– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश) भारत । email : drrajbahadurmourya @ gmail.com, website : themahamaya.com (वितरण मूलक न्याय, विदेशी द्वेष की अवधारणा, विद्याबेन…
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राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 33)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश) भारत । email : drrajbahadurmourya @ gmail.com, website : themahamaya.com (लोकविद्या, लोकायत दर्शन, लोकतंत्र, व्यक्तिवाद, वर्धा शिक्षा योजना,…
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग-32)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश), भारत । email : drrajbahadurmourya @ gmail.com, website : themahamaya.com (राष्ट्र-भाषा, राष्ट्रवाद, भारत में राष्ट्रत्व, राहुल सांस्कृत्यायन, रेने…
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 30)
– राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर- प्रदेश), फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, नई दिल्ली. mail id : drrajbahadurmourya @ gmail ….
राजनीति विज्ञान/ समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य, (भाग- 31)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर- प्रदेश), Email : drrajbahadurmourya @ gmail.com, Website : the mahamaya.com (आचार्य चतुरसेन, तस्लीमा नसरीन, सामाजिक न्याय की राजनीति,…
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 29)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य; असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश), फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, नई दिल्ली, भारत । email : drrajbahadurmourya @ gmail….
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग-28)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर- प्रदेश), फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी डॉ. संकेत सौरभ, नई दिल्ली । email : drrajbahadurmourya @ gmail. Com,…

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 27)
महाराष्ट्र में समाज सुधार के क्षेत्र में ज्योति राव फुले ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । फुले ने रामदास को शिवाजी का गुरु मानने से इंकार किया । फुले के मुताबिक़ ये ब्राह्मण वास्तव में उनके गुरु नहीं बल्कि उन्होंने उनके राज्य का इस्तेमाल सभी ऊँचे पदों पर अपने लोगों को बैठाने के लिए किया ।