहा। श्री रवीन्द्र कुशवाहा को 4 लाख, 67 हजार, 940 मत प्राप्त हुए। उन्होंने बसपा प्रत्याशी श्री आर. एस. कुशवाहा को पराजित किया। डॉ. संघमित्रा मौर्या को 5 लाख, 11 हजार, 352 मत प्राप्त हुए। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को हराया। डॉ. संघमित्रा मौर्या उत्तर- प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य की सुपुत्री हैं।
अठारहवें, आम चुनाव – 2024
वर्ष, 2024 में देश में 18 वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव सम्पन्न हुए । इस चुनाव में उत्तर- प्रदेश के मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के 3 प्रत्याशी चुनाव जीतकर सांसद बने । यह सभी प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुँचे । लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एटा (22) से श्री देवेश शाक्य ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार श्री राजवीर सिंह को 28052 मतों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए । देवेश शाक्य को कुल मिलाकर 4 लाख, 75 हज़ार, 808 मत प्राप्त हुए जबकि राजवीर सिंह को 4, 47, 756 मत हासिल हुए । लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र ऑंवला (24) से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर श्री नीरज कुमार मौर्य ने 4, 92, 515 मत प्राप्त कर भाजपा के उम्मीदवार श्री धर्मेन्द्र कश्यप को 15969 मतों के अंतर से पराजित किया । धर्मेन्द्र कश्यप को 476546 मत प्राप्त हुए और वह उप विजेता रहे । लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र जौनपुर (73) से कुशवाहा समाज के क़द्दावर नेता और जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बाबूसिंह कुशवाहा ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और सांसद बने । बाबू सिंह कुशवाहा ने इस चुनाव में 5, 09, 130 मत प्राप्त कर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी श्री कृपाशंकर सिंह को 99, 335 मतों के अंतर से पराजित किया । कृपाशंकर सिंह को कुल मिलाकर 4,09,795 मत प्राप्त हुए । श्री बाबू सिंह कुशवाहा की इस चुनाव में चर्चा का विषय रही । वह उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं । आँवला के सांसद श्री नीरज मौर्य भी दो बार बसपा से विधायक रह चुके हैं ।
इस चुनाव में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बिजनौर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर श्री दीपक सैनी, फ़र्रुख़ाबाद से डॉ. नवल कुमार शाक्य, फूलपुर से श्री अमरनाथ मौर्य ने चुनाव लड़ा परन्तु उन्हें सफलता नहीं मिली । इसी प्रकार से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र सम्भल से श्री परमेश्वर लाल सैनी, बदायूँ से श्री दुर्विजय सिंह शाक्य तथा सलेमपुर से श्री रवीन्द्र कुशवाहा ने लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें भी जीत हासिल नहीं हुई । बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर भी इस समाज के दो लोगों ने क़िस्मत आज़माई परन्तु उन्हें भी जीत नहीं मिली । झाँसी- ललितपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से श्री रवि प्रकाश कुशवाहा ने और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चंदौली से श्री सत्येन्द्र कुमार मौर्य ने । कुशीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे श्री स्वामी प्रसाद मौर्य को भी हार का सामना करना पड़ा ।
मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के उत्तर -प्रदेश से उप -विजेता सांसद
वर्ष 1957 के चुनाव में जनपद अलीगढ़ से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर श्री भगवती प्रसाद मौर्य ने दूसरा स्थान हासिल किया। उन्हें 1 लाख, 75 हजार, 160 मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 1967 के आम चुनाव में जनपद फरूखाबाद से भारतीय जनसंघ के टिकट पर श्री दयाराम शाक्य ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 75 हजार, 147 मत प्राप्त हुए थे।
