Skip to content
Menu
The Mahamaya
  • Home
  • Articles
  • Tribes In India
  • Buddhist Caves
  • Book Reviews
  • Memories
  • All Posts
  • Hon. Swami Prasad Mourya
  • Gallery
  • About
The Mahamaya

धरकार समाज के बीच……

Posted on जनवरी 9, 2020मई 11, 2023

उत्तर – प्रदेश में धरकार समाज की पहचान एक शिल्पी के रूप में है। इस समुदाय का पारंपरिक पेशा बांस से डलिया,मौनी,टोकरी,बेना, दउरी, तथा बेंत से कुर्सी बनाना है।

धरकार समाज के 99 फीसदी लोगों की जीविका इसी पर आश्रित है। यह समाज अनेक उपजातियों में विभक्त है। धरकार समाज की एक उपजाति बांसफोड कहलाती है। यह घुमंतू तथा खानाबदोश जातियों की तरह जीवकोपार्जन के लिए, बांस की तलाश में, अपने डेरे बदलती रहती है तथा सपरिवार झुंड बनाकर सड़कों के किनारे अस्थायी डेरा डालकर रहने को मजबूर है। एक ऐसी भी उपजाति है जो पत्थर तोड़ने,प्लास्टिक बीनने तथा सुअर पालन का कार्य करती है।

धरकार समाज के लोग शादी-ब्याह ब्याह में बाजा बजाने का भी काम करते हैं। मान्यता रही है कि धरकार समाज की वंशावली रजवाड़ों की रही है।

राजा वेन धरकार समाज के पूर्वज हैं। इस समुदाय के कुछ लोग वेनवंशी टाइटिल भी लगाते हैं। धरकार समाज के लोग सीधे-सादे ,सरल स्वभाव वाले तथा शांति प्रिय होते हैं। इस समाज के पास नौकरी, खेती- बाड़ी,कल कारखाने एवं व्यवसाय का अभाव है। पलायन इस समाज की बड़ी समस्या है। अधिकतर लोग शहरों में झुग्गी-झोपड़ियों में जीवन यापन करते हैं। प्रदेश में धरकार समाज अनुसूचित जाति में शामिल अति दलित समाज है। प्रौद्योगिकीकरण के दौर में आज यह समाज भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। देश तथा प्रदेश में राजनीतिक भागीदारी के अभाव में धरकार समाज अंधेरे और गुमनामी में खो गया है।


अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन के प्रारम्भिक दौर से ही श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का जुड़ाव धरकार समाज से रहा है।वह निरंतर उनके बीच में पहले भी जाते रहे हैं और आज भी जाते हैं। धरकार समाज भी उन्हें अपना प्रिय मानता है और अपने दुःख दर्द उनसे कहता है। दिनांक 16.11.2008 ई. को काली प्रसाद इंटर कालेज, इलाहाबाद में अखिल भारतीय धरकार समाज जागृति मंच के द्वारा विशाल राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिस्सा लिया तथा धरकार समाज को आगे बढ़ाने में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। आज भी जहां और जब भी धरकार समाज को मदद की दरकार होती है, स्वामी प्रसाद मौर्य उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं और उन्हें संबल प्रदान करते हैं। उक्त कार्यक्रम में, कार्यक्रम के आयोजक श्री अभिमन प्रसाद ने अपने समाज का दर्द बयां करते हुए कहा था,”तुम्हीं शर्तें ताल्लुक तय करो,हम क्या बतायेगें। तुम्हारे पास दरिया है, हमारे पास प्यासे हैं।”अपने समाज को भी झकझोरते हुए उन्होंने कहा,”दफन न कर दे दुनिया कहीं लाश समझकर।जब तक सांस है, करवटें बदलते रहिए।“

डॉ. राजबहादुर मौर्य, झांसी

इसके कुछ धन्यवाद जो मेरे पास आये…

1- धरकार समाज को लोग भूलते जा रहे । आप जैसे लोगों की कलम ने उनका अस्तित्व बनाये रखा है।

