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श्रेणी: Book Review

ह्वेनसांग की भारत यात्रा- नालंदा…

Posted on मई 12, 2020जुलाई 13, 2020

नालन्द वेणुवन विहार से 30 ली उत्तर दिशा में आगे चलकर ह्वेनसांग नालन्द (नालन्दा) संघाराम में आया।आज नालंदा बिहार की राजधानी पटना से 88.5 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व तथा राजगीर से 11.5…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- वेणुवन…

Posted on मई 10, 2020जुलाई 13, 2020

वेणुवन गिरिव्रज पहाड़ी नगर के उत्तरी फाटक से एक ली चलने पर “करण्ड वेणुवन” है। यहां पर एक विहार की नींव और टूटी-फूटी दीवारें शेष हैं। इसका द्वार पूर्व की…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मगध देश उत्तरार्ध…

Posted on मई 8, 2020जुलाई 13, 2020

मगध देश उत्तरार्द्ध बोधगया में बुद्ध देव की तप स्थली तथा बोधिवृक्ष के दर्शन कर ह्वेनसांग बोधिवृक्ष के पूर्व में नीरांजना नदी को पार कर एक जंगल के मध्य में…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- बोधगया में…

Posted on मई 6, 2020जुलाई 13, 2020

गया में – पाटलिपुत्र की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर, शील भद्र संघाराम के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 40 या 50 ली की दूरी पर निरंजना नदी…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मगध देश में…

Posted on मई 4, 2020जुलाई 13, 2020

मगध देश में- नेपाल की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग मगध देश में आया। इसका पुराना नाम पाटलिपुत्र भी था। आजकल इस पटना के नाम से जाना जाता है…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- वैशाली नगरी…

Posted on मई 3, 2020जुलाई 13, 2020

वैशाली बुद्ध देव की प्रिय नगरी थी।वज्जिका यहां की मुख्य भाषा थी। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र क़ायम किया गया था। तथागत भगवान्…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- सारनाथ, गाजीपुर तथा वैशाली…

Posted on मई 2, 2020जुलाई 13, 2020

सारनाथ कपिलवस्तु और लुम्बिनी की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर ” पओलोनिस्की ” अर्थात् वाराणसी या बनारस आया। उसने लिखा है कि यहां 30 संघाराम और…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कपिल वस्तु और कुशीनगर…

Posted on अप्रैल 30, 2020जुलाई 13, 2020

कपिलवस्तु का आगे वर्णन करते हुए ह्वेनसांग ने लिखा है कि नगर के दक्षिण, फाटक के बाहर,सड़क के वाम भाग में, एक स्तूप उस स्थान पर बना हुआ है जहां…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- श्रावस्ती और कपिलवस्तु…

Posted on अप्रैल 29, 2020जुलाई 13, 2020

श्रावस्ती साकेत की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से चलकर “शीलोफुसीटी” अर्थात् श्रावस्ती आया। प्राचीन समय में इसका नाम “सहेट-महेट” गांव था। यह अयोध्या से 58 मील उत्तर…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- उन्नाव, प्रयाग, कौशाम्बी और सुल्तानपुर…

Posted on अप्रैल 29, 2020जुलाई 13, 2020

महाराज हर्षवर्धन से भेंट कर ह्वेनसांग “ओयूटो” राज्य में आया। सम्भवतः यह आजकल का उन्नाव रहा होगा। उस समय यहां सम्पूर्ण देश में कोई 100 संघाराम और 3000 साधु थे।…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- गढ़वाल, कुमायूं, संकिसा और कन्नौज…

Posted on अप्रैल 28, 2020जुलाई 12, 2020

गढ़वाल और कुमाऊं मायापुर या हरिद्वार से आगे चलकर ह्वेनसांग “पन्हो लोहिह मोपुलो” अर्थात् “ब्रह्मपुर” राज्य में आया इसकी पहचान गढ़वाल और कुमायूं के रूप में की गई है यहां…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कश्मीर, राजौरी, कुल्लू, लद्दाख और जालंधर…

Posted on अप्रैल 25, 2020जुलाई 13, 2020

पुनट और राजौरी कश्मीर की अपनी यात्रा के अगले चरण में ह्वेनसांग आगे चलकर पुन्नूमो (पुनच) राज्य में आया।इसको कश्मीर के लोग पुनट कहते हैं। यहां बौद्ध धर्म का प्रचार…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- उद्यान, वल्टिस्तान, तक्षशिला, सिंहपुर

Posted on अप्रैल 24, 2020जुलाई 12, 2020

उद्यान प्रदेश ह्वेनसांग अपनी यात्रा में आगे चलकर “उचंड्गना” अर्थात् “उद्यान” प्रदेश में आया।उस समय यह देश पेशावर के उत्तर में स्वात नदी पर था।उस समय यहां लगभग 1400 प्राचीन…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा – लमगान, नगरहार, हिद्दा, गांधार, पेशावर और लाहौर

Posted on अप्रैल 23, 2020जुलाई 12, 2020

लमगान और नगरहार कपिशा देश से 600 ली पूरब चलकर तथा घाटियों एवं पहाड़ियों को पार कर ह्वेनसांग उत्तरी भारत में पहुंचा। यहां उसका सबसे पहला पड़ाव “लैनयो”(लमगान) देश था।…

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