उत्तर- प्रदेश की विधानसभा में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज का प्रतिनिधित्व, वर्ष 1951-52 से 2022 ई. तक
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश) फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, झाँसी उत्तर- प्रदेश, भारत ।ई मेल : drrajbahadurmourya.gmail.com, website : themahamaya.com, mobile number: 09839170919
परिचय
उत्तर-प्रदेश, देश का एक महत्वपूर्ण राज्य है। जनसंख्या की दृष्टि से यहां पर देश की सबसे ज्यादा आबादी निवास करती है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल आबादी 19 करोड़, 95 लाख, 81 हजार 477 थी। जिसमें 10 करोड़, 45 लाख, 96 हजार, 415 पुरुष तथा 9 करोड़, 49 लाख, 85 हजार, 062 महिलाएं थीं। देश की कुल आबादी की 16.49 प्रतिशत जनसंख्या यहां निवास करती है। वर्ष 2011 की ही जनगणना के अनुसार प्रदेश की साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत थी जिसमें पुरुष साक्षरता का प्रतिशत 82.14 तथा महिला साक्षरता की दर 65.46 प्रतिशत थी। उत्तर -प्रदेश की विधानसभा दो सदनीय है- उच्च सदन विधान परिषद तथा निम्न सदन विधानसभा है। वर्तमान विधानसभा में 403 सदस्य हैं।
चुनावी परिदृश्य
आजादी के बाद अपनी संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश में भी वर्ष 1951-52 से लेकर अब तक यानी 2022 तक 18 बार विधानसभा के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। वर्ष 1952, 1957, 1962, 1967, 1969, तथा 1974 में कांग्रेस की सरकारें रहीं। वर्ष 1977 में पहली बार कांग्रेस मात्र 47 सीटों पर सिमट गई। जबकि जनता पार्टी ने 352 सीटें जीतीं। 1980 तथा 1985 में पुनः कांग्रेस ने वापसी किया। 1989 में जनता दल ने 208 सीटें जीतकर प्रदेश में सरकार बनाई। वर्ष 1991 में भाजपा ने प्रदेश की 221 विधानसभा सीटें जीतकर पहली बार यहां पर स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई। 1993, 1996, तथा 2002 में प्रदेश में संविद सरकारों का दौर रहा। वर्ष 2007 में बसपा ने, वर्ष 2012 में सपा ने तथा 2017 व 2022 में भाजपा ने प्रदेश में स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई।
उत्तर- प्रदेश में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज की स्थिति
यदि 1931 की जातीय जनगणना को आधार बनाया जाए तो यह कहा जा सकता है कि उत्तर -प्रदेश में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज की सम्मिलित आबादी वर्तमान समय में लगभग प्रदेश की कुल जनसंख्या की 10 फीसदी या इसके आसपास होगी। उत्तर- प्रदेश में इस जातीय समुदाय को पिछड़ा वर्ग में रखा गया है। ऐतिहासिक रूप से अपने को भगवान बुद्ध, सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य और महान सम्राट अशोक से जोड़ने वाला यह समाज आज पिछड़ों में भी अति पिछड़ी श्रेणी में है। आर्थिक रूप से कृषि पर निर्भर रहने वाला यह समाज अब धीरे धीरे व्यवसाय और व्यापार में भी अपनी पहुंच और पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है।
यह एक महत्वपूर्ण बात है कि इस समाज ने बीसवीं शताब्दी में अज्ञानता और अशिक्षा के खिलाफ निर्णायक संघर्ष किया है। गलत परम्पराओं और कुरीतियों के खिलाफ मुखर होकर उसका विरोध किया है। शिक्षा, सम्मान और संगठन के लिए मुहिम छेड़ी है। तर्क और विवेक पर आधारित समाज के बदलाव की सकारात्मक पहल की है। सब कुछ नियति पर न छोड़कर अन्याय, जुर्म और अत्याचार का सशक्त प्रतिरोध किया है।