2- मन के अंधेरे को महिमामंडित करने का नाम दिया जाता है, आत्मविश्लेषण करना। जबकि इसका सरल सा उपाय है किसी भी चीज पर सचेतना के साथ रोशनी डालना। आपके सभी लेख गरीबों, पिछड़ों आदि के यथार्थ जीवन से जुड़े चित्र की झलकियां दिखाते है। इसके लिए समाज आपको अनंत समय तक याद करेगा। 🙏🙏🙏

Next Post – वेदना और व्यथा, मुसहर समुदाय की…….

Previous Post – गोंड समाज के साथ……

3.67/5 (3)

Love the Post!

Share this Post

14 thoughts on “धरकार समाज के बीच……”

  1. Kilash Kumar कहते हैं:
    जनवरी 28, 2024 को 6:29 अपराह्न पर

    Dharkar

    प्रतिक्रिया
  2. Aman Verma कहते हैं:
    अक्टूबर 22, 2023 को 7:09 अपराह्न पर

    Samarthan kare ye article hatwaya jaye hmara itna bura itihas nahi hai aur na he hum gumnami mein hai.
    Koi hamara subhchintak agar hamare jaati ke baare m Hmare baare m janna chahe to wo Ye article Padhega uske samne hamari kya image hogi ye article hatwaya jaye

    प्रतिक्रिया
  3. अनाम कहते हैं:
    सितम्बर 3, 2023 को 11:10 पूर्वाह्न पर

    Ye sab galat blog hai

    प्रतिक्रिया
  4. अनाम कहते हैं:
    अगस्त 4, 2023 को 1:54 अपराह्न पर

    Wrong information about dharkaar castr

    प्रतिक्रिया
  5. अनाम कहते हैं:
    अगस्त 4, 2023 को 1:54 अपराह्न पर

    Wrong information about dharkaar castr

    प्रतिक्रिया
  6. Suraj bhan Benvanshi कहते हैं:
    अप्रैल 15, 2023 को 8:03 अपराह्न पर

    Yah sabhi bate sarasar galat hai
    Ispe political agenda khela gya hai yah
    Yah sari janakari asatya hai yah punah janch kr likhe athava likhe hi nhi

    प्रतिक्रिया
    1. अनाम कहते हैं:
      अगस्त 4, 2023 को 1:54 अपराह्न पर

      Right

      प्रतिक्रिया
  7. Govind dhariya कहते हैं:
    मार्च 2, 2023 को 10:21 अपराह्न पर

    Hmare smaj me kaun suar palan krta hai yarr had hai plz phle achhe se jankari hasil kijiye phir blog likhiye

    प्रतिक्रिया
  8. Govind dhariya कहते हैं:
    मार्च 2, 2023 को 10:18 अपराह्न पर

    Bta rhe hai dom ke bare me aur nam likh rhe hai dharikar ka aaiye kabhi gorkhpur me dikhate hai dharikar kaise hote hai

    प्रतिक्रिया
    1. Aman Verma कहते हैं:
      अक्टूबर 22, 2023 को 7:10 अपराह्न पर

      Bhaiya kese bhi karke ye Article hatwaya jaye

      प्रतिक्रिया
  9. Ayush कहते हैं:
    जनवरी 30, 2023 को 5:28 अपराह्न पर

    Pahle sahi se search karo dharkar samaj ke baare me fir yaha aakar blog likhna… 90% baat tumne jhut bataya hai…. thats it.

