श्री चन्द्रेश्वर प्रसाद सिन्हा (सी. पी. सिन्हा) का निधन एक युग का अंत है…!

  • डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान, बुन्देलखण्ड कॉलिज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश) भारत


बूँद- बूँद लहु दे अपना सींच गये वह हिन्द चमन । जब तक ज़िंदा कलम रहेगी याद करेगा उन्हें वतन ॥

बिहार के लेनिन नाम से मशहूर बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा की वैचारिकता से प्रभावित और उन्हें अपना राजनीतिक आदर्श मानने वाले, ताउम्र अर्जक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता, समाज सुधार, शिक्षा और समानता के लिए समर्पित, कुशवाहा समाज के सम्मानित नेता, सामाजिक न्याय की बुलंद आवाज़, बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे आदरणीय श्री चन्द्रेश्वर प्रसाद उर्फ़ सी. पी. सिन्हा का निधन एक युग का अंत है । सी. पी. सिन्हा पर बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा का प्रभाव था । संघर्षों को उन्होंने अपना जीवन साथी बनाया था । मृदुभाषी स्वभाव, लम्बा क़द, तेजस्वी ललाट, ऊर्जा से लबरेज़ व्यक्तित्व परन्तु ब्राह्मणवादी व्यवस्था तथा भेदभाव की मुख़ालफ़त करने वाले सी. पी. सिन्हा का दिनांक 06 जून, 2025 को एक संक्षिप्त बीमारी के कारण पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया । उनके निधन के साथ बाबू जगदेव प्रसाद सिंह कुशवाहा की विरासत की सबसे मज़बूत कड़ी टूट गयी । यह सी. पी. सिन्हा का ही निर्भीक और निडर व्यक्तित्व था जो जो बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा के नारे “ सौ में नब्बे शोषित है, नब्बे भाग हमारा है ॥ को पटना के गांधी मैदान की अपार भीड़ के सामने दोहरा सकते थे । वह जनता दल युनाइटेड के सम्मानित नेता थे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अति क़रीबी थे बावजूद इसके वह कुशवाहा समाज को राजनीतिक भागीदारी दिलाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे । 3 जून, 2016 को सी. सिन्हा जनता दल युनाइटेड के प्रत्याशी के रूप में बिहार विधान परिषद के निर्विरोध सदस्य चुने गए और 2022 तक वह इस पद पर रहे । किसान आयोग के भी वह पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं ।

पटना जिले के दुल्हिन बाज़ार के पास दिहुली गाँव में दिनॉंक 1 जून, 1948 को पैदा हुए सी. पी. सिन्हा जी छात्र जीवन से ही अत्यंत मेधावी और जुझारू प्रकृति के थे । वर्ष 1969 में उन्होंने पटना विश्वविद्यालय, पटना से बी. काम (आनर्स) की पढ़ाई की और फिर वहीं से एम. काम किया । उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद वह सेन्ट्रल बैंक में नौकरी करने लगे । सी. पी. सिन्हा का मानना था कि सामाजिक बदलाव की नींव शिक्षा होती है । उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा के प्रचार और प्रसार के लिए समर्पित भाव से काम किया । अपने पैतृक गाँव में उन्होंने बाबू जगदेव प्रसाद उच्च विद्यालय की स्थापना किया जो आज भी ग्रामीण परिवेश में ज्ञान का दीपक जला रहा है । उनके निधन से बिहार की सामाजिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि का एक महान् व्यक्तित्व चला गया । सी. पी. सिन्हा को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री माननीय श्री नीतीश कुमार ने कहा कि, “सी. पी. सिन्हा कुशल राजनेता और समाजसेवी थे । वह जीवन भर किसानों की भलाई के लिए काम करते रहे । वह आमजन में बेहद लोकप्रिय थे क्योंकि वह साधारण परिवेश और ज़मीन से जुड़े हुए थे । पार्टी से भी वह मजबूती से जुड़े रहे ।” माननीय विजय कुमार चौधरी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “ सी. पी. सिन्हा समर्पित जन प्रतिनिधि थे । वह मूल्यनिष्ठ, सादगीपूर्ण और संघर्षशील राजनीतिक जीवन के जीवंत प्रतीक थे । उनकी कर्मठता, विचारशीलता और सहज व्यक्तित्व ने जनमानस में उन्हें विशेष स्थान दिलाया । उनका जाना एक युग का अंत है जिसे शब्दों में नहीं बाँधा जा सकता ।” उनके एक वैचारिक अनुयायी क्रांतिकारी रंजन सिंह कुशवाहा ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “सी. पी. सिन्हा बिहार के कुशवाहा समाज के भीष्म पितामह थे और जे. डी. यू. के संस्थापक सदस्य थे । उनके निधन से एक बड़ी क्षति हुई है ।” उत्तर- प्रदेश अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष श्री आलोक कुशवाहा जी उन्हें याद करते हुए कहते हैं, “सी. पी. सिन्हा जी से मेरी पहली मुलाक़ात 1998 में अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के एक अधिवेशन में दिल्ली में हुई थी । वह बहुत ही मिलनसार और समाज के लिए कुछ करने के लिए तत्पर रहते थे । वह कुछ समय के लिए अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष भी रहे । सी. पी. सिन्हा ने अपने जीवनकाल में बिहार की राजनीति में पिछड़ों की भागीदारी की वकालत की । आज वह हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनके बताए और दिखाए हुए रास्ते पर चलकर हम जितना भी समर्पण समाज के लिए कर सकें वही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।” सी. पी. सिन्हा का एक पुत्र डॉ. शक्ति कुमार सिन्हा बिहार के सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय हैं ।