लगभग पूरे उत्तर प्रदेश में इस समुदाय की जनसंख्या निवास करती है। जहां लखनऊ तथा इसके आसपास पूर्वांचल तक मौर्य समुदाय प्रभावी स्थिति में है वहीं बुंदेलखंड में कुशवाहा समाज का बाहुल्य है। एटा, बदायूं, मैनपुरी, इटावा तथा इसके आसपास जनपदों में शाक्य समाज काफी प्रभावी है। सहारनपुर तथा इसके आसपास के जिलों में सैनी समाज की प्रभावी स्थिति है।
उत्तर- प्रदेश की विधानसभा में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के जीतकर आए विधायक
उत्तर-प्रदेश की विधानसभा में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज का प्रतिनिधित्व (जो आसानी से उपलब्ध हो पाया है सम्पूर्ण होने का दावा बिल्कुल नहीं ) अलग-अलग विधानसभाओं में घटता बढ़ता रहा है, जिसका विवरण निम्न लिखित है :
पहली विधानसभा- 1952-57 में श्री गणेश चन्द्र काछी- भा. रा. कां. – 118, मैनपुरी ( उत्तर, भोगांव, उत्तर) 2- श्री द्वारिका प्रसाद मौर्य, भा.रा.कां., 237, मड़ियाहूं (उत्तर), जनपद- जौनपुर, 3- श्री मोहन सिंह शाक्य, निर्दलीय, 109, अलीगंज, दक्षिण, जनपद- एटा, से जीतकर उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पहुंचे।
दूसरी विधानसभा (1957-62) में श्री गणेश चन्द्र काछी पुनः मैनपुरी से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने।
तीसरी (1962-67) विधानसभा में सम्भवतः समाज का प्रतिनिधित्व नहीं था।
चौथी विधानसभा (1967-69) में श्री आर. एल. शाक्य, कांग्रेस के टिकट पर, 317, हस्तिनापुर, जनपद मेरठ से विधायक बने।
पांचवीं विधानसभा (1969-1974) में श्री उदयनाथ, भारतीय क्रांति दल से, 250, चिरई गांव, जनपद- वाराणसी से तथा श्री हरिवंश सहाय, 209, भाटपार रानी, जनपद- देवरिया से, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से तथा श्री खचेरु सिंह मौर्य, भारतीय क्रांति दल के टिकट पर, 381, अनूप शहर, जनपद बुलन्दशहर से विधायक बने।
छठवीं विधानसभा (1974-77) में श्री उदयनाथ मौर्य, भारतीय क्रांति दल से, 244, चिरई गांव, जनपद- वाराणसी से, श्री गोरेलाल शाक्य, 306, भरथना, जनपद- इटावा से कांग्रेस ओ. के टिकट पर, श्री बैजनाथ प्रसाद कुशवाहा, 280, सिराथू, जनपद- इलाहाबाद से, भारतीय क्रांति दल के टिकट पर, श्री मलखान सिंह सैनी, 412, थाना भवन, जनपद- मुजफ्फरनगर से कांग्रेस के टिकट पर, श्री शिवनाथ सिंह कुशवाहा, 294, घाटमपुर, जनपद- कानपुर से सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर तथा श्री हरिकेवल कुशवाहा, 205, सलेमपुर, जनपद- देवरिया से सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर, श्री रेवती शरण मौर्य, कांग्रेस के टिकट पर, 395, हस्तिनापुर, जनपद मेरठ से तथा श्री खचेरु सिंह मौर्य, कांग्रेस के टिकट पर, 385, अनूप शहर, जनपद बुलन्दशहर से जीतकर विधानसभा पहुंचे।
सातवीं विधानसभा (1977-80) में श्री उदय नाथ मौर्य, 244, चिरईगांव, वाराणसी से, श्री प्यारे लाल शाक्य, 345, सकीट, जनपद- एटा से, श्री बैजनाथ प्रसाद कुशवाहा, 280, सिराथू, जनपद- इलाहाबाद से, श्री भगवान दीन कुशवाहा, 300, डेरापुर, जनपद- कानपुर से, श्री हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा, 205, सलेम पुर, जनपद- देवरिया से तथा श्री हरीराम शाक्य, 336, भोगांव, जनपद- मैनपुरी से तथा श्री भगवान सिंह शाक्य, 45, उसेहत, जनपद बदायूं से तथा श्री रेवती शरण मौर्य, जनता पार्टी के टिकट पर, 394, हस्तिनापुर, जनपद मेरठ से विधायक बने। यह सभी जनता पार्टी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे।
