– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश) भारत । email : drrajbahadurmourya @ gmail.com, website : themahamaya.com 1- लोकविद्या वह ज्ञान है जो समाज में…
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग-32)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश), भारत । email : drrajbahadurmourya @ gmail.com, website : themahamaya.com 1- आधुनिक राज्यों को एक तरफ़ तो प्रशासनिक…
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 30)
– राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर- प्रदेश), फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, नई दिल्ली. mail id : drrajbahadurmourya @ gmail ….
राजनीति विज्ञान/ समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य, (भाग- 31)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर- प्रदेश), Email : drrajbahadurmourya @ gmail.com, Website : the mahamaya.com 1- दिनांक, 26 अगस्त, 1891 को उत्तर- प्रदेश…
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 29)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य; असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर-प्रदेश), फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, नई दिल्ली, भारत । email : drrajbahadurmourya @ gmail….
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग-28)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी (उत्तर- प्रदेश), फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी डॉ. संकेत सौरभ, नई दिल्ली । email : drrajbahadurmourya @ gmail. Com,…

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 27)
महाराष्ट्र में समाज सुधार के क्षेत्र में ज्योति राव फुले ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । फुले ने रामदास को शिवाजी का गुरु मानने से इंकार किया । फुले के मुताबिक़ ये ब्राह्मण वास्तव में उनके गुरु नहीं बल्कि उन्होंने उनके राज्य का इस्तेमाल सभी ऊँचे पदों पर अपने लोगों को बैठाने के लिए किया ।

राजनीति विज्ञान/ समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 26)
अंग्रेज़ी में भ्रष्टाचार के लिए करप्शन शब्द का प्रयोग होता है जो लैटिन भाषा के शब्द करप्टियो की व्युत्पत्ति है और जिसका अभिप्राय नैतिकता का ह्रास, सड़ना, सामान्य स्तर से नीचे गिरना, स्थिति का बिगड़ना आदि है । ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी में इसे सार्वजनिक क्षेत्र में विश्वसनीयता का लोप, रिश्वतख़ोरी और पक्षपात कहा गया है ।