उत्तर- प्रदेश सरकार में रेशम विभाग के पूर्व उप- निदेशक और सामाजिक कार्यकर्ता तथा निरंतर तथागत बुद्ध, महात्मा ज्योतिबा फूले, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की विचारधारा के प्रचार प्रसार में समर्पित तथा कई पुस्तकों के लेखक श्री आर. एल. मौर्य ने मुझे बताया कि, “सी. पी. सिन्हा लम्बे समय तक अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा और कुशवाहा राजनीतिक विचार मंच से जुड़े रहे । दिनांक 25, 26 एवं 27 मई, 1984 को अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा का हीरक जयंती महाधिवेशन मिरर हाईस्कूल मैदान, पटेल पथ पटना में धूमधाम के साथ मनाया गया । इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन में सी. पी. सिन्हा जी महत्वपूर्ण भूमिका थी । इस महाधिवेशन की अध्यक्षता तत्कालीन अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष और सांसद अजीत कुमार मेहता ने किया था जबकि कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद श्री दयाराम शाक्य जी ने किया था । इस ऐतिहासिक समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से आए लगभग 25 हज़ार की संख्या में साहित्यकार, कवि, लेखक, पत्रकार और सांसद और विधायक शामिल थे । इसी कार्यक्रम में जब महासभा की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया तब सी. पी. सिन्हा जी को संगठन के महामंत्री पद का गुरुतर दायित्व सौंपा गया । यह सी. पी. सिन्हा जी की कार्यनिष्ठा और परिश्रम का परिणाम था । इसी सम्मेलन में प्रियदर्शी सम्राट अशोक की नगरी पटना में अवस्थित पटना विश्वविद्यालय का नाम बदलकर प्रियदर्शी अशोक विश्वविद्यालय करने तथा भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया में स्थित मगध विश्वविद्यालय का नामकरण गौतमबुद्धनगर विश्वविद्यालय करने की माँग की गयी । इस सम्मेलन में विधायक श्री गोरेलाल शाक्य, सांसद श्री बंधु महतो, सांसद श्री रामनरेश कुशवाहा, सांसद श्री रामसिंह शाक्य, सांसद श्री निहाल सिंह, सांसद श्री दयाराम शाक्य जैसे दिग्गज प्रतिनिधि मौजूद थे ।” आगे आर. एल. मौर्य जी कहते हैं कि उनका पूरा जीवन कुशवाहा समाज और वंचित वर्गों की आवाज़ बनने में समर्पित रहा । अब यह हम सब की ज़िम्मेदारी है कि हम मिलकर उनके नाम और काम को आगे बढ़ाएँ, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।