आठवीं विधानसभा (1980-85) में श्री गोरेलाल शाक्य, 306, भरथना, जनपद- इटावा से तथा श्री शिवनाथ सिंह कुशवाहा, 294, घाटमपुर, जनपद- कानपुर से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने जबकि श्री बैजनाथ कुशवाहा, 270, झूंसी, जनपद- इलाहाबाद से व श्री भगवानदीन कुशवाहा, 300, डेरापुर, जनपद- कानपुर, से जनता दल (एस) के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे।
नवीं विधानसभा (1985-89) में श्री भगवान दीन कुशवाहा, लोकदल के टिकट पर, 300, डेरापुर, जनपद- कानपुर देहात से विधायक बने।
दसवीं विधानसभा (1989-1991) में समाज के श्री चन्द्र भान मौर्य, 395, ऐतमादपुर, जनपद- आगरा से, श्री भगवान दीन कुशवाहा, 300, डेरापुर, जनपद- कानपुर देहात से, श्री भगवान सिंह शाक्य, 45, उसेहत, जनपद- बदायूं से, श्री हरिवंश सहाय, 204, भाटपार रानी, जनपद- देवरिया से, जनता दल के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसी समय श्री राम सिंह सैनी, 420, रुड़की, जनपद- हरिद्वार से कांग्रेस के टिकट पर तथा श्री शिवराम सिंह कुशवाहा, 335, माधौगढ़, जनपद- जालौन से, बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधायक बने।
ग्यारहवीं विधानसभा (1991-93), में श्री रामऔतार शाक्य, जनता पार्टी के टिकट पर, 336, भोगांव, जनपद – मैनपुरी से, श्री शिवनाथ सिंह कुशवाहा, कांग्रेस के टिकट पर, 294, घाटमपुर, जनपद – कानपुर देहात से, श्री सूरज सिंह शाक्य, भाजपा के टिकट पर, 345 सकीट, जनपद- एटा से तथा श्री हरिवंश सहाय जनता दल के टिकट पर, 204, भाटपार रानी जनपद – देवरिया, श्री तुलाराम सैनी, 26, हसनपुर, जनपद – अमरोहा, भाजपा से विधायक बने।
बारहवीं विधानसभा (1993-96) में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर श्री जयराम कुशवाहा, 232, जमनियां, जनपद – गाजीपुर से तथा श्री शिवराम सिंह कुशवाहा, 335, माधौगढ़, जनपद- जालौन से जीत कर विधानसभा पहुंचे। जबकि भाजपा के टिकट पर श्री तुलाराम सैनी, 26, हसनपुर, जनपद – मुरादाबाद, श्री रामपाल सिंह सैनी, 407, मोरना, जनपद – मुजफ्फरनगर व श्री सूरज सिंह शाक्य, ३३५, सकीट, जनपद- एटा, जनता दल से श्री भगवंत प्रसाद, विधानसभा क्षेत्र- मंझनपुर व श्री भागीरथी, सिराथू, जनपद कौशांबी से जीतकर विधानसभा पहुंचे।
तेरहवीं विधानसभा (1996-2002) में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के एक दर्जन विधायक चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। इनमें श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, 112, डलमऊ, जनपद रायबरेली से, डॉ. रामआसरे कुशवाहा, 293, सरसौल, जनपद कानपुर नगर से, श्री मुन्ना लाल मौर्य, 281, खागा, जनपद फतेहपुर से, श्री भगवान सिंह शाक्य, 45, उसहेत, जनपद-बदायूं से, श्री बाबूलाल कुशवाहा, 320, नरैनी, जनपद बांदा से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधायक बने। श्री बहोरन लाल मौर्य, 54, भोजीपुरा, जनपद बरेली से, श्री मंगल सिंह सैनी, 25, अमरोहा, जनपद मुरादाबाद से, श्री रामचंद्र मौर्य, 264, मझवां, जनपद मिर्जापुर से, तथा श्री सुशील शाक्य, 313, कायमगंज, जनपद फरुखाबाद से, भाजपा के टिकट पर विधायक बने। श्री रामऔतार शाक्य, 336, भोगांव, जनपद मैनपुरी से तथा श्री राम सिंह सैनी, 420, रुड़की, जनपद हरिद्वार से, समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बने। इसी समय श्री विक्रमाजीत मौर्य, 274, नवाबगंज, जनपद इलाहाबाद से, कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए।
