नेकी और ईमानदारी की सीख दे गये श्री रामेश्वर प्रसाद मौर्य…

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जनपद रायबरेली (उ.प्र.) में वर्ष 1960 के दशक से सामाजिक आन्दोलन में बढ़- चढ़ कर हिस्सा लेने वाले तथा समाज को बुराइयों व अज्ञानता से निकालने में ताउम्र अपने को खपाने वाले श्री रामेश्वर प्रसाद मौर्य समाज को “नेकी” और “ईमानदारी” की सीख दे गये। जनपद रायबरेली में स्थित सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य सेवा संस्थान में एक सामाजिक बैठक से वापस आते वक्त सड़क दुघर्टना में घायल तथा शिर में लगी चोट ने दिनांक 25 मई 2015 को उनके प्राण ले लिया। आज उनका शरीरांत हुए आज ७ वर्ष बीत गये, बावजूद इसके उनकी स्मृतियां मानस पटल पर अंकित हैं। उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों का सुफल आज समाज को मिल रहा है।

दिनांक 3 अप्रैल 1942 ई को जनपद रायबरेली के एक दूर दराज के गांव चकलोदी पुर, पोस्ट- रुस्तमपुर, विकास खंड राही में ममता मयी मां सुनाथा देवी तथा पिता श्री सूर्यबली मौर्य के सुपुत्र के रूप में रामेश्वर प्रसाद मौर्य ने जन्म लिया था। उनकी 2 बहनें सिरताजा (परिनिवृत्त) तथा शांति देवी हैं। चार भाइयों स्वयं, रामसुख, रामनरेश तथा रामनारायण मौर्य (परिनिवृत्त) के साथ गांव की गलियों और खेत- खलिहानों में उनका भी जीवन बीता था। प्राथमिक शिक्षा भी उनकी प्राइमरी पाठशाला रुस्तमपुर में सम्पन्न हुई थी। पूर्व माध्यमिक विद्यालय टेकारी से 6 से 8 तक की शिक्षा प्राप्त किया। आगे की पढ़ाई के लिए वह जिला मुख्यालय रायबरेली में आ गए तथा नेशनल इण्टर कालेज में अध्ययन किया। श्रीमती फूलमती देवी उनकी धर्मपत्नी हैं। दो बेटियां कमलेश और प्रीती मौर्या तथा दो बेटे बृजेश व विवेक मौर्य हैं।

कबीर पंथ के सांस्कृतिक परिवेश में पले श्री रामेश्वर प्रसाद मौर्य वर्ष 1960 से ही सामाजिक आन्दोलन में आ गए। इसी के साथ वह चकबंदी विभाग में लेखपाल की सेवा में भी आए। वर्ष 1979 में लेखपाल से प्रोन्नति पाकर वह कानूनगो बने तथा 1993 में सहायक चकबंदी अधिकारी पद की गरिमा को बढ़ाया। वर्ष 2000 ई. में इसी पद से सेवानिवृत्त हुए। सरकार की नौकरी करते हुए जिस प्रकार वह सामाजिक सरोकारों से जुड़े थे वैसी मिसाल दुर्लभ है। जब 1969-70 में रायबरेली में भारत मौर्य संघ की शाखा का गठन हुआ तो श्री रामेश्वर प्रसाद मौर्य पूरी निष्ठा से वहां जुड़ गए। वर्ष 1974 में जनपद रायबरेली में इन्हीं समर्पित कार्यकर्ताओं की टीम के द्वारा राजर्षी रामपाल सिंह वैदिक इंटर कॉलेज के प्रांगण में अखिल भारतीय मौर्य सम्मेलन का शानदार आयोजन किया गया। सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य सेवा संस्थान के वह संस्थापक सदस्यों में से थे। लम्बे समय तक वह उक्त संस्था के आडीटर रहे।

श्री रामेश्वर प्रसाद मौर्य की टीम के साथियों में ‌श्री रामलाल मौर्य, रायपुर, श्री रघुबर प्रसाद मौर्य,बस्तेपुर, श्री बालकृष्ण मौर्य, तरौना, श्री महावीर प्रसाद मौर्य, जोहवा, श्री छीटू सिंह,संकरा, श्री रघुनाथ प्रसाद मौर्य, बेही खोर, श्री गजाधर प्रसाद मौर्य, बेलाटेकयी, श्री राम दुलारे मौर्य, रुस्तमपुर, श्री मनबोध मौर्य, भीलमपुर, श्री सुखलाल मौर्य, अरखा, श्री बाबा दीन मौर्य, उजेहनी, श्री बिन्दा प्रसाद मौर्य, सतांव, श्री छोटेलाल मौर्य, अतरेहटा, श्री भगवान दीन मौर्य, मुलिहा मऊ, प्रमुख थे। श्री माता प्रसाद मौर्य, खालीसहाट, श्री गजाधर प्रसाद मौर्य,अहिया रायपुर, एड्डवोकेट रामदेव प्रसाद मौर्य, श्री राम बक्स मौर्य, श्री सूर्य प्रसाद मौर्य, श्री बुद्धी लाल मौर्य, श्री नंदलाल मौर्य, श्री लालता प्रसाद मौर्य, श्री गया दीन मौर्य,‌ श्री रामनेवाज मौर्य, श्री राम गुलाम मौर्य के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उन्होंने हमेशा समाज को आगे बढ़ाने का भरसक प्रयास किया है।

आज इनमें से ज़्यादातर साथी अब इस दुनिया में नहीं हैं ।पिछले वर्षों में रायबरेली क़स्बे के खालीसहाट मुहल्ला निवासी तथा नेता जी के नाम से मशहूर श्री माता प्रसाद मौर्य का भी निधन हो गया है ।सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य सेवा संस्थान के अध्यक्ष, रायपुर अहिया निवासी श्री गजाधर प्रसाद मौर्य का भी निर्वाण हो चुका है ।

आजीवन कुरीतियों, कुप्रथाओं, पाखण्ड तथा अन्याय और अत्याचार का पुरजोर विरोध करने वाले श्री रामेश्वर प्रसाद मौर्य आज सशरीर हमारे बीच में नहीं हैं, परंतु उनकी सीख हमारे साथ है। सम्प्रति उनकी बड़ी बेटी श्रीमती कमलेश मौर्या जनपद झाँसी में निवास कर रही हैं तथा छोटी बेटी श्रीमती प्रीती मौर्या जनपद अमेठी में निवास कर रही हैं ।विनम्रता पूर्वक उन्हें नमन।


-इं.सपना मौर्या तथा डॉ.संकेत सौरभ के साथ झांसी से श्रीमती कमलेश मौर्या व डॉ. राजबहादुर मौर्य, दिनांक : 25. 05. 2022 ई.

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Dr. RB Mourya:

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