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स्वामी प्रसाद मौर्य : महान राजनेता, प्रेरक व्यक्तित्व

Posted on अक्टूबर 15, 2021जनवरी 1, 2023
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– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झांसी (उ. प्र.) email id : drrajbahadurmourya @ gmail.com, website : themahamaya. Com

उत्तर -प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, महान राजनेता और हम सब के लिए प्रेरक व्यक्तित्व हैं। जब भी उनसे मिलने का अवसर मिलता है तब- तब उनकी जीवटता और कर्मठता कुछ न कुछ अवश्य सिखाती है । पिछले दिनों, दिनांक 09 अक्टूबर, 2021 को उनसे मिलने का पुनः सुअवसर प्राप्त हुआ। अवसर था, जनपद झांसी की विधानसभा क्षेत्र गरौठा से विधायक श्री जवाहर राजपूत के द्वारा, मोंठ कस्बे के प्राचीन किले के प्रांगण में, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कुश्ती के दंगल का। इस बार झांसी दौरे पर मंत्री जी के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग आयोग के माननीय सदस्य श्री बलराम मौर्य भी थे।

अपनी स्टाफ कार, यू. पी. -32, ई. जी- 2275 से प्रातः 8 बजे अपने सरकारी आवास, 14 कालीदास मार्ग, से चलकर वाया उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात तथा जनपद जालौन होते हुए दोपहर, लगभग 12 बजकर 30 मिनट पर उनका काफिला जनपद झांसी के मोंठ कस्बे में वन विभाग के गेस्ट हाउस, भुजौन पहुंचा। गेस्ट हाउस भुजौन में मंत्री जी के पहुंचने से पूर्व ही भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। सभी ने गर्म जोशी के साथ फूल माला देकर तथा गगनभेदी नारों के उद्घघोष से माननीय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत और अभिनन्दन किया।

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आत्मीयता और अपनेपन का अहसास

माननीय मंत्री जी ने भी एक एक कर सभी का कुशल क्षेम पूछा। बड़ी आत्मीयता के साथ सबसे मिले।जिसकी जो भी समस्या थी उसका तुरन्त निदान किया। डॉ. राजबहादुर मौर्य के नेतृत्व में बुंदेलखंड कालेज के प्रोफेसरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने माननीय मंत्री जी से शिष्टाचार भेंट की। झांसी के पार्षद श्री लखन कुशवाहा के नेतृत्व में पार्षदों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मंत्री जी से भेंट की। श्री मिथलेश कुशवाहा के नेतृत्व में मऊरानीपुर क्षेत्र के, श्री जनक कुशवाहा के नेतृत्व में गुरसराय क्षेत्र के, श्री दिलीप शिवहरे के नेतृत्व में युवाओं की टीम ने, श्रीमती प्रतिमा कुशवाहा के नेतृत्व में प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिकाओं की टीम ने, श्रीमती चित्रलेखा कुशवाहा के नेतृत्व में सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम ने मंत्री जी से भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

सभी से मिलजुल कर मंत्री जी ने यहीं पर दोपहर का भोजन ग्रहण किया। लगभग दो बजे गेस्ट हाउस से मुख्य कार्यक्रम स्थल, मोंठ किले की तलहटी, के लिए माननीय मंत्री जी निकले। यहां पहुंचने पर कार्यक्रम के आयोजक तथा गरौठा विधानसभा क्षेत्र से विधायक श्री जवाहर राजपूत, झांसी जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष श्री पवन कुमार गौतम, गरौठा के प्रभारी श्री मुकेश कुमार सोनी, गुरसराय टाउन एरिया के चेयरमैन श्री देवेश पालीवाल, बंगरा की ब्लाक प्रमुख भारती आर्या तथा अन्य गणमान्य लोगों ने परम्परागत तरीके से माननीय मंत्री जी का स्वागत और अभिनन्दन किया। माननीय श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी को सुनने के लिए अपार जन सैलाब उमड़ पड़ा था। सभी, माननीय मंत्री जी की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे।