चौदहवीं विधानसभा (2002-2007) में भी इस समाज का प्रतिनिधित्व ठीक रहा। मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के लगभग एक दर्जन विधायक चुनाव जीत कर विधानसभा पहुँचे । श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, 96, डलमऊ, जनपद रायबरेली से, श्री विनय शाक्य, 291, विधूना, जनपद औरैया से, श्री राजपाल सैनी, 391, मोरना, जनपद मुजफ्फरनगर से, श्री बाबूलाल कुशवाहा, 303, बांदा सदर, जनपद बांदा से, डॉ. धर्मसिंह सैनी, 398, सरसंवां, जनपद सहारनपुर से, श्री उमाशंकर कुशवाहा, 217, गाजीपुर सदर, जनपद गाजीपुर से, श्री आर. एस. कुशवाहा, 56, निघासन, जनपद लखीमपुर-खीरी से तथा श्री अनिल कुमार मौर्य, 246, राजगढ़, जनपद मिर्जापुर से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर (कुल-8) विधायक बने। इसी विधानसभा में समाजवादी पार्टी के टिकट पर, श्री आलोक कुमार शाक्य, 320, भोगांव, जनपद मैनपुरी से तथा श्री सूरज सिंह शाक्य, 329, सकीट, जनपद एटा से जीतकर विधानसभा पहुंचे। श्री दीनानाथ कुशवाहा, रालोपा के टिकट पर, 187, देवरिया सदर, जनपद देवरिया से विधायक बने।
पन्द्रहवीं विधानसभा (2007-12) में भी प्रतिनिधित्व का यह सिलसिला देखने को मिला जहां समाज के 15 विधायक चुनाव जीत कर उत्तर प्रदेश की विधानसभा में आए। यह अब तक का सर्वाधिक प्रतिनिधित्व था। इसमें एक दर्जन विधायक केवल अकेले बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीतकर आए थे। जिसमें श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, 181, पडरौना, जनपद- कुशीनगर (उप चुनाव), इंजीनियर नाथूराम कुशवाहा, श्रीमती सुमन देवी कुशवाहा, (उप चुनाव) 311, ललितपुर सदर, जनपद ललितपुर, श्री बलराम सिंह सैनी, 16, मुरादाबाद पश्चिम, जनपद मुरादाबाद, श्री सिनोद कुमार शाक्य, 31, दातागंज, जनपद बदायूं, श्री महिपाल सिंह सैनी, 397, नकुड, जनपद सहारनपुर, श्री ममतेश शाक्य, 330, सोरों, जनपद एटा, श्री भगवान सिंह कुशवाहा, 344, खैरागढ़, जनपद आगरा, श्री नीरज कुशवाहा, 48, जलालाबाद, जनपद शाहजहांपुर, डॉ. धर्म सिंह सैनी, 398, सरसावां, जनपद सहारनपुर, श्री गुरु प्रसाद मौर्य, 258, नबाब गंज, जनपद इलाहाबाद, श्री उदयलाल मौर्य, 228, चिरईगांव, जनपद वाराणसी तथा श्री अनिल कुमार मौर्य, 246, राजगढ़, जनपद मिर्जापुर से विधायक बने। श्री आलोक कुमार शाक्य, 320, भोगांव, जनपद मैनपुरी, श्री दीनानाथ कुशवाहा, 187, देवरिया सदर, जनपद देवरिया तथा श्री सूरज सिंह शाक्य, 329, सकीट, जनपद एटा से समाज वादी पार्टी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे।
सोलहवीं विधानसभा (2012-17) में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के 15 विधायक चुनाव जीत कर आए। इनमें से सबसे ज्यादा (9) विधायक बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुने गए। जिसमें श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, 330, पडरौना, जनपद कुशीनगर से, श्री सिनोद कुमार शाक्य, 117, दातागंज, जनपद बदायूं से, श्री सन्तराम कुशवाहा, 219, माधौगढ़, जनपद जालौन से, श्री रमेश कुमार कुशवाहा, 226, ललितपुर सदर, जनपद ललितपुर से, श्री ममतेश शाक्य, 101, अमांपुर, जनपद कासगंज से, श्री भगवान सिंह कुशवाहा, 92, खैरागढ़, जनपद आगरा से, श्री नीरज कुशवाहा, 132, जलालाबाद, जनपद शाहजहांपुर से, डॉ. धर्म सिंह सैनी, 2, नकुड, जनपद सहारनपुर से तथा श्री उदयलाल मौर्य, 386, शिवपुर, जनपद वाराणसी से विधायक बने।
समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने वालों में श्री अविनाश कुशवाहा, 401, राबर्ट्सगंज, जनपद सोनभद्र से, श्री आलोक कुमार शाक्य, 108, भोगांव, जनपद मैनपुरी से, तथा श्री रघुराज सिंह शाक्य, 200, इटावा सदर, जनपद इटावा से थे। श्री केशव प्रसाद मौर्य, 251, सिराथू, जनपद कौशांबी से तथा श्री गंगा सिंह कुशवाहा, 332, फाजिल नगर, जनपद कुशीनगर से भाजपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे।
सत्रहवीं विधानसभा (2017-2022) में, उत्तर प्रदेश में, मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के 15 विधायक चुन कर आए, जिसमें 14 विधायक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीतकर आए। इसमें श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, 330, पडरौना, जनपद कुशीनगर डॉ. अनिल कुमार मौर्य, 400, घोरावल, जनपद सोनभद्र, श्रीमती कमलेश सैनी, 23, चांदपुर, जनपद बिजनौर, श्री चन्द्र पाल कुशवाहा, 233, बबेरू, जनपद बांदा, डॉ. धर्म सिंह सैनी, 2, नकुड, जनपद सहारनपुर, श्री धर्मेंद्र सिंह शाक्य, 116, शेखूपुर, जनपद बदायूं, श्री बहोरन लाल मौर्य, 120, भोजीपुरा, जनपद बरेली, श्री ममतेश शाक्य, 102, पटियाली, जनपद कासगंज, श्री रामरतन कुशवाहा, 226, ललितपुर सदर, जनपद ललितपुर, श्री विक्रमाजीत मौर्य, 254, फाफामऊ, जनपद इलाहाबाद, श्री मती शुचि स्मिता मौर्या, 397, मझंवां, जनपद मिर्जापुर, श्री सुशील कुमार शाक्य, 193, अमृतपुर, जनपद फरूखाबाद, श्री विनय कुमार शाक्य, 202, विधूना, जनपद औरैया तथा श्री विक्रम सिंह सैनी, 15, खतौली, जनपद मुजफ्फरनगर हैं।केवल, विधानसभा क्रमांक 1, बेहट, जनपद सहारनपुर से जीते श्री नरेश सैनी समाज के अकेले विधायक हैं जो कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
अठारहवीं विधानसभा (2022-2027)
वर्ष 2022 में उत्तर- प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के लिए चुनाव सम्पन्न हुए ।कुल 403 सीटों के लिए हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दलों ने 273 सीटें (भाजपा को 255, अपना दल, सोनेलाल को 12, निषाद पार्टी को 6) जीत कर दोबारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई ।समाजवादी पार्टी और उनके सहयोगी दलों को कुल मिलाकर 125 सीटों (सपा 111, रालोद 8, सुहेल देव समाज पार्टी को 6) पर जीत हासिल हुई ।इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 2 सीट, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को 2 सीट तथा बहुजन समाज पार्टी को 1 सीट पर जीत हासिल हुई ।
इस चुनाव में उत्तर- प्रदेश के मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के 12 विधायक चुन कर आए ।जिसमें 11 विधायक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर आए और एक विधायक समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुँचे ।भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर आने वाले विधायकों में विधानसभा क्षेत्र, 15, खतौली जनपद मुज़फ़्फ़रनगर से विक्रम सिंह सैनी, ने 1 लाख, 651 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी राजपाल सैनी को 16 हज़ार, 345 मतों के अंतर से हराया । विधानसभा क्षेत्र, 92- खैरागढ़, जनपद आगरा से भगवान सिंह कुशवाहा, ने कुल 96 हज़ार, 574 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रामनाथ सिकरवार को 36 हज़ार, 497 मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की । विधानसभा क्षेत्र, 133, तिलहर, जनपद शाहजहाँ पुर से सलोना कुशवाहा, ने 1 लाख, 2 हज़ार, 307 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रोशनलाल वर्मा को 13 हज़ार, 277 मतों के अंतर से हराया ।
