मूलतः ग्रामीण परिवेश के किसान परिवार से ताल्लुक़ रखने वाली शुभि यादव का जन्म दिनांक 30 दिसम्बर, 2001 को ग्राम- बचावली बुजुर्ग, पोस्ट- बडागॉंव, जनपद- झाँसी (उत्तर- प्रदेश) में हुआ । मॉं श्रीमती ममता यादव और पिता श्री सूर्यकान्त यादव की सुपुत्री शुभि यादव कठिन परिश्रम में विश्वास करती हैं । शुभि की प्राथमिक (2011) और जूनियर (2014) स्तर तक की शिक्षा सरस्वती ज्ञान मंदिर, बडागॉंव,जनपद झाँसी से सम्पन्न हुई । इसके बाद शुभि ने हाईस्कूल वर्ष 2016 में सनातन धर्म इंटर कॉलेज, झाँसी और इंटरमीडिएट वर्ष 2018 में आर्य कन्या इंटर कॉलेज, झाँसी से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया । स्नातक (बी.ए.) वर्ष (2021) और स्नातकोत्तर (एम.ए.) (2023) की शिक्षा बुन्देलखण्ड कॉलेज, झाँसी में प्राप्त किया ।

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अपने सरकारी आवास, 2, शिक्षक आवासीय कालोनी, कॉलेज कैम्पस, झाँसी में शुभि यादव को सम्मानित करती श्रीमती कमलेश मौर्या, झाँसी (उत्तर- प्रदेश), भारत

शुभि को बचपन से ही कठिन परिश्रम, सत्यनिष्ठा और आगे बढ़ने की प्रेरणा अपने दादा डॉ. रामचरन यादव से मिली है और आज भी मिलती है । शुभि, स्वामी विवेकानंद जी को अपना आदर्श मानती हैं । धर्म उनके लिए एक प्रेरणा है जो उन्हें दूरदर्शी और दृढ़ निश्चयी बनाता है । प्रेम को शाश्वत मानने वाली शुभि बड़ी बेबाक़ी से कहती हैं कि हम सब दोस्त हैं, दुश्मन नहीं । समाज और राष्ट्र के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी सामूहिक है । उनका एक भाई रूद्र प्रताप है । शिक्षा के साथ ही शुभि को ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण और पेंटिंग का भी शौक़ है । विशुद्ध रूप से शाकाहारी शुभि को राष्ट्रीय गीत और ग़ज़लों का भी शौक़ है । कम उम्र में ही उन्होंने उत्तर- प्रदेश और मध्य- प्रदेश, राजस्थान तथा दिल्ली के विभिन्न शैक्षणिक स्थलों का शैक्षणिक भ्रमण किया है ।

ज्ञान अनन्त सौन्दर्य है जो कभी फ़ीका नहीं पड़ता ईश्वर और मानवता को सभी की फ़िक्र करनी चाहिए, केवल विशेष लोगों की नहीं । अंतिम विजय सिर्फ़ सत्य की होती है । योग्यता में अंतर मनुष्य को मनुष्य से अलग नहीं करता बल्कि योग्यता सिखाती है कि सब मनुष्य समान हैं । जनहित सदैव निजी हितों से ऊपर होता है और यदि नहीं होता तो होना चाहिए, यही चिरंतन और शाश्वत संदेश है ।” उन सभी गुरूजनों जिनका मार्गदर्शन आपको प्राप्त हुआ… का यही पैग़ाम है… एक सफल इंसान के साथ एक नेकदिल इंसान बने… अपने घर- परिवार, समाज और देश का नाम रौशन करें… यही दुआ है..!

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