Skip to content
Menu
The Mahamaya
  • Home
  • Articles
  • Tribes In India
  • Buddhist Caves
  • Book Reviews
  • Memories
  • All Posts
  • Hon. Swami Prasad Mourya
  • Gallery
  • About
  • hi हिन्दी
    en Englishhi हिन्दी
The Mahamaya
buddha termez, uzbekistan

ह्वेनसांग की भारत यात्रा- काशगर, यारकंद और बुखारा…

Posted on जून 13, 2020जनवरी 24, 2021
Advertisement

काशगर, यारकंद

ह्वेनसांग का अगला पड़ाव “कइश” अथवा “काशगर” राज्य था। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 5 हजार ली है। इस देश में रेगिस्तानी और पथरीली भूमि बहुत है। प्रकृति कोमल और सुखद है। इन लोगों के अक्षर भारतीय नमूने के हैं।

mor buddhist monastry, kashgar
मोर बुद्धिस्ट मठ, काशगर ।

इनकी भाषा और उच्चारण दूसरे देशों से भिन्न है। इन लोगों का विश्वास बुद्ध धर्म पर बहुत है और उसी के अनुसार आचरण भी बड़ी उत्सुकता पूर्वक करते हैं। कई सौ संघाराम कोई 1000 साधुओं सहित हैं जो सर्वास्तिवाद संस्था के अनुसार हीनयान सम्प्रदाय का अध्ययन करते हैं। बिना सिद्धांतों को समझे हुए ये लोग अनेक धार्मिक मंत्रों का पाठ किया करते हैं। कितने लोग तो ऐसे भी हैं जो तृिपिटक और विभाषा को आदि से अंत तक वरजुबानी सुना सकते हैं।(पेज नं 428)

आफ़ाक़ ख़्वाजा का मक़बरा
आफ़ाक़ ख़्वाजा का मक़बरा, काश्गर, चीन |

आजकल काशगर मध्य एशिया में चीन के शिनजियांग प्रांत के पश्चिमी भाग में स्थित एक नखलिस्तान शहर है जिसकी जनसंख्या लगभग तीन लाख,चालीस हजार है। यह तरीम बेसिन तथा तकलाम खान रेगिस्तान दोनों का भाग है। जिसके कारण इसकी जलवायु चरम शुष्क है। इसका कुछ इलाका भारत के अक्साई चिन क्षेत्र का भाग है। 1950 से यह चीन के नियंत्रण में है।

काशगर अमू दरिया, वादी से खोकंद, समरकंद, अल्माटी,अक्सू और खोतान मार्गों के बीच स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 4,232 फ़ीट है। यहीं से “बलख”और “फरगाना”के रास्ते जाते हैं। तुर्रकों के “उईगुर” कबीले से ताल्लुक रखने वाले मुसलमान यहां अक्सीरियत में रहते हैं। प्राचीन काल से काशगर व्यापार तथा राजनीति का केन्द्र रहा है तथा भारत से इसके गहरे सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक रिश्ते रहे हैं। भारत से शिनजियांग का व्यापार लद्दाख के रास्ते से काशगर जाया करता था। यह ऐतिहासिक “रेशम मार्ग” की एक शाखा थी जिसके जरिए मध्य पूर्व, यूरोप और पूर्वी एशिया के बीच व्यापार चलता था। रेशम मार्ग 6500 किलोमीटर लंबा था।इसी मार्ग से बौद्ध धर्म पहली बार चीन गया।

Map-of-Marco-Polos-travels
मार्को पोलो की यात्रा का नक्शा 

काशगर कभी राजा कनिष्क के अधिकार में था। इसी समय पर यहां बौद्ध धर्म गया। चीनी यात्री फाहियान जब 400 ई में काशगर आया था तो यहां पर पंचवर्षीय महोत्सव मनाया जा रहा था जिसमें बुद्ध देव के अस्थि धातु का दर्शन होता था। यहां पर एक विहार में वह ठहरा हुआ था। सन् 460 ई में यहां के राजा ने चीन दरबार में बुद्ध का एक चीवर भेजा था। 1215 ई में मारको पोलो यहां पर आया था। आफाक ख्वाजा का मकबरा यही है। यहां से दक्षिण – पूर्व की ओर लगभग 500 ली चलकर ह्वेनसांग चेक्यियू राज्य में आया। इसकी पहचान “यारकंद” के रूप में की गई है।