विधानसभा क्षेत्र, 151, महमूदाबाद, जनपद सीतापुर से आशा मौर्या, ने 92 हज़ार, 91 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के नरेन्द्र सिंह वर्मा को 5 हज़ार, 222 मतों के अंतर से हराया ।विधानसभा क्षेत्र, 193, अमृतपुर, जनपद फ़र्रूख़ाबाद से सुशील कुमार शाक्य, ने 98 हज़ार, 848 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के उम्मीदवार डॉ. जितेंद्र कुमार यादव को 44 हज़ार, 686 मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की । विधानसभा क्षेत्र, 226, ललितपुर सदर, जनपद ललितपुर से रामरतन कुशवाहा, ने रिकॉर्ड 1 लाख, 76 हज़ार, 550 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी बसपा के प्रत्याशी चन्द्र भूषण सिंह बुंदेला को 1 लाख, 7 हज़ार, 215 मतों के विशाल अंतर से हराया ।वह लगातार इसी सीट से दोबारा विधायक चुने गए हैं ।
विधानसभा क्षेत्र, 248, प्रतापगढ़ सदर, जनपद प्रतापगढ़ से राजेंद्र कुमार मौर्य, ने 89 हज़ार, 762 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी अपना दल की उम्मीदवार कृष्णा पटेल को 25 हज़ार, 63 मतों के अंतर से हराया । विधानसभा क्षेत्र, 254, फाफामऊ, जनपद प्रयागराज से गुरु प्रसाद मौर्य, ने 91 हज़ार, 186 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के प्रत्याशी अंसार अहमदी को 14 हज़ार, 324 मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की । विधानसभा क्षेत्र, 332 फाजिल नगर, जनपद कुशीनगर से सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा, ने 1 लाख, 16 हज़ार, 29 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के उम्मीदवार स्वामी प्रसाद मौर्य को 45 हज़ार, 14 मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की ।
विधानसभा क्षेत्र, 340 भाटपार रानी, जनपद देवरिया से, सभा कुमार कुशवाहा ने 91 हज़ार, 282 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के उम्मीदवार आशुतोष उपाध्याय को 18 हज़ार, 82 मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की। विधानसभा क्षेत्र, 400- घोरावल, जनपद सोनभद्र से अनिल कुमार मौर्य ने 1 लाख, 1 हज़ार, 277 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के उम्मीदवार रमेश चन्द्र दुबे को 23 हज़ार, 922 मतों के अंतर से हराकर भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत विधानसभा पहुँचे जबकि विधानसभा क्षेत्र, 242 हुसैनगंज, जनपद फ़तेहपुर से श्रीमती ऊषा मौर्या ने 91 हज़ार, 884 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी भाजपा के उम्मीदवार रणवेन्द्र प्रताप सिंह को 25 हज़ार, 181 मतों के अंतर से हराया । वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर विधायक बनीं । मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर विधायक बनने वाली इस चुनाव की वह एकमात्र विधायक हैं ।