    प्रतिक्रिया
  10. अनाम कहते हैं:
    अप्रैल 19, 2022 को 2:55 अपराह्न पर

    Shri man ji aap ko( Dharkar)jati ke gyan sunny ke barabr hai
    Ish jati ke kary Karne ke bare me jo aap ne Likha hai kya bhart Sarkar ke kishi kameti ke sarwechan ka report hai kya
    Age aap ke pas asi koi sarkari dasta weg hai to ish post me dale anyatha yuhi mat post kariye

    प्रतिक्रिया
  11. अनाम कहते हैं:
    अगस्त 23, 2021 को 11:55 पूर्वाह्न पर

    बिल्कुल

    प्रतिक्रिया
  12. आकाश बेनबन्शी कहते हैं:
    अगस्त 22, 2021 को 3:58 अपराह्न पर

    मै इस वेबपेज पर यह गुजारिश करूँगा कि कृपया धरकार के बारे में सभी जानकारी को फिर से जाच करें और पोस्ट करें

    प्रतिक्रिया

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

About This Blog

This blog is dedicated to People of Deprived Section of the Indian Society, motto is to introduce them to the world through this blog.

Latest Comments

  • Tommypycle पर असोका द ग्रेट : विजन और विरासत
  • Prateek Srivastava पर प्रोफेसर (डॉ.) ज्योति वर्मा : विद्वता, साहस और ममत्व का अनुपम संगम
  • Mala Srivastava पर प्रोफेसर (डॉ.) ज्योति वर्मा : विद्वता, साहस और ममत्व का अनुपम संगम
  • Shyam Srivastava पर प्रोफेसर (डॉ.) ज्योति वर्मा : विद्वता, साहस और ममत्व का अनुपम संगम
  • Neha sen पर प्रोफेसर (डॉ.) ज्योति वर्मा : विद्वता, साहस और ममत्व का अनुपम संगम

Posts

  • अप्रैल 2025 (1)
  • मार्च 2025 (1)
  • फ़रवरी 2025 (1)
  • जनवरी 2025 (4)
  • दिसम्बर 2024 (1)
  • नवम्बर 2024 (1)
  • अक्टूबर 2024 (1)
  • सितम्बर 2024 (1)
  • अगस्त 2024 (2)
  • जून 2024 (1)
  • जनवरी 2024 (1)
  • नवम्बर 2023 (3)
  • अगस्त 2023 (2)
  • जुलाई 2023 (4)
  • अप्रैल 2023 (2)
  • मार्च 2023 (2)
  • फ़रवरी 2023 (2)
  • जनवरी 2023 (1)
  • दिसम्बर 2022 (1)
  • नवम्बर 2022 (4)
  • अक्टूबर 2022 (3)
  • सितम्बर 2022 (2)
  • अगस्त 2022 (2)
  • जुलाई 2022 (2)
  • जून 2022 (3)
  • मई 2022 (3)
  • अप्रैल 2022 (2)
  • मार्च 2022 (3)
  • फ़रवरी 2022 (5)
  • जनवरी 2022 (6)
  • दिसम्बर 2021 (3)
  • नवम्बर 2021 (2)
  • अक्टूबर 2021 (5)
  • सितम्बर 2021 (2)
  • अगस्त 2021 (4)
  • जुलाई 2021 (5)
  • जून 2021 (4)
  • मई 2021 (7)
  • फ़रवरी 2021 (5)
  • जनवरी 2021 (2)
  • दिसम्बर 2020 (10)
  • नवम्बर 2020 (8)
  • सितम्बर 2020 (2)
  • अगस्त 2020 (7)
  • जुलाई 2020 (12)
  • जून 2020 (13)
  • मई 2020 (17)
  • अप्रैल 2020 (24)
  • मार्च 2020 (14)
  • फ़रवरी 2020 (7)
  • जनवरी 2020 (14)
  • दिसम्बर 2019 (13)
  • अक्टूबर 2019 (1)
  • सितम्बर 2019 (1)

Contact Us

Privacy Policy

Terms & Conditions

Disclaimer

Sitemap

Categories

  • Articles (105)
  • Book Review (60)
  • Buddhist Caves (19)
  • Hon. Swami Prasad Mourya (23)
  • Memories (13)
  • travel (1)
  • Tribes In India (40)

Loved by People

“

030201
Total Users : 30201
Powered By WPS Visitor Counter
“

©2025 The Mahamaya | WordPress Theme by Superbthemes.com