fayaz tepe, uzbekistan
बुद्धिस्ट स्तूप, फ़याज़-टेपे, उज़्बेकिस्तान।

ह्वेनसांग ने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग एक हजार ली और राजधानी का क्षेत्रफल लगभग दस ली है। इसके चारों ओर पहाड़ों और चट्टानों का घिराव है निवास स्थान अगणित हैं। पहाड़ और घाटियों का सिलसिला देश भर में फैला चला गया है। इस राज्य की सीमाओं पर दो नदियां हैं। अंजीर और नाशपाती खूब होता है। शीत और आंधियों की अधिकता साल भर रहती है। यह लोग उपासना के तीनों अंगों की प्रतिष्ठा करते हैं। कितने ही संघाराम हैं परंतु अधिकतर उजाड़ हैं। कई सौ साधु हैं जो महायान सम्प्रदाय का अध्ययन करते हैं।

Related -  ह्वेनसांग की भारत यात्रा- हिरण्य पर्वत तथा चम्पा नगरी...

देश की दक्षिणी सीमा पर एक बड़ा पहाड़ है जिसके चट्टान और घाटियां झाड़ी जंगल से आच्छादित हैं। भारतवर्ष के अरहत बहुत दूर की यात्रा करके इस देश में आते हैं। अगणित अर्हत इस स्थान पर निर्वाण को प्राप्त हुए हैं। आजकल तीन अर्हत इस पहाड़ की गहरी गुफा में निवास करते हैं और अचल समाधि में लीन हैं। इनके शरीर सूख कर लकड़ी जैसे हो गये हैं। इस देश में महायान सम्प्रदाय की पुस्तकें बहुत मिलती हैं। यहां से बढ़कर बुद्ध धर्म का प्रचार इस समय और कहीं नहीं है।(पेज नं 429)

आजकल यारकंद चीन के शिंजियांग प्रांत के काशगर विभाग में एक जिला है जिसका क्षेत्रफल लगभग 8969 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या लगभग 3,73,492(अनुमानित) है। प्राचीन काल से ही भारतीय उपमहाद्वीप के साथ इसका गहरा सांस्कृतिक और व्यापारिक सम्बन्ध रहा है। यह तारिम दोरणी और टकलाम खान रेगिस्तान के दक्षिण छोर पर स्थित एक नखलिस्तान क्षेत्र है जो अपना जल कुनलुन पर्वतों से उत्तर की ओर उतरने वाली यारकंद नदी से प्राप्त करता है। यारकंद में अधिकतर उईगुर लोग निवास करते हैं।कपास, गेहूं, मक्की, अनार, खूबानी, अखरोट और नाशपाती खूब उगाया जाता है।

धरती के नीचे बहुत से मूल्यवान खनिज जैसे पेट्रोल, प्राकृतिक गैस,सोना, तांबा और कोयला इत्यादि पाया जाता है। किसी जमाने में व्यापारी लद्दाख और काराकोरम दर्रे से होकर यहां माल लिए हुए आया करते थे। शिंजियांग-तिब्बत राजमार्ग यहां से शुरू होकर तिब्बत के ल्हासा शहर तक जाता है। एक और रास्ता दक्षिण- पश्चिम की तरफ निकलता है जो ताशकुरगान शहर से होते हुए अफगानिस्तान के वाखान गलियारे में दाखिल होता है और फिर बोगिल दर्रे से गुजरते हुए अफगानिस्तान के बदख्शां क्षेत्र में पहुंचता है। इसकी लंबाई 2743 किलोमीटर है।यह भारत के अक्साई चिन इलाके से निकलता है। कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील इसी मार्ग पर है।

buddha ujbekistan
बुद्ध देव, कराटेपा बुद्धिस्ट मठ , तिरमिज़, उज़बेकिस्तान .

बुखारा

आजकल उजबेकिस्तान की राजधानी “बुखारा” पश्चिम मध्य एशिया का प्रमुख नगर बौद्ध धर्म का स्मारक नगर है।मंगोल लोग आज भी विहार को “बुखार” कहते हैं। तुर्क और उनसे पहले की जातियां भी अपनी भाषा में विहार का यही उच्चारण करती हैं। इस्लाम के आने से पहले इस स्थान पर एक बड़ा बौद्ध विहार था जिसके कारण नगर का नाम प्रसिद्ध हुआ। आज बुखारा प्रसिद्ध रेशम मार्ग पर स्थित है जिसकी समरकंद से दूरी 142 मील पश्चिम है। प्रसिद्ध पर्सियन वैद्य और हकीम तथा दार्शनिक “इब्नसीमा” यहीं रहता था। बुखारा से कुछ मील दक्षिण पूर्व में एक कागान नामक नया नगर स्थित है जिसे कभी कभी नया बुखारा भी कहा जाता है। यह आठ या नौ मील के घेरे में चहारदीवारी से घिरा हुआ है जिसमें 11 दरवाजे हैं। यहां की मीर अरब मस्जिद प्रसिद्ध है।

Related -  पुस्तक समीक्षा- विश्व इतिहास की झलक (भाग-१३)


– डॉ. राजबहादुर मौर्य, फोटो गैलरी- संकेत सौरभ, झांसी(उत्तर-प्रदेश)

5/5 (5)

Love the Post!

Share this Post

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Seach this Site:

Search Google

About This Blog

This blog is dedicated to People of Deprived Section of the Indian Society, motto is to introduce them to the world through this blog.

Posts

  • मार्च 2023 (2)
  • फ़रवरी 2023 (2)
  • जनवरी 2023 (1)
  • दिसम्बर 2022 (1)
  • नवम्बर 2022 (3)
  • अक्टूबर 2022 (3)
  • सितम्बर 2022 (2)
  • अगस्त 2022 (2)
  • जुलाई 2022 (2)
  • जून 2022 (3)
  • मई 2022 (3)
  • अप्रैल 2022 (2)
  • मार्च 2022 (3)
  • फ़रवरी 2022 (5)
  • जनवरी 2022 (6)
  • दिसम्बर 2021 (3)
  • नवम्बर 2021 (2)
  • अक्टूबर 2021 (5)
  • सितम्बर 2021 (2)
  • अगस्त 2021 (4)
  • जुलाई 2021 (5)
  • जून 2021 (4)
  • मई 2021 (7)
  • फ़रवरी 2021 (5)
  • जनवरी 2021 (2)
  • दिसम्बर 2020 (10)
  • नवम्बर 2020 (8)
  • सितम्बर 2020 (2)
  • अगस्त 2020 (7)
  • जुलाई 2020 (12)
  • जून 2020 (13)
  • मई 2020 (17)
  • अप्रैल 2020 (24)
  • मार्च 2020 (14)
  • फ़रवरी 2020 (7)
  • जनवरी 2020 (14)
  • दिसम्बर 2019 (13)
  • अक्टूबर 2019 (1)
  • सितम्बर 2019 (1)

Latest Comments

  • Dr. Raj Bahadur Mourya पर राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 40)
  • Somya Khare पर राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 40)
  • Dr. Raj Bahadur Mourya पर राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 39)
  • Kapil Sharma पर राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 39)
  • Dr. Raj Bahadur Mourya पर पुस्तक समीक्षा- ‘‘मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा एवं तथागत बुद्ध’’, लेखक- आर.एल. मौर्य

Contact Us

Privacy Policy

Terms & Conditions

Disclaimer

Sitemap

Categories

  • Articles (80)
  • Book Review (59)
  • Buddhist Caves (19)
  • Hon. Swami Prasad Mourya (22)
  • Memories (12)
  • travel (1)
  • Tribes In India (40)

Loved by People

“

015777
Total Users : 15777
Powered By WPS Visitor Counter
“

©2023 The Mahamaya | WordPress Theme by Superbthemes.com
hi हिन्दी
en Englishhi हिन्दी