समाज के राजनीतिक समाजी करण में जितना योगदान जीते हुए विधायकों का होता है उससे कम योगदान उप विजेता प्रत्याशियों का भी नहीं होता। वह भी समाज में राजनीतिक शिक्षा प्रदान करने का काम करते हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़कर उपविजेता बने (लगभग ७० की संख्या) मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के प्रमुख प्रतिनिधि निम्न लिखित हैं-
वर्ष 1967 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में विधानसभा क्षेत्र अनूप शहर जनपद बुलंदशहर से रिपब्लिकन पार्टी के टिकट पर के.एस. मौर्या, घाटमपुर जनपद कानपुर देहात से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर शिवनाथ सिंह कुशवाहा तथा संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के ही टिकट पर सलेमपुर जनपद देवरिया से हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। इसी प्रकार वर्ष 1969 के मध्यावधि चुनावों में भी हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर, सलेमपुर जनपद देवरिया से ही चुनाव लड़कर उपविजेता रहे। इसी चुनाव में घाटमपुर, जनपद कानपुर देहात से शिवनाथ सिंह कुशवाहा ने भी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लडा तथा उपविजेता बने।
वर्ष 1977 के चुनाव में जसवंत नगर, जनपद इटावा से स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर गोरेलाल शाक्य, घाटमपुर, जनपद कानपुर देहात से कांग्रेस के टिकट पर शिवनाथ सिंह कुशवाहा, झांसी सदर से कांग्रेस के ही टिकट पर मेघराज सिंह कुशवाहा तथा भाटपार रानी, जनपद देवरिया से स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर हरिवंश सहाय कुशवाहा ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे।
वर्ष 1985 के चुनाव में डलमऊ, जनपद रायबरेली से लोकदल के टिकट पर स्वामी प्रसाद मौर्य, रामकोला, जनपद कुशीनगर से लोकदल के ही टिकट पर हरीशंकर कुशवाहा, सलेमपुर, जनपद देवरिया से जनता पार्टी के टिकट पर हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा तथा साकित, जनपद एटा से कांग्रेस के टिकट पर हरी सिंह शाक्य ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे।
वर्ष 1989 के प्रदेश विधानसभा चुनाव में हस्तिनापुर, जनपद मेरठ से कांग्रेस के टिकट पर रेवती शरण मौर्य, भरथना, जनपद इटावा से कांग्रेस के ही टिकट पर गोरेलाल शाक्य, बांदा सदर से बसपा के टिकट पर बाबूलाल कुशवाहा तथा साकित, जनपद एटा से भाजपा के टिकट पर सूरज सिंह शाक्य ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे। वर्ष 1991 के मध्यावधि चुनावों में भरथना, जनपद इटावा से भाजपा के टिकट पर प्रेमचंद शाक्य, माधौगढ़, जनपद जालौन से बसपा के टिकट पर शिवराम सिंह कुशवाहा, स्योराही, तमकुहीराज, जनपद कुशीनगर से स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर रामअधार कुशवाहा ने चुनाव लडा तथा उपविजेता रहे।
वर्ष 1993 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अमरोहा सदर से मंगल सिंह सैनी, भाजपा के ही टिकट पर तथा सुशील शाक्य, कायमगंज, जनपद फर्रूखाबाद से चुनाव लड़कर उपविजेता बने। वर्ष 1996 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर हसनपुर, जनपद अमरोहा से तुलाराम सैनी, औरैया सदर से बसपा के टिकट पर चन्द्रभान सिंह काछी, अमानपुर, जनपद कासगंज से बसपा के ही टिकट पर सूरज पाल शाक्य, तथा विधानसभा क्षेत्र, साकित, जनपद एटा से भाजपा के टिकट पर सूरज सिंह शाक्य चुनाव लड़कर उपविजेता बने।
इस सटीक विश्लेषण के लिए मेरी ओर से आपको नमन, साधुवाद, आभार!
