कपिलवस्तु का आगे वर्णन करते हुए ह्वेनसांग ने लिखा है कि नगर के दक्षिण, फाटक के बाहर,सड़क के वाम भाग में, एक स्तूप उस स्थान पर बना हुआ है जहां…
महीना: अप्रैल 2020
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- श्रावस्ती और कपिलवस्तु…
श्रावस्ती साकेत की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर “शीलोफुसीटी” अर्थात् श्रावस्ती आया। प्राचीन समय में इसका नाम “सहेट-महेट” गांव था। यह अयोध्या से 58 मील उत्तर…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- उन्नाव, प्रयाग, कौशाम्बी और सुल्तानपुर…
महाराज हर्षवर्धन से भेंट कर ह्वेनसांग “ओयूटो” राज्य में आया। सम्भवतः यह आजकल का उन्नाव रहा होगा। उस समय यहां सम्पूर्ण देश में कोई 100 संघाराम और 3000 साधु थे।…
डामोर आदिवासी
डामोर आदिवासी मूल रूप से गुजरात राज्य के निवासी हैं। राजस्थान में भी इनकी जनसंख्या उदयपुर, डूंगरपुर तथा बांसवाड़ा में निवास करती है। इन्हें डामरिया तथा दामोर नामों से भी…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- गढ़वाल, कुमायूं, संकिसा और कन्नौज…
गढ़वाल और कुमाऊं मायापुर या हरिद्वार से आगे चलकर ह्वेनसांग “पन्हो लोहिह मोपुलो” अर्थात् “ब्रह्मपुर” राज्य में आया इसकी पहचान गढ़वाल और कुमायूं के रूप में की गई है यहां…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कश्मीर, राजौरी, कुल्लू, लद्दाख और जालंधर…
पुनट और राजौरी कश्मीर की अपनी यात्रा के अगले चरण में ह्वेनसांग आगे चलकर पुन्नूमो (पुनच) राज्य में आया।इसको कश्मीर के लोग पुनट कहते हैं। यहां बौद्ध धर्म का प्रचार…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- उद्यान, वल्टिस्तान, तक्षशिला, सिंहपुर
उद्यान प्रदेश ह्वेनसांग अपनी यात्रा में आगे चलकर “उचंड्गना” अर्थात् “उद्यान” प्रदेश में आया।उस समय यह देश पेशावर के उत्तर में स्वात नदी पर था।उस समय यहां लगभग 1400 प्राचीन…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा – लमगान, नगरहार, हिद्दा, गांधार, पेशावर और लाहौर
लमगान और नगरहार कपिशा देश से 600 ली पूरब चलकर तथा घाटियों एवं पहाड़ियों को पार कर ह्वेनसांग उत्तरी भारत में पहुंचा। यहां उसका सबसे पहला पड़ाव “लैनयो”(लमगान) देश था।…
गरासिया जनजाति
गरासिया राजस्थान की एक प्रमुख आदिवासी क़ौम है। राजस्थान में सिरोही, उदयपुर और पाली जिलों में मुख्य रूप से इनका निवास है। सिरोही जिले की आबूरोड और पिण्डवारा तहसीलों में…
अखण्ड भारतीय राष्ट्र का अजेय, दैदीप्यमान, ध्रुव तारा : सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य…
आज से 2324 साल पहले (बैसाख कृष्ण पक्ष चतुर्दशी) भारत की इस पावन और पवित्र भूमि पर मौर्य वंश के एक सुपुत्र ने जन्म लिया। वह अखण्ड भारतीय राष्ट्र का…
पुस्तक समीक्षा : “ह्वेनसांग की भारत यात्रा” : भाग -1 से 30 तक
ह्वेनसांग की यात्रा का पहला पड़ाव “ओकीनी” राज्य था। यह स्थान वर्तमान काल में करशर अथवा कर शहर माना जाता है जो संगेज झील के पास है। उस समय यहां…
वार,भोई और लिगंन्नम जनजाति…
वार,भोई और लिगंन्नम जनजाति के लोग मेघालय में खासी जनजाति के अंतर्गत आते हैं। इन्हें उपरोक्त नाम उनके निवास स्थान के नाम से दिया गया है। नृजातीय रुप से यह…
पुस्तक समीक्षा- “ह्वेनसांग की भारत यात्रा”… परिचय
ह्वेनसांग तीसरा चीनी यात्री था जिसने सन 629 से 645 तक कुल 17 वर्ष लंबी भारत यात्रा की। उसने अपना यात्रा विवरण चीनी भाषा में लिखा इसका हिंदी में अनुवाद…
मणिपुर के आदिवासी…
भारत की पूर्वी सीमा पर स्थित मणिपुर राज्य 22,327 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। मणिपुर का प्राचीन नाम” कंलैपाक्” है। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक मणिपुर की कुल…