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स्वामी प्रसाद मौर्य की व्यापक लोकप्रियता के कारण

Posted on दिसम्बर 17, 2019जुलाई 7, 2020

स्वामी प्रसाद मौर्य की व्यापक लोकप्रियता के दो विशेष कारण हैं।

पहला, व्यक्तिगत स्तर पर उनका जीवन बहुत साफ़ सुथरा है। उनके नज़दीक जाने पर ऐसा लगता है कि हम एक खास पवित्रता, सौम्यता, निर्मलता व स्वच्छता के दायरे में आ पहुंचे हैं।वह इतने सहज और आत्मीयता से बातें करते हैं जैसे एकदम अपने लगते हैं। उनकी सकारात्मक सोच हजारों-हजारों लोगों को कुछ करने के लिए प्रेरित करती है।उनका जीवन सबके लिए है।वह ऐसे यात्री हैं जो अविराम यात्रा करते हैं। जीवन के शुभ, सुन्दर, अच्छे,बुरे की परवाह न करते हुए जय,पराजय,यश,अपयश सब कुछ चोले की तरह उतारते हुए आगे चले जाते हैं। उनकी जीवन यात्रा के मार्ग में आने वाला हर कोई असाधारण है। उनकी साधारणता में कुछ जोड़ने वाला है। वैचारिक मतभेदों के बावजूद भी उनके मन में सबके लिए आदर भाव है।

दूसरा, उन्होंने राजनीतिक रिक्तता के आकाश को भरने का प्रयास किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन प्रश्नों से लोहा लिया है जो समाज के सामने उस समय मुंह बाए खड़े थे जबकि पुराने आधार टूट रहे थे और नया मिल ही नहीं रहा था। उन्होंने उस समय एक दृष्टि विकसित किया। एकाकीपन, निष्क्रमण और समस्याओं से पलायन को उन्होंने साध्य नहीं माना, बल्कि सामाजिक पुनर्स्थापना को एक नया अर्थ दिया।यह अर्थ केवल इतिहास के उद्देश्य का निरा सपना नहीं बल्कि ऐसी अवधारणा थी जिसमें सुदृढ़ संगठन और एकता का आधार था।

यह उनका सम्मोहन है कि आज उनकी अपील शहर, गांव,गली,खेत, खलिहान, कारखाना तथा मजदूरों के अड्डों तक पहुंचती है। यद्यपि कभी- कभी उनकी भाषा में तल्खी होती है, किन्तु उनकी प्रवृत्ति यह है कि यदि संसदीय राजनीति कोई सम्भावना बनाती है तो उसे राष्ट्र एवं समाज हित में प्रयुक्त किया जाए।

 

– डॉ. राजबहादुर मौर्य, झांसी

 

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