बहुत बहुत धन्यवाद आपको
बहुत ही सुंदर लेखन समाज के लिए
बहुत बहुत धन्यवाद आपको भाई जी
बहुत सौन्दर ङाक्टर साहब
धन्यवाद आपको सर
विस्तृत विश्लेषण करके सुंदर विवरण प्रस्तुत करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
धन्यवाद आपको अंकित जी
बहुत सुंदर एवं अनुकरणीय लेख आपने हमारे समाज के इतिहास के लिए लिखा ।
आपका बहुत-बहुत आभार
सुन्दर टिप्पणी के लिए आपको भी बहुत बहुत धन्यवाद डाक्टर साहब।
उत्तर -प्रदेश में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के प्रमुख राजनीतिज्ञों में सबसे ऊपर वर्तमान समय में विधानसभा क्षेत्र पडरौना, जनपद कुशीनगर से तीसरी बार, २००९, (बसपा) २०१२, (बसपा) २०१७ (भाजपा) विधायक तथा प्रदेश में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम आता है। इसके पूर्व वह २ बार, वर्ष १९९६ (बसपा) तथा २००२ (बसपा) से विधानसभा क्षेत्र डलमऊ, जनपद रायबरेली से विधायक तथा तत्कालीन सरकारों में खादी ग्रामोद्योग मंत्री, पंचायती राज मंत्री, राजस्व मंत्री तथा सहकारिता विभाग के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। अब तक वह ५ बार विधायक तथा ६ बार कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। ३ बार नेता प्रतिपक्ष विधानसभा तथा ३ बार नेता सदन, विधान परिषद की जिम्मेदारी भी श्री स्वामी प्रसाद मौर्य निभा चुके हैं।
Samaj ki tasveer ko aapne yaad dilaya
जी बिल्कुल
अति उत्तम लेख गुरु जी
बहुत बहुत धन्यवाद आपको कपिल जी
Wonderful post
Thank you very much, bhai ji
अत्यधिक श्रम साध्य अध्ययन के लिए आपका आभार।आपका ये प्रयास ऐतिहासिक और अनुकरणीय है… आपका ये लेख हमारे समाज की केवल राजनीतिक यात्रा ही नही बल्कि सामाजिक जाग्रति की यात्रा को भी अपने मे समेटे हुए है।
जी बिल्कुल सही कहा आपने। बहुत बहुत धन्यवाद आपको डॉ साहब।
बेहतरीन सामाजिक राजनैतिक स्थिति की विवेचना, समाज को प्रेरणा मिलेगी 👍👍👍💐💐
सुन्दर समीक्षा, धन्यवाद आपको डॉ साहब
बहुत ही उम्दा लेख है sir
बहुत बहुत धन्यवाद आपको भाई अजय जी