कुश जयंती समारोह मुगलसराय, वाराणसी में… दिनांक 12-08-1990 को मुगलसराय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में कुशवाहा कल्याण परिषद मुगलसराय द्वारा आयोजित कुश जयंती समारोह में अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के महामंत्री के रूप में सी. पी. सिन्हा जी ने शिरकत किया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता किया । इस कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व परिवहन राज्यमंत्री रहे श्री उदयनाथ मौर्य के द्वारा किया गया था । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनपद ग़ाज़ीपुर से जनता दल के सांसद श्री जगदीश नारायण कुशवाहा जी ने किया था । कार्यक्रम में शामिल अन्य अतिथियों में श्री नाथ सिंह कुशवाहा , महामंत्री कुशवाहा समाज, वाराणसी, श्री बद्रीसिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, चकिया, श्री ईश्वरी प्रसाद सिंह एडवोकेट, अखिल भारतीय शाक्य, मौर्य, कुशवाहा, सैनी महासभा के मंत्री डॉ. लाल जी राम कुशवाहा जैसे वरिष्ठ लोग उपस्थित थे । कार्यक्रम में सी. पी. सिन्हा जी ने अपने भाषण में समाज की कुरीतियों को मिटाने एवं संगठित होने तथा शादी विवाह में होने वाली फ़िज़ूलख़र्ची को रोकने पर बल दिया ।

गया जिला कुशवाहा सभा के सम्मेलन में… दिनांक 22 एवं 23 जनवरी, 1994 को बिहार के जनपद गया में दो दिवसीय कुशवाहा सभा का विशाल सम्मेलन स्वर्गीय जगलाल महतो नगर कुजापी में आयोजित किया गया । इस सम्मेलन का उद्घाटन अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के महामंत्री श्री सी. पी. सिन्हा के द्वारा किया गया । इस सम्मेलन में जिले के ग्रामीण अंचलों से तक़रीबन पाँच हज़ार लोगों ने शिरकत किया था । सम्मेलन की अध्यक्षता गया जिला कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष श्री सिद्धेश्वर प्रसाद ने किया तथा स्वागत भाषण श्री ओमप्रकाश वर्मा ने दिया अन्य वक्ताओं में पूर्व ग्रामीण विकास राज्यमंत्री व सांसद श्री उपेन्द्र नाथ वर्मा, बिहार लोकहित पार्टी के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाहा, पूर्व विधायक श्री अकलू राम महतो, प्रोफेसर रामनरेश प्रसाद वर्मा, अर्जक गायक श्री बालेश्वर प्रसाद, इत्यादि उपस्थित थे । इस अवसर पर जिला कुशवाहा महिला मंच का सम्मेलन भी श्रीमती ऊषा किरण वर्मा, की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ । जिसमें महिलाओं ने समाज में व्याप्त अन्धविश्वास, तिलक दहेज, बाल विवाह, सामंती रीति रिवाज, अशिक्षा, पर्दा प्रथा आदि विषयों पर कड़ा प्रहार करते हुए सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं शैक्षिक क्षेत्रों में आगे आने पर बल दिया ।

