हिरण्य पर्वत तथा चम्पा उत्तरार्द्ध मगध देश से 200 ली पूर्व दिशा में चलकर ह्वेनसांग अपनी यात्रा के अगले चरण में “इलाना पोफाटो” अर्थात् “हिरण्य पर्वत” पर आया। इसकी पहचान…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- नालंदा…
नालन्द वेणुवन विहार से 30 ली उत्तर दिशा में आगे चलकर ह्वेनसांग नालन्द (नालन्दा) संघाराम में आया।आज नालंदा बिहार की राजधानी पटना से 88.5 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व तथा राजगीर से 11.5…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- वेणुवन…
वेणुवन गिरिव्रज पहाड़ी नगर के उत्तरी फाटक से एक ली चलने पर “करण्ड वेणुवन” है। यहां पर एक विहार की नींव और टूटी-फूटी दीवारें शेष हैं। इसका द्वार पूर्व की…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मगध देश उत्तरार्ध…
मगध देश उत्तरार्द्ध बोधगया में बुद्ध देव की तप स्थली तथा बोधिवृक्ष के दर्शन कर ह्वेनसांग बोधिवृक्ष के पूर्व में नीरांजना नदी को पार कर एक जंगल के मध्य में…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- बोधगया में…
गया में – पाटलिपुत्र की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर, शील भद्र संघाराम के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 40 या 50 ली की दूरी पर निरंजना नदी…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मगध देश में…
मगध देश में- नेपाल की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग मगध देश में आया। इसका पुराना नाम पाटलिपुत्र भी था। आजकल इस पटना के नाम से जाना जाता है…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- वैशाली नगरी…
वैशाली बुद्ध देव की प्रिय नगरी थी।वज्जिका यहां की मुख्य भाषा थी। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र क़ायम किया गया था। तथागत भगवान्…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- सारनाथ, गाजीपुर तथा वैशाली…
सारनाथ कपिलवस्तु और लुम्बिनी की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर ” पओलोनिस्की ” अर्थात् वाराणसी या बनारस आया। उसने लिखा है कि यहां 30 संघाराम और…