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अखण्ड भारतीय राष्ट्र का अजेय, दैदीप्यमान, ध्रुव तारा : सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य…

Posted on अप्रैल 21, 2020जुलाई 12, 2020
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आज से 2324 साल पहले (बैसाख कृष्ण पक्ष चतुर्दशी) भारत की इस पावन और पवित्र भूमि पर मौर्य वंश के एक सुपुत्र ने जन्म लिया। वह अखण्ड भारतीय राष्ट्र का अजेय ध्रुवतारा सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य था। अपने शौर्य और पराक्रम से चंद्रगुप्त ने तत्कालीन भारत के 5500 टुकड़ों का एकीकरण कर जिस मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया, पूरे इतिहास में उसका कोई सानी नहीं है।

chandragupt mourya

आज लगभग ढाई हजार साल बाद भी लोग अपने उस अतीत को याद करते हैं और कहते हैं कि वह तो चन्द्रगुप्त मौर्य का दौर था। खनकती हुई तलवारों के बीच सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का पूरा जीवन प्रेम के अभिन्न गौरव की गाथा है। जिसकी परिधि राष्ट्रवाद था। वेदना के झटकों से जागी हुई इंसानियत के परिवेश में पले चन्द्रगुप्त मौर्य का व्यक्तित्व स्नेह की पराकाष्ठा है। उसके जीवन का चिरंतन संदेश है कि कभी मजबूर की मजबूरी का फायदा उठाकर उस पर ज़ुल्म नहीं करो। तलवार सबको काटती है पर म्यान को नहीं। लौ काठ को भस्म करती है पर काठ लौ को झुकाती नहीं है, उठाती ही रहती है। आंसू निर्बलता के प्रतीक हैं। संवेदना सम्बल चाहती है और सम्बल प्राप्ति आत्मविश्वास की चरमोन्नति है। विचार जीवन की यथार्थ विषमताओं में जन्मता है। वेदना उसे आकार देती है। संघर्ष उसे साकार करता है परन्तु कभी वेदना को नष्ट नहीं करता। यही वेदना, करुणा को जन्म देती है जिसका आधार सर्व धर्म समभाव और सर्व धर्म ममभाव होता है। सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन इसका उत्कृष्ट उदाहरण है।

विशाल साम्राज्य का स्वामी होते हुए भी लोभ,लालच और अहंकार से मुक्त जीवन था सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का। भारत शब्द को नया अर्थ दिया था उसने- अखण्ड और अपराजेय भारत। उससे हम सीख मिलती है कि मिट्टी में गिरकर मिलना तथा उठकर खड़े होना यही सृजन का अनन्त क्रम है। जहां आज हम हैं वहां कल कोई और होगा। यह स्वीकार्यता ही अहंकार मुक्त तथा कर्तव्य युक्त पथ पर आरूढ़ हो अपने ही चरणों के वैभव पर चलना सिखाती है। जीवन उतना ही नहीं है जितना हम समझते हैं। असंख्य कीर्ति रश्मियां अनंत काल तक आपके पुनीत अवदान को बिखेरेंगी। जिंदगी कभी संकुचित दायरों में सुखी नहीं रह सकती। वह निरंतर अपना विस्तार चाहती है। आजादी वह है जहां सुबह भी अपनी हो और रात भी अपनी हो। जीवन सार्थक तभी है जब उसमें सामूहिकता का स्नेह और सम्बल हो। यह धरती कितने युगों-युगों से मनुष्य की अमर चेतना का प्रवाह अपने भीतर, अपने कण में धारण करती है।

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चन्द्रगुप्त मौर्य उस चेतना का एक अंश है। जिसका प्रकाश आज भी हमें मुसीबतों और कष्टों में जीवट के साथ जीवन जीना सिखाता है।हिमगियों से भी ऊंचे अरमानों को लेकर चलना, झंझावातों का साहस के साथ मुकाबला करना, दुःख को अपना साथी बनाना, अपनेपन तथा अपमान से मुक्त होना, इसी का नाम चन्द्रगुप्त मौर्य है। उनके जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई।