वर्ष 1980 के आम चुनाव में सलेमपुर देवरिया से जनता पार्टी (एस) के टिकट पर चुनाव लडे श्री रामनरेश कुशवाहा, ने 1 लाख, 5 हजार, 386 मत प्राप्त कर तथा जनपद एटा से जनता पार्टी के ही टिकट पर चुनाव लडे श्री महादीपक सिंह शाक्य ने 83 हजार मत प्राप्त कर द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
वर्ष 1984 में जनपद फरूखाबाद से भाजपा के टिकट पर 1 लाख, 10 हजार, 281 मत प्राप्त कर श्री दयाराम शाक्य उप विजेता रहे।
वर्ष 1991 में मध्यावधि चुनाव हुए। जिसमें श्री बाबूलाल कुशवाहा ने बसपा के टिकट पर जनपद बांदा से चुनाव लड़कर दूसरा स्थान हासिल किया। उन्हें कुल मिलाकर 91 हजार, 652 मत प्राप्त हुए थे। इसके अतिरिक्त जनपद झांसी से जनता दल के टिकट पर श्री रामनरेश कुशवाहा, जनपद इटावा से जनता पार्टी के टिकट पर श्री राम सिंह शाक्य, गाजीपुर से श्री जगदीश कुशवाहा, इलाहाबाद उत्तर से श्री मोतीलाल कुशवाहा, जनपद मिर्जापुर से लोकदल के टिकट पर श्री शिवनाथ मौर्य, बदायूं से श्री दुलीचंद मौर्य, इटावा से श्री रामौतार कुशवाहा तथा फरूखाबाद से ज्ञानेश्वर प्रसाद शाक्य ने चुनाव लडा।
इसी चुनाव में बसपा के टिकट पर जनपद चंदौली से श्री छविनाथ मौर्य, सलेमपुर से श्री रामनाथ मौर्य, बांदा से श्री बाबूलाल कुशवाहा ने चुनाव लडा।इसके अतिरिक्त निर्दलीय लड़ने वालों में आंवला से डॉ केदारनाथ मौर्य, रायबरेली से श्री माता प्रसाद मौर्य, खलीलाबाद से कृष्ण कन्हैया लाल मौर्य, झांसी से बाबूलाल कुशवाहा, मथुरा से श्री पूरन सिंह सैनी, जलेसर से दिनेश चन्द्र कुशवाहा, अलीगढ़ से श्री हरी सिंह सैनी, वाराणसी से डॉ रमेश चंद्र कुशवाहा, तथा इलाहाबाद से श्री गुलाब सिंह कुशवाहा प्रमुख थे।
वर्ष 1998 के आम चुनाव में जनपद बदायूं से भाजपा के टिकट पर शांति देवी शाक्या ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रही। उन्हें 2 लाख, 24 हजार, 925 मत प्राप्त हुए। झांसी- ललितपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर श्री हरगोविंद कुशवाहा ने अपनी किस्मत आजमाई। उन्हें 2 लाख, 22 हजार, 965 मत प्राप्त हुए तथा उपविजेता रहे। इसी चुनाव में जनपद इटावा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर श्री राम सिंह शाक्य ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 2 लाख, 28 हजार, 942 मत प्राप्त हुए।
वर्ष 1999 में पुनः देश में मध्यावधि चुनाव हुए। जिसमें जनपद बदायूं से भाजपा के टिकट पर पुनः शांति देवी शाक्या ने चुनाव लडा। 1 लाख, 95 हजार, 182 मत प्राप्त कर वह दूसरे स्थान पर रही। सलेमपुर देवरिया से श्री हरिवंश सहाय कुशवाहा ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपनी किस्मत आजमाई। उन्हें 1 लाख, 61 हजार, 508 मतों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। जनपद चंदौली से भाजपा के टिकट पर श्री आनन्द रत्न मौर्य ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 1 लाख, 91 हजार, 883 मत प्राप्त हुए। जनपद मिर्जापुर से, सांसद फूलन देवी की मृत्यु के बाद, हुए उप चुनाव में श्री एस. एन. कुशवाहा ने बसपा के टिकट पर चुनाव लडा। उन्हें 1 लाख, 90 हजार, 332 मत प्राप्त हुए तथा उपविजेता रहे।जनपद एटा से श्री महादीपक सिंह शाक्य ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 1 लाख, 74 हजार, 585 मत प्राप्त हुए।
वर्ष 2004 के आम चुनावों में जनपद एटा से श्री अशोक रत्न शाक्य ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 2 लाख, 24 हजार, 821 मत प्राप्त हुए। जनपद मैनपुरी से श्री अशोक शाक्य ने बसपा के टिकट पर समाज वादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 1 लाख, 22 हजार, 600 मत प्राप्त हुए। यहां वर्ष 2004 में ही उप चुनाव हुआ था जिसमें पुनः अशोक शाक्य ने किस्मत आजमाई, परन्तु वह दूसरे स्थान पर रहे। इसी चुनाव में जनपद चंदौली से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 2 लाख, 2 हजार, 956 मत प्राप्त हुए। जनपद बदायूं से भाजपा के टिकट पर श्री ब्रजपाल सिंह शाक्य ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 2 लाख, 14 हजार, 391 मत प्राप्त हुए।
