को-किंगडम ऑफ वंडर – कम्बोडिया
को- किंगडम ऑफ वंडर के नाम से जाना जाने वाला देश कम्बोडिया हिन्द- चीन प्रायद्वीप का एक देश है जो सन् १९५५ ई. में फ्रांसीसी आधिपत्य से मुक्त हुआ है। द्वितीय विश्व युद्ध में कम्बोडिया पर जापान का अधिकार था। कम्बोडिया, फ्रेंच शब्द कम्बोज का रूपांतरण है। नाग यहां के मूल निवासी हैं।
कम्बोज के प्रथम ऐतिहासिक राजवंश का संस्थापक श्रुतवर्मन था जिसने कम्बोज को फूनान की अधीनता से मुक्त किया। श्रुतवर्मन के पुत्र श्रेष्ठ वर्मन ने अपने नाम पर श्रेष्ठ पुर नामक राजधानी बसायी जिसके खंडहर आज भी लाओस के वाटफू पहाड़ी के पास स्थित हैं। अगली पीढ़ी में भव वर्मन ने एक नया, ख्मेर राजवंश चलाया। महेंद्र वर्मन के पुत्र ईशान वर्मन ने कम्बोज की सीमाओं का विस्तार किया तथा ईशानपुर नामक नयी राजधानी बनाया।
१ लाख ८१ हजार वर्ग मील क्षेत्र में बसे हुए कम्बोडिया की पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर स्याम तथा लाओस और पूर्वी सीमा पर दक्षिणी वियतनाम है। दक्षिण- पश्चिम भाग स्याम की खाड़ी का तट है। कम्बोडिया तस्तरी के आकार की एक घाटी है जिसे चारों ओर से पर्वत घेरे हुए हैं। घाटी में उत्तर से दक्षिण की ओर मीकांग नदी बहती है जो मुख्य भूमि को दो भागों में बांटती है। घाटी के पश्चिम में तांगले नामक एक छिछली और विस्तृत झील है जो उदांग नदी द्वारा मीकांग से जुड़ी हुई है।मीकांग और टोनलेसाप के संगम पर स्थित प्नॉम पेम कम्बोडिया की राजधानी है।
बौद्ध धर्म कम्बोडिया का आधिकारिक धर्म है। यहां की लगभग ९७ प्रतिशत आबादी थेरवादी बौद्ध धर्म का पालन करती है। कम्बोडिया में बौद्ध धर्म का इतिहास लगभग २ हजार वर्ष पुराना है। कुछ विद्वान इसे ईसा पूर्व तीसरी या दूसरी शताब्दी निर्धारित करते हैं। सम्भवतः यह भारत में सम्राट अशोक का दौर रहा होगा।
सूर्य वर्मन प्रथम, जिनकी मृत्यु १०४९ ई. में हुई, बौद्ध धर्म का अनुयाई था। वह शास्त्र, न्याय तथा व्याकरण में पारंगत था। जय वर्मन सप्तम भी कम्बोज का प्रतापी राजा था जिसकी राजधानी अंकोरथोम के खंडहर आज भी संसार के प्राचीन अवशेषों में गिने जाते हैं इस नगर के चारों ओर एक ऊंचा परकोटा था और ११० गज चौड़ी एक परिखा थी।नगर के परकोटे के ५ सिंह द्वार थे।
कम्बोडिया संवैधानिक राजशाही के साथ संसदीय प्रतिनिधित्व का लोकतंत्र है। देश, धर्म और राजा यहां का राष्ट्र वाक्य है। रॉयल किंगडम राष्ट्रगान है। लगभग डेढ़ करोड़ की आबादी वाले इस देश की राजभाषा खमेर तथा मुद्रा राइल है। १ रूपया= ६२ कम्बोडियन राइल है। फुनान यहां की प्राचीन सभ्यता थी जबकि ६ ठीं सदी में यहां पर चेनला या झेनला नामक सभ्यता भी थी।
नई दिल्ली से कम्बोडिया की राजधानी नामपेन्ह पहुंचने में हवाई जहाज से ५ घंटे का समय लगता है।किराया लगभग २५ से ३० हजार है। कम्बोडिया की साक्षरता दर ८०.५३ प्रतिशत है। दिनांक ९ नवम्बर १९५३ को फ्रांस से स्वतंत्र हुए कम्बोडिया में वर्ष १९९३ में राजशाही की पुनर्स्थापना हो गई है। वर्तमान समय में यहां के राजा नोरोदोम शिहामोनी हैं। पाली यहां पर धार्मिक क्षेत्र की मुख्य भाषा है।
