सिंहल द्वीप “सिंहल” को आम बोलचाल की भाषा में “सिरीलंका” (श्री लंका) के नाम से जाना जाता है।इसको “सीलोन” भी कहा जाता है। इस देश का प्राचीन नाम “रत्न द्वीप”…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- चोल तथा द्रविड़ देश में…
चोल तथा द्रविड देश में “अन्ध्र” देश की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से दक्षिण- पश्चिम लगभग एक हजार ली चलकर “चुलिये” अर्थात् “चुल्य” अथवा “चोल” देश में…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कलिंग, कोशल और अन्ध्र देश…
कलिंग यात्रा के अगले चरण में ह्वेनसांग “कयी लिंग किया” अर्थात् “कलिंग” राज्य में आया। आजकल यह उड़ीसा, आंध्र प्रदेश का उत्तरी भाग तथा छत्तीसगढ़ राज्य तक फैला हुआ है।…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- बंगाल तथा उड़ीसा…
बंगाल तथा उड़ीसा आसाम से 1200 या 1300 ली चलकर ह्वेनसांग “सनमोटाचा” अथवा “समतल” प्रदेश में आया।इसकी पहचान “पूर्वी बंगाल”(अब बांग्लादेश) के रूप में हुई है। यह समुद्र के किनारे…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- हिरण्य पर्वत तथा चम्पा नगरी…
हिरण्य पर्वत तथा चम्पा उत्तरार्द्ध मगध देश से 200 ली पूर्व दिशा में चलकर ह्वेनसांग अपनी यात्रा के अगले चरण में “इलाना पोफाटो” अर्थात् “हिरण्य पर्वत” पर आया। इसकी पहचान…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- नालंदा…
नालन्द वेणुवन विहार से 30 ली उत्तर दिशा में आगे चलकर ह्वेनसांग नालन्द (नालन्दा) संघाराम में आया।आज नालंदा बिहार की राजधानी पटना से 88.5 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व तथा राजगीर से 11.5…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- वेणुवन…
वेणुवन गिरिव्रज पहाड़ी नगर के उत्तरी फाटक से एक ली चलने पर “करण्ड वेणुवन” है। यहां पर एक विहार की नींव और टूटी-फूटी दीवारें शेष हैं। इसका द्वार पूर्व की…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मगध देश उत्तरार्ध…
मगध देश उत्तरार्द्ध बोधगया में बुद्ध देव की तप स्थली तथा बोधिवृक्ष के दर्शन कर ह्वेनसांग बोधिवृक्ष के पूर्व में नीरांजना नदी को पार कर एक जंगल के मध्य में…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- बोधगया में…
गया में – पाटलिपुत्र की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर, शील भद्र संघाराम के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 40 या 50 ली की दूरी पर निरंजना नदी…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मगध देश में…
मगध देश में- नेपाल की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग मगध देश में आया। इसका पुराना नाम पाटलिपुत्र भी था। आजकल इस पटना के नाम से जाना जाता है…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- वैशाली नगरी…
वैशाली बुद्ध देव की प्रिय नगरी थी।वज्जिका यहां की मुख्य भाषा थी। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र क़ायम किया गया था। तथागत भगवान्…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- सारनाथ, गाजीपुर तथा वैशाली…
सारनाथ कपिलवस्तु और लुम्बिनी की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर ” पओलोनिस्की ” अर्थात् वाराणसी या बनारस आया। उसने लिखा है कि यहां 30 संघाराम और…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कपिल वस्तु और कुशीनगर…
कपिलवस्तु का आगे वर्णन करते हुए ह्वेनसांग ने लिखा है कि नगर के दक्षिण, फाटक के बाहर,सड़क के वाम भाग में, एक स्तूप उस स्थान पर बना हुआ है जहां…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- श्रावस्ती और कपिलवस्तु…
श्रावस्ती साकेत की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर “शीलोफुसीटी” अर्थात् श्रावस्ती आया। प्राचीन समय में इसका नाम “सहेट-महेट” गांव था। यह अयोध्या से 58 मील उत्तर…