बिहार प्रदेश कुशवाहा छात्र- युवा रैली में… दिनांक 10 मार्च, 1994 माता सावित्रीबाई फुले की 97 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान में बिहार प्रदेश कुशवाहा छात्र युवा रैली का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में सी. पी. सिन्हा की लगातार मौजूदगी रही और वह निरंतर छात्रों को उत्साहित करते रहे । इस अवसर पर उन्होंने रैली को अपने ओजस्वी विचारों से संबोधित भी किया । रैली का प्रारम्भ सांसद श्री मंजय लाल के उद्घाटन भाषण से हुआ । इस सम्मेलन की अध्यक्षता बिहार प्रदेश कुशवाहा छात्र युवा मंच के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार सिंह स्वागत भाषण डॉ. अरविन्द कुमार ने किया । इस अवसर पर लघु सिंचाई मंत्री श्री मंगली लाल मंडल, अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के संरक्षक श्री बनारसी सिंह ‘विजयी’ तथा उपाध्यक्ष श्री भगवान प्रसाद, ऊर्जा मंत्री श्री तुलसी दास मेहता, शोषित समाज पार्टी के बालेश्वर सिंह ‘बागी’ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के उपाध्यक्ष अकलूराम महतो, बिहार प्रदेश महिला मंच की अध्यक्ष श्रीमती विश्वतारा देवी, कालेज सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर बालेश्वर प्रसाद, इत्यादि उपस्थित थे । इस अवसर पर डॉ. अरविंद कुमार ‘ज्योति’ के सम्पादन में एक प्रेरणा स्मारिका का भी विमोचन किया गया । सभी वक्ताओं ने शाखावाद, भाई- भतीजावाद, क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर पूरे बिहार के कुशवाहा समाज को एकजुट करने, सबल नेतृत्व प्रदान करने, युवा शक्ति को आगे बढ़ाने, गरीब कुशवाहा समाज के मेधावी बच्चों की पढ़ाई में मदद करने तथा मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने की वकालत किया ।

कुशवाहा बन्धु विकास संघ गढ़वा (बिहार) के अधिवेशन में… श्री सी. पी. सिन्हा जी का जीवन निरंतर सामाजिक सरोकारों से जुड़ा रहा । बिहार की धरती पर होने वाला कोई भी सामाजिक कार्यक्रम उनसे छूट जाए या वह वहाँ पर न पहुँचे, ऐसा हो नहीं सकता था । दिनांक 10 अप्रैल, 1994 को शहीद नीलांबर नगर भवन (टाउन हॉल) में सी. पी. सिन्हा जी की अध्यक्षता में कुशवाहा बन्धु विकास संघ, गढ़वा मंडल का चौथा अधिवेशन बड़े शानदार तरीक़े से सम्पन्न हुआ । कार्यवाही का संचालन प्रोफेसर अर्जुन मेहता तथा एडवोकेट कुलदीप सिंह के द्वारा किया गया । अखिल भारतीय शाक्य, मौर्य, कुशवाहा, सैनी महासभा (रजिला) के महामंत्री डॉ. मुनीश्वर सिंह के द्वारा संस्था का झंडा फहराया गया । अधिवेशन का उद्घाटन बिहार सरकार के उप शिक्षा मंत्री श्री रामचन्द्र पुर्वे ने किया सम्मेलन में सभी वक्ताओं ने शिक्षा, संगठन, एकता, अनुशासन और आर्थिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा किया

अन्ततः … यह कहा जा सकता है कि बिहार की पावन सरज़मीं पर पैदा हुए सी. पी. सिन्हा जी ने अपना पूरा जीवन, पूरी क्षमता, पूरी विद्वता और पूरा समय राष्ट्र और समाज के नवनिर्माण में खपा दिया । निजी तौर उनका अपना कुछ भी नहीं… कोई भी नहीं, जो कुछ था और है वह, समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित … दुनिया में ऐसे कम लोग होते हैं जो ताउम्र बिना किसी लालच और लोभ के बिना किसी सत्ता की आकांक्षा के अपने आप को समाज की ख़ुशहाली और सम्मान तथा स्वाभिमान के लिए समर्पित कर देते हैं… आज जब वह हमारे बीच में नहीं हैं तो बरबस उनकी याद आती है… उनका बिताया हुआ जीवन हमारे जैसे अनगिनत लोगों के लिए नज़ीर है… अमर शहीद बाबू जगदेव प्रसाद की विरासत और विचारधारा की आख़िरी कड़ी टूट गयी… हम नम आँखों लेकिन दृढ़ संकल्पों के साथ आपको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं…क्रांतिकारी अभिवादन… ग्रेट सेल्यूट… सी. पी. सिन्हा जी…।

डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान, बुन्देलखण्ड कॉलिज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश) भारत
Share this Post
Dr. Raj Bahadur Mourya: