प्रेरक व्यक्तित्व- डॉ. आर. पी. मौर्य

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समाज सेवा एक अकेली जंग है, जहां लक्ष्य हार और जीत नहीं बल्कि सिर्फ समाज की बेहतरी और बदलाव है। इस जंग में अपने को खपाने वाले लोग समाज के लिए आदर्श और युवाओं के लिए प्रेरक व्यक्तित्व होते हैं।

उत्तर -प्रदेश में जनपद रायबरेली के ऊंचाहार कस्बे से दो किलोमीटर दूर, ग्राम- मनऊ का इंदारा, पोस्ट- अरखा में एक साधारण गरीब और किसान परिवार में दिनांक 9 मार्च 1955 को जन्मे डा. आर. पी. मौर्य ऐसे ही प्रेरक व्यक्तित्व हैं। मां श्रीमती सुंदारा देवी तथा पिता श्री शिवमंगल मौर्य के सुपुत्र डॉ. आर. पी. मौर्य युवाओं के चहेते तथा प्रेरणा का स्रोत हैं।

कठिन तथा अनवरत परिश्रम करने वाले डॉक्टर आर. पी. मौर्य ने अपनी मेहनत तथा लगन के बलबूते गरीबी और अभाव का जीवन जीते हुए भी मेडिकल (होम्योपैथी चिकित्सा) की शिक्षा ग्रहण किया। बचपन में बिना किसी कांवेंट स्कूल में पढ़े हुए अपनी प्रतिबद्धता की बदौलत आपने ऊंचाई की बुलंदियों को छुआ। हाई स्कूल जवाहर इंटर कॉलेज अरखा तथा इंटर मीडिएट महेश विद्या निकेतन, ऊंचाहार से पास करने के बाद विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई किया। लखनऊ से बी. एच. एम. एस. करने के बाद वर्ष 1996 में सरकारी सेवा में आ गए। उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बतौर मेडिकल अफसर अपनी सेवाएं देने के बाद सेवा निवृत्त हुए।

सरकारी सेवा करने के साथ-साथ डॉ. आर. पी. मौर्य का जीवन हमेशा सामाजिक सरोकारों से प्रतिबद्ध रहा है। गांव की उन गलियों, कूचों और मुहल्लों को वह कभी नहीं भूले जहां जन्म लेकर वह पले, बढ़े और शिक्षित हुए थे। यही कारण है कि वह आज भी अपने पैतृक गांव में ही रहते हैं तथा 24 घंटे बीमारों और असहायों की मदद करते हैं। उनके यहां से कभी कोई निराश होकर नहीं गया। 1980 में डॉ. आर. पी. मौर्य ने लोगों को रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने हेतु “वेलफ्रेट ट्रेडिंग कारपोरेशन” का गठन किया।

समाज अंधविश्वास और कुरीतियों से मुक्त हो वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़े, ऐसा सपना हमेशा डॉ. साहब का रहा है। अपने पिता जी की स्मृति को संजोकर रखने तथा क्षेत्र के बच्चियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए उन्होंने ऊंचाहार में वर्ष 2009 में “शिवमंगल मौर्य बालिका इंटर कालेज” की स्थापना किया।जो आज अपने ज्ञान का प्रकाश बिखेर रहा है। यहां कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा संस्कार तथा अनुशासन के साथ दी जाती है। इसके साथ ही वर्ष 2018 में ऊंचाहार कस्बे में ही आपने मां के नाम पर “सुंदारा देवी कालेज आफ होम्योपैथी फार्मेसी” की स्थापना कर रोजगार परक शिक्षा देने की व्यवस्था किया है।

सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव के लिए पूरी शिद्दत से काम करने वाले डॉक्टर आर. पी. मौर्य ने सिद्धार्थ ग्रामोदय सेवा समिति के माध्यम से समाज में समता, ममता और करुणा से प्रेरित बुद्ध भगवान के संदेशों को आम जन तक पहुंचाने में अपने को लगा रखा है। लोगों को बुद्ध, धम्म और संघ की ओर प्रेरित करने में उनके योगदान के लम्बे समय तक याद किया जाएगा। ऊंचाहार कस्बे में दो दिवसीय बौद्ध महोत्सव का आयोजन पिछले कुछ वर्षों से उन्हीं के प्रयासों से सम्पन्न होता है जहां गरीबों और असहायों की सहायता भी की जाती है। यह उन्हीं का प्रयास है कि इस क्षेत्र में पिछले कई सालों से सामूहिक विवाह सम्मेलन समारोह भी बड़े पैमाने पर आयोजित होता है।

जनपदरायबरेली, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशाम्बी और इलाहाबाद (प्रयागराज) में होने वाले सामाजिक कार्यक्रमों में सदैव उनकी उपस्थिति रहती है। सभी के सुख- दुःख के वह साथी हैं। आजीवन समाज की नि: स्वार्थ सेवा करने वाले डॉक्टर साहब के ऊपर कभी किसी प्रकार के आरोप नहीं लगे। भाई- भतीजा वाद से वह कोसों दूर हैं। उत्तर -प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री माननीय श्री स्वामी प्रसाद मौर्य के अति प्रिय तथा सहयोगी होते हुए भी अहंकार उन्हें छू भी नहीं पाया। विनम्रता, सरलता, सहजता उनके व्यक्तित्व की पहचान है। मुक्त हाथों से सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दान देने वाले डॉक्टर आर.पी. मौर्य की धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला मौर्या हैं। बेटा डॉ. आशीष कुमार मौर्य तथा बहू डाक्टर सरिता मौर्या होम्योपैथी चिकित्सा में एम.डी. हैं। बेटी डाक्टर दिव्या मौर्या उत्तर- प्रदेश सरकार में जिला कृषि अधिकारी तथा दामाद डाक्टर प्रमोद कुमार मौर्य दिल्ली विश्वविद्यालय में गणित विषय में प्रोफेसर हैं।

बावजूद इन निजी तथा पारिवारिक उपलब्धियों के डा. आर. पी. मौर्य सबके हैं तथा सब उनके हैं। यही मजबूत सामाजिक डोर हमारे जैसे अनेकों लोगों भी उनसे जोड़े हुए है।


– डॉ. राजबहादुर मौर्य, फोटो ग्राफ्स- संकेत सौरभ, झांसी

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Dr. RB Mourya:

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