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जोशीला भाषण

लगभग 20 मिनट के अपने जोशीले भाषण में माननीय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जहां स्वस्थ भारत के निर्माण में कुश्ती प्रतियोगिता तथा अन्य खेलों के महत्व को रेखांकित किया वहीं पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अन्त्योदय दर्शन की सरल व्याख्या करते हुए उसे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हुए व्यक्तियों की खुशहाली से जोड़ा। अपनी बात को रखते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘मैं झांसी की अमर शहीद वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई और वीरांगना झलकारी बाई को शत्-शत् नमन करता हूं। बुंदेलखंड वीरों की धरती है। यहां का इतिहास वीरता, जोश,ओज और मेहनत का इतिहास रहा है।’’

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उन्होंने आगे कहा कि ‘‘अन्त्योदय का दर्शन देने वाले, समाज के अंतिम व्यक्ति की खुशहाली के लिए संघर्ष करने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय को भी मैं शत- शत नमन करता हूं। भारत में सामाजिक परिवर्तन के महानायक मान्यवर कांशीराम का आज परिनिर्वाण दिवस है, मैं उन्हें भी नमन करता हूं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी चाहते थे कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हुए व्यक्ति को भी रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलें।कोई भी व्यक्ति अभाव में न रहे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि यंग इंडिया की परिकल्पना वास्तव में स्वस्थ भारत का विजन है।

सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में भरपूर विकास कार्य चल रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे के माध्यम से प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। गरीबों के घरों तक गैस चूल्हा पहुंचाया गया है। गांव में प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण किया गया है। किसानों को सम्मान निधि दी जा रही है। जरूरत मंद परिवारों को आयुष्मान कार्ड के जरिए 5 लाख तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।गरीब के घर तक बिजली पहुंचाई गई है। श्रम विभाग के माध्यम से मजदूर भाइयों के लिए 18 प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है।

प्रेरक व्यक्तित्व

एक लम्बे अंतराल के मुझे माननीय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी को प्रत्यक्ष रूप से उन्हें देखने, सुनने तथा संवाद करने का दुर्लभ अवसर मिला। लगभग चार दशक का उनका सामाजिक और राजनीतिक जीवन है, जिसमें जय- पराजय, अपमान और सम्मान, तारीफ और आलोचना, उतार और चढ़ाव सभी कुछ समाहित है।अनेक दृष्टिकोणों से उनके व्यक्तित्व को परिभाषित किया जा सकता है। बावजूद इसके आज भी उनके व्यक्तित्व में चुम्बकीय आकर्षण है।उनका अनोखा और जुझारू तेवर बिल्कुल पहले जैसा ही है।

आज भी उनके अंदर चुनौतियों का सामना करने की अदम्य ऊर्जा और इच्छा शक्ति है। धैर्य और संयम तथा सहनशीलता उनके व्यक्तित्व में झलकती है। मूल्य आधारित राजनीति को अभिव्यक्त करने वाले वह प्रेरणापुंज हैं। उनसे सीखा जा सकता है कि कैसे हमें जीवन को समाज की भलाई और बेहतरी के लिए खपा देना चाहिए।यही सार्थक जीवन है। सामाजिक आंदोलन में रहते हुए हमें कष्ट पूर्ण जीवन का भी आनंद उठाना चाहिए। परिवर्तन और गतिशीलता ही वास्तविक राजनीतिक जीवन है। ज्ञान की सापेक्षता का प्रतिपादन उनका मूल मंत्र है।

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सकारात्मक बदलाव के प्रबल पैरोकार

श्री स्वामी प्रसाद मौर्य सामाजिक परिवर्तन के सजग प्रहरी हैं। समाज और राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए वह हमेशा प्रतिबद्ध रहे हैं।उनकी निष्ठा हमेशा संदेह से परे रही है।उनके जज्बे और काबिलियत का प्रतिबिम्बन उनके भाषणों और कार्यशैली से साफ झलकता रहता है।वह हमेशा अपने वक्तव्यों में ग़लत बातों का मजबूती से विरोध करते हैं।जो लोग निरंतर उन्हें सुनते हैं वह जानते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों पर समाज को प्रेरित करते हैं।वह कहते हैं कि चाहे आपको कितना भी कष्ट उठाना पड़े, आधा पेट भोजन मिले, पुराने कपड़े पहन कर जीना पड़े, परन्तु बच्चों की पढ़ाई में कोई कटौती न करना।

