12 thoughts on “समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के रहनुमा थे- सचिव श्री राजबहादुर मौर्य (09.05.1956 – 16.06.2020)

    1. बप्पाआप के बिना हम सब घोर अंधकार में चले गए है।जहाँ से कुछ भी न दिखाई देता है और न ही कुछ समझ में आता है।मेरे पास अपने अन्दर पनपे दर्द को बताने के लिए शब्द नहीं है ।

  1. श्रद्धेय राजबहादुर मौर्य जी ने अपने अल्प जीवन काल में समाज के दलित शोषित समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व अनुकरणीय कार्य किया …उन्हें कोटि-कोटि विनम्र श्रद्धांजलि 💐💐🙏🙏

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