भाजा की गुफाएं महाराष्ट्र के पुणे जनपद में, मुम्बई और पुणे के बीच आधे रास्ते के पुराने कारवां मार्ग के पास, डेक्कन पठार पर स्थित “भाजा” गुफाएं, बौद्ध गुफ़ा वास्तुकला…
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बौद्ध धर्म की बेजोड़ कलाकृति- पाण्डु लेण(गुफाएं), नासिक
गोदावरी नदी के तट पर स्थित नासिक, महाराष्ट्र के उत्तर- पश्चिम में मुम्बई से 150 किलोमीटर और पुणे से 205 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह सातवाहन वंश के…
समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के रहनुमा थे- सचिव श्री राजबहादुर मौर्य (09.05.1956 – 16.06.2020)
श्रद्धांजलि दिनांक 16.06.2020 ई. को इस दुनिया को अलविदा कह सबसे अंतिम विदा लेकर चिरनिंद्रा में लीन हुए सचिव श्री राजबहादुर मौर्य समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा – खुतन,कूचा और गोबी..
खुतन,कूचा और गोबी… अपनी भारत यात्रा के अंतिम पड़ाव में ह्वेनसांग “क्यूसटन” अर्थात् “खुतन” देश में आया। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 4000 ली है। देश…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- तिब्बत में…
तिब्बत में पामीर की घाटी को पार कर ह्वेनसांग को ” कइप अटो” देश मिला। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 2 हजार ली है। राजधानी एक…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- अफगानिस्तान में…
अफगानिस्तान में, दक्षिण एशिया में स्थित अफगानिस्तान आज एक इस्लामिक गणराज्य है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर- पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान व कजाकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान व…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मुल्तान, तक्षशिला, गांधार,अबंद और ख़ैबर पख्तुनख्वा…
मुल्तान सिंध देश से आगे चलकर ह्वेनसांग “मूल स्थान पुर” अर्थात् “मुल्तान” देश में आया। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 4 हजार ली और उसकी राजधानी…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- सिन्ध देश में…
सिंध देश में उज्जयिनी की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग ने राजस्थान के रेतीले मैदान को पार कर सिंधु नदी को पार किया और “सिण्टु” अथवा “सिंध” देश में…