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स्वामी प्रसाद मौर्य स्वयं स्वाभिमान का जीवन जीते हैं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं।हां, अहंकार उन्हें छू भी नहीं गया है। उनके भाव में संरक्षण की संवेदना है, आत्मीयता का अपनापन है और यह चिंतन उन्हें जीवन संग्राम में संचित की हुई कोमलता ने दिया है। उनके स्वर में अतुलनीय स्नेह है जो पवित्रता का बोधक है।वह जिम्मेदारी, प्रेम और वात्सल्य का उत्तरदायित्व साथ- साथ उठाते हैं। उनका स्वर और प्रेरणा सृजन के पवित्र कार्य का पर्याय बन जाता है।उनकी दृष्टि परिवर्तन के पीछे के शाश्वत सत्य को खोजती रहती है। विवेक, प्रज्ञा और शील इसके मूल आधार हैं।

इंसानियत की आवाज

एक राजनेता, कानून के प्रहरी के साथ साथ वह इंसानियत की आवाज हैं।किसी गरीब और मजलूम पर मुसीबत आई हो और स्वामी प्रसाद मौर्य वहां न पहुंचे, ऐसा हो नहीं सकता। ऐसे अनगिनत उदाहरण दिए जा सकते हैं।मेरा कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि उनका जीवन हमें सिखाता है कि वह मनुष्य क्या जो मनुष्य के लिए ममता नहीं रखता।जो पवित्र निष्कलंक नयन कल्पषों से दूर रहते हैं वे ही मानव जाति के श्रृंगार हैं।जीवन के संग्राम में अब तक लड़कर य़दि वह अपराजित हैं तो सिर्फ इसलिए कि वह दूसरे के लिए जीते और मरते हैं।उनका पैगाम है कि जिनके पास जुबान है उसे बेजुबानों को रौंदना नहीं चाहिए।

अपने अब तक के जीवन में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कभी किसी को धोखा नहीं दिया। वह हम लोगों को सिखाते हैं कि ‘‘लालच बुरी बला’’। फरेब की बुनियाद बहुत कमजोर होती है, दूसरे की कमाई हड़पना पाप है।सबके साथ न्याय हो… यह बातें वह हमेशा सिखाते हैं। वह कहते हैं कि जब मनुष्य अपनी करनी को गलत समझने लगता है और केवल स्वार्थ या भय से उससे चिपका रहता है तब वह सचमुच निर्बल हो जाता है। व्यक्ति के जीवन में विद्रोह का आरम्भ विक्षोभ, भूख और प्रतिरोध से होता है, इसलिए जन प्रतिनिधियों को इसे हमेशा ध्यान में रखना होता है।

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अन्ततः

अपनी यात्रा में स्वामी प्रसाद मौर्य उस कोलम्बस जैसे हैं जो सोने चांदी की तलाश में नहीं बल्कि मिट्टी की नई बस्तियां खोजने निकलते हैं। वह एक नए मन को बनाने निकलते हैं, जिसमें जीवन का एक नया स्वप्न है।वह प्रति पल, प्रतिक्षण एक नया निर्माण करते चले जा रहे हैं।वह अपराजित हैं… अदम्य हैं। समस्त सौन्दर्य जब इसका मोल नहीं चुका सकता, तो मैं अकेले क्या अनुमान कर सकता हूं। मनुष्यता का जहाज थपेड़े खाकर भी कभी नहीं डूब सकेगा। तन्मयता की पूर्णता जब अपने समस्त रूपों में मुखर होती है तो महामानव इसे ही पूर्ण से पूर्ण कहते हैं।

मुझे मार्ग दर्शन, आलस्यरहित एवं कर्मठ रहने की सीख देने वाले परम आदरणीय श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, जिनका सम्बल मुझे प्रेरित करता रहता है। मैं आभारी हूं उनका, सकारात्मक सोच और ऊर्जा वान नेतृत्व देने के लिए। लगातार परिश्रम और धैर्य वान प्रोत्साहन के लिए मैं हमेशा उनका कृतज्ञ रहूंगा।

– फोटो गैलरी एवं साज सज्जा- डॉ. संकेत सौरभ, द्वारा, झांसी, उत्तर प्रदेश।

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12 thoughts on “स्वामी प्रसाद मौर्य : महान राजनेता, प्रेरक व्यक्तित्व”

