दुनिया में ” प्रिंस आफ़ ट्रैवलर्स” अर्थात् “यात्रियों का राजकुमार” के नाम से मशहूर ह्वेनसांग चीन के मशहूर दार्शनिक, प्रकांड विद्वान, बौद्ध दर्शन के अध्धेयता, घुमक्कड़ और अनुवादक थे। चीनी…
समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के रहनुमा थे- सचिव श्री राजबहादुर मौर्य (09.05.1956 – 16.06.2020)
श्रद्धांजलि दिनांक 16.06.2020 ई. को इस दुनिया को अलविदा कह सबसे अंतिम विदा लेकर चिरनिंद्रा में लीन हुए सचिव श्री राजबहादुर मौर्य समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा – खुतन,कूचा और गोबी..
खुतन,कूचा और गोबी… अपनी भारत यात्रा के अंतिम पड़ाव में ह्वेनसांग “क्यूसटन” अर्थात् “खुतन” देश में आया। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 4000 ली है। देश…

ह्वेनसांग की भारत यात्रा- काशगर, यारकंद और बुखारा…
काशगर, यारकंद ह्वेनसांग का अगला पड़ाव “कइश” अथवा “काशगर” राज्य था। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 5 हजार ली है। इस देश में रेगिस्तानी और पथरीली…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- तिब्बत में…
तिब्बत में पामीर की घाटी को पार कर ह्वेनसांग को ” कइप अटो” देश मिला। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 2 हजार ली है। राजधानी एक…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- अफगानिस्तान में…
अफगानिस्तान में, दक्षिण एशिया में स्थित अफगानिस्तान आज एक इस्लामिक गणराज्य है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर- पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान व कजाकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान व…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मुल्तान, तक्षशिला, गांधार,अबंद और ख़ैबर पख्तुनख्वा…
मुल्तान सिंध देश से आगे चलकर ह्वेनसांग “मूल स्थान पुर” अर्थात् “मुल्तान” देश में आया। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 4 हजार ली और उसकी राजधानी…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- सिन्ध देश में…
सिंध देश में उज्जयिनी की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग ने राजस्थान के रेतीले मैदान को पार कर सिंधु नदी को पार किया और “सिण्टु” अथवा “सिंध” देश में…
प्रेरक व्यक्तित्व- डॉ. आर. पी. मौर्य
समाज सेवा एक अकेली जंग है, जहां लक्ष्य हार और जीत नहीं बल्कि सिर्फ समाज की बेहतरी और बदलाव है। इस जंग में अपने को खपाने वाले लोग समाज के…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- उज्जयिनी नगरी…
उज्जयिनी नगरी सौराष्ट्र की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से दक्षिण- पश्चिम लगभग 2800 ली चलकर “उशेयनना” देश में आया। इसे “उज्जयिनी” के नाम से जाना जाता था।…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा – महेसाना, सौराष्ट्र तथा गिरनार…
अनंदपुर वलभी से उत्तर- पश्चिम की ओर लगभग 700 ली चलकर ह्वेनसांग “ओननटोपुलो” अर्थात् “अनंदपुर” आया। उसने लिखा है कि इस राज्य का क्षेत्रफल लगभग 2 हजार ली और राजधानी…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- भरुच, मालवा,वल्लभी और कच्छ…
भरूकछ अजंता की गुफाओं से आगे पश्चिम में चलकर ह्वेनसांग ने नर्मदा नदी को पार किया और “पोलकयीचोपो” अर्थात् “भरूकछ” या “भरोच” राज्य में आया। आज यह दक्षिणी गुजरात में…
नेकी और ईमानदारी की सीख दे गये श्री रामेश्वर प्रसाद मौर्य…
जनपद रायबरेली (उ.प्र.) में वर्ष 1960 के दशक से सामाजिक आन्दोलन में बढ़- चढ़ कर हिस्सा लेने वाले तथा समाज को बुराइयों व अज्ञानता से निकालने में ताउम्र अपने को…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कोंकण और महाराष्ट्र में…
कोंकण सिंहल द्वीप की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग पुनः वापस द्रविड देश में आया तथा यहां से उत्तर दिशा में 2 हजार ली चलकर घने जंगलों को पार…