डॉ.राजबहादुर मौर्य,झांसी

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14 thoughts on “अखण्ड भारतीय राष्ट्र का अजेय, दैदीप्यमान, ध्रुव तारा : सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य…”

  1. अनाम कहते हैं:
    अप्रैल 16, 2021 को 9:54 पूर्वाह्न पर

    जय हो महान सम्राट की…

    प्रतिक्रिया
  2. देवेन्द्र कुमार मौर्य कहते हैं:
    अप्रैल 15, 2021 को 11:13 अपराह्न पर

    चंद्रगुप्त मौर्य कोई एक महान राजा भर नही है जो इतिहास का हिस्सा हो बल्कि ये नाम स्वयं में सम्पूर्ण इतिहास है। इस एक नाम के बिना आधुनिक भारत के स्वर्णिम इतिहास की कल्पना भी संभव नही है। चंद्रगुप्त मौर्य अतुलनीय और सूर्य के समान प्रकाशमान व्यक्तित्व है और सदा रहेंगे। ऐसे सूर्य को आपके शब्द रूपी अर्ध्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।

    प्रतिक्रिया
    1. Dr. Raj Bahadur Mourya कहते हैं:
      अप्रैल 16, 2021 को 10:37 पूर्वाह्न पर

      आपने जिन शब्दों में समीक्षा कर उत्साह वर्धन किया है उसके लिए आपका बहुत बहुत आभार।

      प्रतिक्रिया
  3. आप यल मौर्य लखनऊ कहते हैं:
    अप्रैल 15, 2021 को 9:03 अपराह्न पर

    चन्द्रगुप्त मौर्य वह इतिहास है जो कभी मिट नहीं सकता डाक्टर साहब को धन्यवाद जो इतना सुन्दर वर्णित किया है

    प्रतिक्रिया
    1. Dr. Raj Bahadur Mourya कहते हैं:
      अप्रैल 16, 2021 को 10:38 पूर्वाह्न पर

      आपकी प्रेरणा मेरा सम्बल है,सर।

      प्रतिक्रिया
  4. अनाम कहते हैं:
    अप्रैल 28, 2020 को 7:04 पूर्वाह्न पर

    हमें गर्व है हम चंद्रगुप्त मौर्य व सम्राट अशोक के वंशज हैं

    प्रतिक्रिया
  5. Kk kushwaha कहते हैं:
    अप्रैल 27, 2020 को 7:23 पूर्वाह्न पर

    Jay ho

    प्रतिक्रिया
  6. ayodhya prasad कहते हैं:
    अप्रैल 26, 2020 को 9:14 पूर्वाह्न पर

    “हमारे प्रेणा स्रोत अखण्ड भारत के निर्माता विशाल साम्राज्य के स्वामी सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य की क्रीतिमान गौरव गाथा को सत-सत नमन “

    प्रतिक्रिया
  7. Dhirendra maurya कहते हैं:
    अप्रैल 23, 2020 को 3:29 अपराह्न पर

    बहुत खूब

    प्रतिक्रिया
  8. प्रतिमा कुशवाहा कहते हैं:
    अप्रैल 21, 2020 को 7:49 अपराह्न पर

    अखंड भरत निर्माता सम्राट च्स्न्द्रगुप्त मौर्य की जय हो ॥ हमें गर्व हैं कि हम उनके वंशज हैं ॥

    प्रतिक्रिया
  9. Ajay कहते हैं:
    अप्रैल 21, 2020 को 1:51 अपराह्न पर

    सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य की जय

    प्रतिक्रिया
    1. Dr. RB Mourya कहते हैं:
      अप्रैल 21, 2020 को 7:33 अपराह्न पर

      जय हो

      प्रतिक्रिया
      1. प्रतिमा कुशवाहा कहते हैं:
        अप्रैल 21, 2020 को 2:18 अपराह्न पर

        अखंड भरत निर्माता सम्राट च्स्न्द्रगुप्त मौर्य की जय हो ॥ हमें गर्व हैं कि हम उनके वंशज हैं ॥

        प्रतिक्रिया
        1. Dr. RB Mourya कहते हैं:
          अप्रैल 21, 2020 को 7:53 अपराह्न पर

          जय हो

          प्रतिक्रिया

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