“भील ” नाम द्रविड़ भाषा परिवार के अन्तर्गत कन्नड़ के “बील”शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है- धनुष। आदिम विश्वासों में जीने वाले भील समुदाय के लोग अपने धनुष…
पातालकोट की अंधेरी गलियों में जीवन जीते “भारिया” आदिवासी…
मध्य -प्रदेश के छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय के उत्तर सतपुड़ा के पठार पर अवस्थित पातालकोट प्रकृति की अद्भुत रचना है। छिंदवाड़ा से पातालकोट की दूरी 62 किलोमीटर तथा तामिया विकास खंड…
मुफलिसी और अभाव के साथ स्वाभिमान का जीवन जीते “बैगा”आदिवासी…
“बैगा “मध्य- प्रदेश का आदिम, आदिवासी समुदाय है जो मुफलिसी और अभाव तथा ग़रीबी का जीवन जीने के लिए अभिशप्त है। वह नागरिक और सामाजिक जीवन की मूलभूत सुविधाओं से…
अमेरिकी कालों के मसीहा और दासों के मुक्तिदाता- अब्राहम लिंकन …
परिचय अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 ई. को अमेरिका के केण्टुकी प्रान्त के हार्डिंन काउंटी में हुआ था। यह संयोग ही है कि इसी दिन चार्ल्स डार्विन का भी…
हक़, इंसाफ और सम्मान के लिए संघर्षरत, रजक समाज…
रजक समाज को उत्तर भारत में “धोबी” समाज के नाम से जाना जाता है। यह भारत का मूल निवासी समाज है। कपड़े धोना, कपड़ों को रंगना, कपड़ों को प्रेस करना,…
ग़रीबी के अभिशाप से ग्रस्त “कोरकू” आदिवासी समुदाय…
21 वीं सदी में जब इंसान अपना आशियाना चांद पर बनाने की योजना बना रहा है, तब भी धरती पर ऐसे अभागे लोग हैं जिनके नसीब में ज़लालत और जिल्लत…
“मीणा”आदि वासियों के बीच…
आदिवासी समुदाय मीणा राजस्थान की प्रमुख जनजाति है। उत्तर – प्रदेश में भी मीणा समुदाय की आबादी पायी जाती है। मीणा लोग सिंधु सभ्यता के द्रविड़ लोग हैं जिनका गण…
खोये हुए बुद्ध की खोज -पुस्तक समीक्षा
पुस्तक का नाम – “खोये हुए बुद्ध की खोज“ पुस्तक खोये हुए बुद्ध की खोज अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भाषा वैज्ञानिक, सासाराम, बिहार के निवासी तथा दो दर्जन से अधिक शोधपरक…