भारतीय क्रांति दल- परिचय सन् १९६७ में राजस्थान के दिग्गज किसान नेता चौधरी कुम्भाराम आर्य (१० मई १९१४-२६ अक्टूबर १९९५) तथा उत्तर प्रदेश के किसान नेता चौधरी चरण सिंह (२३…
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बुंदेलखंड में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (प्र.सो.पा.)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड महाविद्यालय झांसी (उत्तर प्रदेश) प्रजा सोशलिस्ट पार्टी- परिचय सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य, श्री जय प्रकाश नारायण, आचार्य नरेन्द्र देव तथा…

बुंदेलखंड में जनसंघ/भारतीय जनसंघ
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान विभाग, बुंदेलखंड महाविद्यालय, झांसी (उत्तर प्रदेश) परिचय उत्तर-प्रदेश के अंतर्गत आने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा तथा…
बुन्देलखण्ड का संसदीय चुनावी राजनीतिक परिदृश्य- वर्ष 1952 से 2019 तक – एक विवेचन
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान, बुन्देलखण्ड कालेज झांसी (उत्तर- प्रदेश) भारत । email : drrajbahadurmourya@ gmail. com, Website : themahamaya.com नोट : निम्नलिखित विवेचन उत्तर- प्रदेश के…

मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के उत्तर- प्रदेश से सांसद
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर- प्रदेश), फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, नई दिल्ली, भारत । email : drrajbahadurmourya @…

उत्तर-प्रदेश विधानसभा में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज का राजनीतिक प्रतिनिधित्व- एक झलक
उत्तर- प्रदेश की विधानसभा में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज का प्रतिनिधित्व, वर्ष 1951-52 से 2022 ई. तक – डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश)…

बुंदेलखंड में राजनीति शास्त्र की अनमोल धरोहर : प्रोफेसर शेर सिंह कोठारी
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान विभाग, बुन्देलखण्ड कॉलेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश) भारत । email : drrajbahadurmourya@ gmail.com, website : themahamaya.com दिनांक 4 जनवरी सन् 1928 ई. को राजस्थान…

बौद्ध संस्कृति का संवाहक, भारत का करीबी दोस्त- भूटान
प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण तथा हिमालय पर बसा दक्षिण एशिया का महत्वपूर्ण देश भूटान बौद्ध संस्कृति का संवाहक और भारत का करीबी दोस्त है। बौद्ध धर्म यहां का राजकीय धर्म…

महेंद्र और संघमित्रा की कर्मभूमि – श्री लंका (भाग- २)
श्री लंका बौद्ध जगत के प्रकाश स्तम्भ अनागारिक धम्मपाल की जन्मस्थली है जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बुद्ध के संदेशों के प्रचार प्रसार में लगा दिया। जीवन के ४० वर्ष उन्होंने…

महेंद्र और संघमित्रा की कर्मभूमि- श्री लंका(भाग-१)
दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित श्री लंका, सम्राट अशोक के पुत्र महेन्द्र और पुत्री संघमित्रा की कर्मभूमि है। इस द्विपीय देश में भिक्खु महेंद्र और…

सुवर्ण भूमि- म्यांमार (भाग-२)
अद्भुत श्वेडागोन पगोड़ा म्यांमार की राजधानी यांगून में श्वेडागोन पगोड़ा है। लगभग २५०० साल पहले निर्मित इस स्तूप की ऊंचाई ३२० फ़ीट है। इसमें सोना मढ़ा हुआ है। इसके शिखर…

सुवर्ण भूमि- म्यांमार (भाग-१)
प्राकृतिक सौंदर्य तथा संसाधनों से परिपूर्ण म्यांमार को प्राचीन काल में सुवर्ण भूमि (सुवन्ना भूमि) के नाम से जाना जाता था। यहां के ८५ प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म को मानते…

को-किंगडम ऑफ वंडर – कम्बोडिया
को- किंगडम ऑफ वंडर के नाम से जाना जाने वाला देश कम्बोडिया हिन्द- चीन प्रायद्वीप का एक देश है जो सन् १९५५ ई. में फ्रांसीसी आधिपत्य से मुक्त हुआ है।…

बौद्ध संस्कृति और युद्ध के ज़ख्मों के साथ आगे बढ़ने की जद्दोजहद में- लाओस (भाग-२)
युद्ध की समाप्ति के बाद लाओस ने जिस कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता के साथ देश का पुनर्निर्माण किया है वह उनकी जीवटता तथा अदम्य साहस का प्रमाण है। यहां वामपंथी…