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प्रोफ़ेसर (डॉ.) श्रीकान्त यादव : सहज, सरल और ज्ञानवान व्यक्तित्व

Posted on जुलाई 4, 2023जुलाई 13, 2023

– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर- प्रदेश) भारत । email : drrajbahadurmourya @ gmail. com, website : themahamaya.com.

परिचय :

दिनांक 07 जनवरी, 1961 ई. को ममतामयी मॉं श्रीमती अहिल्या देवी व पिता श्री सदानंद यादव के घर जन्में श्रीकांत यादव बुन्देलखण्ड कालेज झाँसी में उच्च शिक्षा की अनमोल धरोहर हैं । मूल रूप से बिहार प्रान्त के ग्राम व पोस्ट एकचारी, ब्लॉक व तहसील कहलगाँव जनपद भागलपुर के निवासी श्री कांत यादव ने लगभग चार दशक (38 वर्ष) तक अपने अध्ययन और अध्यापन से बुन्देलखण्ड परिक्षेत्र की भरपूर सेवा की । दिनांक 07 जुलाई, 1988 को विवाह के पवित्र बंधन में बंधे श्री कांत यादव की धर्मपत्नी श्रीमती ललिता यादव हैं । आपके दो बेटे आशीष कुमार (जन्म 1990) और अंकित कुमार (जन्म 1992) हैं । बड़ा बेटा आशीष कुमार चार्टेड एकाउंटेंट तथा छोटा बेटा अंकित साफ्टवेयर इंजीनियर है । वर्तमान समय में दोनों बेटे हरियाणा के गुड़गाँव शहर में कार्यरत हैं । भाइयों में आप इकलौते हैं जबकि एक बहन अभिरानी थी जिनका शरीरांत हो चुका है ।

शिक्षा :

मूलतः ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े श्री कांत यादव की कक्षा एक से पाँच तक की शिक्षा माध्यमिक विद्यालय एकचारी में सम्पन्न हुई । कक्षा आठ से दस तक की शिक्षा दीक्षा हाईस्कूल एकचारी, भागलपुर, बिहार से पूरी की । सन् 1976 में आपने 11 वीं बोर्ड की परीक्षा सर्वोदय स्कूल कोढा, जनपद पूर्णिया से पास की । आगे चलकर इंटरमीडिएट यानी बारहवीं (1978) और स्नातक (1981) (बी. कॉम. आनर्स) की पढ़ाई आपने मारवाड़ी कॉलेज, भागलपुर से पूरी की । परास्नातक (1983) और पी.एच. डी. (1990) की उपाधियाँ आपने भागलपुर, विश्वविद्यालय, बिहार से हासिल किया ।

झाँसी आगमन :

अक्टूबर, 1986 में श्री कांत यादव अर्थशास्त्र विभाग में बतौर प्रवक्ता (असिस्टेंट प्रोफ़ेसर) बुन्देलखण्ड कालेज झाँसी में नियुक्त हुए । वर्ष 1992 में विभागीय प्रोन्नति पाकर वह एसोसिएट प्रोफ़ेसर बने । वर्ष 2011 में आपने विभागाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी सम्भाली । समय- समय पर आपने महाविद्यालय के चीफ़ प्राक्टर, लाइब्रेरी इंचार्ज और स्पोर्ट्स कमेटी का भी दायित्व सम्भाला । दिसम्बर 2013 से जुलाई 2014 तक आपने बुन्देलखण्ड कालेज, झाँसी के प्राचार्य पद का गुरुतर दायित्व भी सम्भाला । वर्ष 2022 में विभागीय प्रोन्नति पाकर वह शैक्षिक जगत की सर्वोच्च सम्मानित उपाधि ‘ प्रोफ़ेसर’ बने । लगभग 38 वर्ष की लम्बी सेवा अवधि के बाद दिनांक 30 जून, 2023 को वह महाविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए । अपने सेवा काल में प्रोफ़ेसर श्री कांत यादव जी ने लगभग 25 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया । आपके निर्देशन में 2 शोध छात्रों ने पी.एच. डी. की उपाधि प्राप्त किया तथा लगभग 25 छात्रों ने लघु शोध प्रबंध पूर्ण किया । ग्रामीण अर्थशास्त्र और सहकारिता पर आपको विशेषज्ञता हासिल है । विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज़,आर. डी. सी. और एक्ज़ीक्यूटिव काउंसिल के आप सदस्य भी रह चुके हैं । प्रोफ़ेसर श्री कांत यादव जी को अध्ययन-अध्यापन और शोध कार्य के साथ ही धार्मिक पुस्तकों को पढ़ने में विशेष रुचि है । अपने सेवाकाल में आपने हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश समेत देश के अनेक राज्यों की शैक्षणिक यात्रा किया । इससे आपके ज्ञान में इज़ाफ़ा हुआ ।

व्यक्तित्व :

प्रोफ़ेसर श्री कांत यादव जी की पहचान अर्थशास्त्र के विद्वानों में की जाती है । मूलतः ग्रामीण परिवेश तथा हिन्दी माध्यम से प्राथमिक शिक्षा हासिल करने के बावजूद अंग्रेज़ी भाषा पर उनकी पकड़ बेमिसाल है । इस बात की तस्दीक़ अंग्रेज़ी के विद्वान भी करते हैं । सहजता, सरलता, विनम्रता, सर्वधर्म- समभाव और सर्वधर्म- ममभाव उनके व्यक्तित्व की मूल विशेषताएँ हैं । बहुत शांत और गंभीर रहने वाले श्री कांत यादव जी के सेवानिवृत्त होने के बाद बेशक उनकी पूर्ति सम्भव नहीं है… हम सभी ईश्वर से दुआ करते हैं कि आपका जीवन हमेशा मंगलमय रहे… आपका ज्ञान, आपकी प्रतिभा, आपकी विद्वता समाज के काम आए… राष्ट्र के नव निर्माण के आप भागीदार बने… आपके ऊपर रब की इनायत और रहमत हो … अल्लाह सबसे बढ़कर निगहबान और मेहरबानों में सबसे ज़्यादा मेहरबान है… उसका एतबार सच्चा है… आप उसके नेक बंदे हैं… उस पर हमेशा अक़ीदा रखें…।

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