लमगान और नगरहार कपिशा देश से 600 ली पूरब चलकर तथा घाटियों एवं पहाड़ियों को पार कर ह्वेनसांग उत्तरी भारत में पहुंचा। यहां उसका सबसे पहला पड़ाव “लैनयो”(लमगान) देश था।…
गरासिया जनजाति
गरासिया राजस्थान की एक प्रमुख आदिवासी क़ौम है। राजस्थान में सिरोही, उदयपुर और पाली जिलों में मुख्य रूप से इनका निवास है। सिरोही जिले की आबूरोड और पिण्डवारा तहसीलों में…
अखण्ड भारतीय राष्ट्र का अजेय, दैदीप्यमान, ध्रुव तारा : सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य…
आज से 2324 साल पहले (बैसाख कृष्ण पक्ष चतुर्दशी) भारत की इस पावन और पवित्र भूमि पर मौर्य वंश के एक सुपुत्र ने जन्म लिया। वह अखण्ड भारतीय राष्ट्र का…
पुस्तक समीक्षा : “ह्वेनसांग की भारत यात्रा” : भाग -1 से 30 तक
ह्वेनसांग की यात्रा का पहला पड़ाव “ओकीनी” राज्य था। यह स्थान वर्तमान काल में करशर अथवा कर शहर माना जाता है जो संगेज झील के पास है। उस समय यहां…
वार,भोई और लिगंन्नम जनजाति…
वार,भोई और लिगंन्नम जनजाति के लोग मेघालय में खासी जनजाति के अंतर्गत आते हैं। इन्हें उपरोक्त नाम उनके निवास स्थान के नाम से दिया गया है। नृजातीय रुप से यह…
पुस्तक समीक्षा- “ह्वेनसांग की भारत यात्रा”… परिचय
ह्वेनसांग तीसरा चीनी यात्री था जिसने सन 629 से 645 तक कुल 17 वर्ष लंबी भारत यात्रा की। उसने अपना यात्रा विवरण चीनी भाषा में लिखा इसका हिंदी में अनुवाद…
मणिपुर के आदिवासी…
भारत की पूर्वी सीमा पर स्थित मणिपुर राज्य 22,327 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। मणिपुर का प्राचीन नाम” कंलैपाक्” है। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक मणिपुर की कुल…
बोड़ो आदिवासी समुदाय…
पूर्वोत्तर भारत की ब्रह्मपुत्र घाटी के उत्तरी तथा पूर्वी बंगाल में फैले बोड़ो मंगोल नस्ल के हैं। वर्तमान में यह असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैण्ड, बंगाल और बिहार…
“प्रबल वेग से लौटकर आती हुई प्रतिध्वनि – जय भीम…”
आज बाबा साहेब डॉ.अम्बेडकर(14 अप्रैल 1891- 6 दिसम्बर 1956 ई.) का जन्म दिन है। सभी को बधाई। आज से ठीक 129 साल पहले कोई उन्हें जानता भी नहीं था और…
ईश्वर के प्रिय बच्चे – “लेपचा आदिवासी” …
भारत के पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग जनपद, सिक्किम तथा पूर्वी नेपाल के पर्वतीय जिले इलाम, तिब्बत व पश्चिम तथा दक्षिण पश्चिम भूटान में “लेपचा” जनजाति के लोग पाये जाते हैं।…
ज्योतिबा फुले और उनके चिंतन की जीवंतता…
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी, उत्तर- प्रदेश । फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, झाँसी, उत्तर- प्रदेश, भारत । email :…
तागिन जनजाति…
कभी पूर्वोत्तर सीमांत एजेन्सी (नेफा) के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र “अरुणाचल” प्रदेश जनजातियों का घर है। यहां असंख्य जनजातियां निवास करती हैं जिनमें से मुख्य रूप से- मोनपा,मिजी,…
लावारिश ” हाजाॅङ “आदिवासी समुदाय…
“हाजाॅङ” आदिवासी समुदाय पूर्वोत्तर भारत की सबसे पिछड़ी जनजाति मानी जाती है। शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक तौर पर अति पिछड़ा हुआ यह समाज आज भी “लावारिश” स्थिति में…
सेवा भाव से परिपूर्ण, ग्राम्य- संगीत के प्रेमी – “मिजो जनजाति” के लोग…
अपनी प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण, पूर्वोत्तर भारत का पर्वतीय प्रदेश, मिज़ोरम “मिजो जनजाति”के आवास स्थल के रूप में जाना जाता है।असीम विविधता, अपार सौन्दर्य,जैविकी की प्रचुरता से लबालब भरे मिजोरम…