अंकोरवाट,कम्बोडिया का प्रमुख मंदिर है। ४०२ एकड क्षेत्र फल में फैला हुआ यह मंदिर यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है। मीकांग नदी के किनारे सिमरिप शहर में बने इस मंदिर का निर्माण सूर्य वर्मन द्वितीय (१११२-५३) के शासनकाल में हुआ था। यह विश्व का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। कम्बोडिया के राष्ट्रीय ध्वज में इस मंदिर को स्थान दिया गया है। इस मंदिर का मूल शिखर लगभग ६४ मीटर ऊंचा है। यह मंदिर साढ़े तीन किलोमीटर लम्बी पत्थर की दीवार से घिरा हुआ है।
कम्बोडिया में अनेकों स्तूप और स्मारक दर्शनीय हैं। राजा नोरोडोम द्वारा अपने दिवंगत पिता की स्मृति में ओडोंग में भव्य स्तूप का निर्माण कराया गया है। यह राजधानी से ४० मील उत्तर में स्थित है। राजधानी में नोमपेन्ह मेमोरियल स्तूप है। यहां पर ख्मेर रूज मारे गए लोगों के शिर की ५,००० मानव खोपड़ियों को एकत्र कर संग्रहालय बना दिया गया है।
१९७५-७९ के बीच कम्बोडिया में भयंकर नर संहार में १.७ मिलियन लोगों को मार डाला गया था। उन्हें सामूहिक कब्रों में दफनाया गया, जिन्हें आज भी ‘हत्या के खेत, कहा जाता है। नाम पेन्ह में ही कम्बोडिया- वियतनाम मैत्री स्मारक बनाया गया है। बाटम पार्क में १९७९ में निर्मित इस स्मारक की चोटी सोने की है।
सन् १३७२ में निर्मित वाट फ्नोम का मंदिर नोम पेन्ह में एक पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर को मूल रूप से बुद्ध की ४ मूर्तियों को पास की नदी में तैरते हुए एक पेड़ से बनाया गया है। यह मंदिर अपने अन्तस में ६०० वर्षों के इतिहास तथा वास्तुकला को संजोए हुए है। इसका भव्य मुख्य द्वार पूर्वी सीढ़ी पर चलता है।यह मार्ग शेरों और नागों द्वारा संरक्षित है।
मंदिर के अंदर एक बड़े कांस्य बुद्ध की प्रतिमा और उनकी पेंटिंग है। ख्मेर रूज की क्रूरताओं का स्मारक ‘टोल स्लेंग नरसंहार संग्रहालय, भी कम्बोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में स्थित है। कम्बोडिया की सबसे ऊंची चोटी ‘ फेनोम ओरल, है। यहां की मुख्य फसलें चावल, तम्बाकू,कहवा, नील और रबर हैं।
कम्बोडिया की सरकार के द्वारा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कौशांबी जनपद में एक भव्य बुद्ध मंदिर का निर्माण कराया गया है। १० फरवरी २०१७ को कम्बोडिया के धर्म गुरु द्वितीय संघ नायक फैकिंग चौंग के द्वारा इस मंदिर का उद्घाटन किया गया।
कौशांबी में भगवान बुद्ध ने वर्षावास कर शांति और अहिंसा का संदेश दिया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग कम्बोडिया में ‘ता प्रोहम, मंदिर का जीर्णोद्धार करा रहा है। बुद्ध के संदेशों का संवाहक कम्बोडिया शांति प्रिय देश है।
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, फोटो गैलरी-संकेत सौरभ, अध्ययन रत एम.बी.बी.एस., झांसी, भारत