कभी पूर्वोत्तर सीमांत एजेन्सी (नेफा) के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र “अरुणाचल” प्रदेश जनजातियों का घर है। यहां असंख्य जनजातियां निवास करती हैं जिनमें से मुख्य रूप से- मोनपा,मिजी,…
श्रेणी: Tribes In India
लावारिश ” हाजाॅङ “आदिवासी समुदाय…
“हाजाॅङ” आदिवासी समुदाय पूर्वोत्तर भारत की सबसे पिछड़ी जनजाति मानी जाती है। शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक तौर पर अति पिछड़ा हुआ यह समाज आज भी “लावारिश” स्थिति में…
सेवा भाव से परिपूर्ण, ग्राम्य- संगीत के प्रेमी – “मिजो जनजाति” के लोग…
अपनी प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण, पूर्वोत्तर भारत का पर्वतीय प्रदेश, मिज़ोरम “मिजो जनजाति”के आवास स्थल के रूप में जाना जाता है।असीम विविधता, अपार सौन्दर्य,जैविकी की प्रचुरता से लबालब भरे मिजोरम…
जीवंतता के साथ जीते “बोरोक आदिवासी” …
“बोरोक” आदिवासी त्रिपुरा की आदिवासी जनजाति है। यह अपने अतीत की स्मृतियों के साथ “बिंदास” और “जीवंतता” का जीवन जीती है। त्रिपुरा में 19 जनजातियां हैं जिनमें आठ समुदाय- त्रिपुरी,…
“नागा जनजाति”- एक अनसुलझी पहेली…
पूर्वोत्तर भारत में निवास करने वाली “नागा” जनजाति का जीवन,रहन – सहन, परिवेश तथा उद्ग्म अभी भी एक अनसुलझी पहेली है। इस समुदाय के बारे में अभी तक कोई व्यवस्थित…
पिछड़ेपन के बीच शिक्षा की बढ़ती रौशनी में “राभा जनजाति”…
“राभा” असम की एक प्रमुख आदिवासी क़ौम है, जिसका संबंध मंगोल वंश से माना जाता है। राभा समुदाय के लोग असम के अलावा पश्चिम बंगाल, नेपाल और उत्तरी बांग्लादेश में…
परम्पराओं की दुनिया में जीते- “आपातानी जनजाति” के लोग…
अरुणाचल प्रदेश के संवसीरी जिले के पूर्वी हिमालय की ऊंची बर्फ से ढकी हुई बाहृय श्रृंखला और असम की उप उष्णकटिबंधीय मध्य ब्रम्हपुत्र घाटी के बीचों-बीच “आपातानी” घाटी स्थित है।इसी…
“जयंतिया” आदिवासी समुदाय…
मेघालय की आदिवासी जनजातियों में “जयंतिया” भी प्रमुख क़ौम है। यह जनजाति जयंतिया की पहाड़ियों में रहती है। यह खासी पहाड़ियों का ही एक भाग है। वर्ष 2011 की जनगणना…