वर्ष 2009 के आम चुनाव में जनपद मैनपुरी से श्री विनय शाक्य ने बसपा के टिकट पर मुलायम सिंह के खिलाफ चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 2 लाख, 19 हजार, 239 मत प्राप्त हुए। जनपद रायबरेली से कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ बसपा के टिकट पर श्री आर. एस. कुशवाहा ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 1 लाख से अधिक मत प्राप्त हुए। इसी चुनाव में जनपद कुशीनगर से बसपा के ही टिकट पर श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकसभा का चुनाव लड़कर दूसरा स्थान हासिल किया। उन्हें 2 लाख से अधिक मत प्राप्त हुए। जनपद मिर्जापुर से श्री अनिल कुमार मौर्य ने बसपा के ही टिकट पर चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। लगभग 2 लाख मत प्राप्त हुए। अन्य प्रतिभागियों में दीपमाला कुशवाहा ने झांसी से, विश्व स्वरूप मौर्य ने फतेहपुर से तथा विजय कुमार मौर्य ने अम्बेडकर नगर से अपनी किस्मत आजमाई परन्तु असफल रहे।
वर्ष 2014 के आम चुनाव में जनपद मैनपुरी से श्री प्रेम सिंह शाक्य ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे।उनको कुल मिलाकर 3 लाख, 32 हजार, 537 मत प्राप्त हुए। जनपद गाजीपुर से श्रीमती शिवकन्या कुशवाहा ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लडा तथा उपविजेता रही। उन्हें कुल मिलाकर 2 लाख, 74 हजार, 471 मत प्राप्त हुए। जनपद चंदौली से अनिल कुमार मौर्य ने बसपा के टिकट पर चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे।उनको कुल मिलाकर 2 लाख 57 हजार, 379 मत प्राप्त हुए।
वर्ष 2019 के आम चुनाव में जनपद मैनपुरी से भाजपा के टिकट पर श्री प्रेम सिंह शाक्य ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 4 लाख, 30 हजार, 537 मत प्राप्त हुए। जनपद कुशीनगर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर श्री नथुनी प्रसाद कुशवाहा ने लोकसभा का चुनाव लडा तथा 2 लाख, 59 हजार, 479 मत प्राप्त कर उपविजेता रहे। भाजपा के टिकट पर श्री परमेश्वर लाल सैनी ने सम्भल से चुनाव लड़कर दूसरा स्थान हासिल किया। उन्हें 4 लाख, 83 हजार, 180 मत प्राप्त हुए।सलेमपुर से बसपा के टिकट पर श्री आर. एस. कुशवाहा ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। उन्हें 3 लाख, 55 हजार, 325 मत प्राप्त हुए। इसी चुनाव में जनपद चंदौली से श्रीमती शिवकन्या कुशवाहा ने जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनाव लडा। उन्हें 22 हजार, 291 मत प्राप्त हुए।
निष्कर्ष :
यदि वर्ष 1931 की जातीय जनगणना को आधार बनाया जाए तो यह कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज की सम्मिलित आबादी वर्तमान समय में लगभग प्रदेश की जनसंख्या की 10 फीसदी के आसपास होगी। इस लिहाज से देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी लोकसभा में उत्तर- प्रदेश से मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज का प्रतिनिधित्व बहुत सन्तोष जनक नहीं माना जा सकता। आबादी के हिसाब से आनुपातिक रूप से इस समाज के प्रदेश से कम से कम 8 सांसद होने चाहिए।
पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी लोकसभा में उत्तर प्रदेश से इस समाज का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। वर्ष 1971 में 2 सांसद, वर्ष 1977 में 3 सांसद, वर्ष 1980 में 2 सांसद, वर्ष 1984 में 1 सांसद, वर्ष 1989 में 3 सांसद, वर्ष 1991 में 3 सांसद, वर्ष 1996 में 4 सांसद, वर्ष 1998 में 2 सांसद, वर्ष 1999 में 1 सांसद, वर्ष 2004 में 3 सांसद, वर्ष 2009 में सम्भवतः कोई नहीं, वर्ष 2014 में 2 सांसद तथा वर्ष 2019 में 2 सांसद लोकसभा में चुनकर आए। वर्ष 2024 में 3 लोग सांसद बने । अभी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व के लिए इस समाज को संगठित होकर और अधिक प्रयास करना होगा।
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, दिनांक – 26-08-2024 झाँसी, उत्तर- प्रदेश (भारत)
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अत्यधिक श्रमसाध्य अध्ययन... यह लेख बहुत सारे विचारणीय तथ्यों को अपने मे समाहित किये हुए है।समाज के प्रति आपके सतत समर्पण के लिए आपको साधुवाद।
बहुत बहुत धन्यवाद आपको डॉ साहब