दुनिया में भारतवंशियों का डायसपोरा सबसे बड़ा है । लगभग तीन करोड़ की संख्या वाला यह डायसपोरा विश्व के 28 देशों में फैला हुआ है । भारतीय समाज की ही तरह यह डायसपोरा भी बहुधर्मी, बहुजातीय और बहुभाषी है । भारत सरकार इस डायसपोरा समाज को दो तकनीकी श्रेणियों में रखकर परिभाषित करती है : अनिवासी भारतीय या प्रवासी भारतीय (एन आर आई) और भारतीय मूल का व्यक्ति (पी आई ओ)।