  1. कपिल शर्मा कहते हैं:
    अक्टूबर 19, 2021 को 8:03 अपराह्न पर

    गुरु जी मैं बहुत दुःखी हूँ, कि मै माननीय मंत्री जी से नही मिल पाया, परंतु अगली बार जब भी मंत्री जी आएंगे मै आपके माध्यम से उनसे मिलने का पूरा प्रयास करूंगा।

    प्रतिक्रिया
    1. Dr. Raj Bahadur Mourya कहते हैं:
      अक्टूबर 30, 2021 को 6:19 अपराह्न पर

      धन्यवाद आपको

      प्रतिक्रिया
  2. शिखा मौर्या कहते हैं:
    अक्टूबर 19, 2021 को 11:34 पूर्वाह्न पर

    प्रेरक व्यक्तित्व से परिचित कराने के लिए धन्यवाद सर

    प्रतिक्रिया
    1. Dr. Raj Bahadur Mourya कहते हैं:
      अक्टूबर 19, 2021 को 7:54 अपराह्न पर

      आपका बहुत बहुत आभार, सुन्दर टिप्पणी के लिए

      प्रतिक्रिया
  3. अनाम कहते हैं:
    अक्टूबर 16, 2021 को 2:52 अपराह्न पर

    बहुत सुंदर 🙏

    प्रतिक्रिया
    1. Dr. Raj Bahadur Mourya कहते हैं:
      अक्टूबर 16, 2021 को 3:32 अपराह्न पर

      धन्यवाद आपको

      प्रतिक्रिया
  4. Preeti कहते हैं:
    अक्टूबर 16, 2021 को 2:51 अपराह्न पर

    बहुत सुंदर 🙏🙏

    प्रतिक्रिया
    1. Dr. Raj Bahadur Mourya कहते हैं:
      अक्टूबर 16, 2021 को 3:32 अपराह्न पर

      धन्यवाद आपको

      प्रतिक्रिया
  5. Dr. Sita Ram Singh कहते हैं:
    अक्टूबर 15, 2021 को 8:37 अपराह्न पर

    माननीय कैबिनेट मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी शानदार व्यक्तित्व के धनी है। लगभग तीन दशक से अधिक समय से मंत्री रहने के बावजूद भी आपका व्यक्तित्व बहुत ही सरल, सौम्य, विनम्र एवं मिलनसार है।
    आपका व्यक्तित्व मानवतावादी दृष्टिकोण को पल्लवित और पोषित करता है। आपने अपने इस दृष्टिकोण से दलित, शोषित, पीड़ित एवं महिलाओं की आवाज बनकर सड़क से विधानसभा तक केवल आवाज ही नहीं बने, बल्कि अन्तिम परिणाम तक कार्यवाही को पहुंचाया। ऐसे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी युगपुरूष के लिए मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वह पूर्ण स्वस्थ्य एवं सकुशल रहे और समाज की आवाज हमेंशा बने रहे।

    प्रतिक्रिया
    1. Dr. Raj Bahadur Mourya कहते हैं:
      अक्टूबर 15, 2021 को 8:40 अपराह्न पर

      बहुत प्रेरक टिप्पणी लिखी है आपने, डॉ साहब। बारम्बार धन्यवाद।

      प्रतिक्रिया
  6. देवेन्द्र कुमार मौर्य कहते हैं:
    अक्टूबर 15, 2021 को 7:11 अपराह्न पर

    माननीय स्वामी प्रसाद जी बेहद सरल और सौम्य व्यक्तित्व के धनी है। इतने समय से बड़े पदों को संभालने के बाद भी वो जितने नम्र और मिलनसार है ये अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह पूर्ण स्वस्थ्य रहे और ऐसे ही सहज रूप से लोकजीवन में आगे बढते रहे।

    प्रतिक्रिया
    1. Dr. Raj Bahadur Mourya कहते हैं:
      अक्टूबर 15, 2021 को 7:13 अपराह्न पर

      बहुत सुन्दर टिप्पणी है आपकी। साधुवाद आपको डॉ साहब।

      प्रतिक्रिया

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