दुनिया में भारतवंशियों का डायसपोरा सबसे बड़ा है । लगभग तीन करोड़ की संख्या वाला यह डायसपोरा विश्व के 28 देशों में फैला हुआ है । भारतीय समाज की ही तरह यह डायसपोरा भी बहुधर्मी, बहुजातीय और बहुभाषी है । भारत सरकार इस डायसपोरा समाज को दो तकनीकी श्रेणियों में रखकर परिभाषित करती है : अनिवासी भारतीय या प्रवासी भारतीय (एन आर आई) और भारतीय मूल का व्यक्ति (पी आई ओ)।

राजनीति विज्ञान/ समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 24)
भारत में उदारतावाद उपयोगितावाद के ज़रिए आया और उसे एक ऐसी अजनबी संस्कृति के खॉंचे में फ़िट किया गया जिसमें व्यक्ति और उसकी स्वायत्तता के विकास के लिए कोई जगह नहीं थी । अगर प्राकृतिक अधिकारों का विचार आधुनिक उदारतावाद के मर्म में है तो भारतीय राष्ट्रवाद में इसकी अभिव्यक्ति बेहद कमजोर है ।

राजनीति विज्ञान/ समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 23)
काशी के एक सम्पन्न वैश्य कुल में जन्में, आधुनिक हिंदी के संस्थापक और हिंदी साहित्य के मुख्य प्रवर्तक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (1850-1886) का स्थान भारतीय सांस्कृतिक नवजागरण के अग्रदूतों में बहुत ऊँचा है । वे बनारस के जाने माने रईस बाबू गोपाल चन्द्र के बेटे थे, जो गिरधर उप नाम से कविता करते थे ।

राजनीति विज्ञान/ समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 22)
पंजाब की दलित सिक्ख बिरादरी रामदसिया में पैदा हुए कांशीराम ने 1978 में नागपुर में कुछ अन्य दलित नेताओं के साथ मिलकर ऑल इंडिया बैकवर्ड ऐंड माइनॉरिटी इम्प्लॉइज फेडरेशन (बामसेफ) का गठन किया । इसका लक्ष्य दलित सरकारी कर्मचारियों को एक बैनर तले इकट्ठा करना था ।

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 21)
बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय (1838-1894) को राष्ट्रवाद के प्रमुख निर्माता, बांग्ला के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कवि, पत्रकार और चिंतक माना जाता है ।उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन को प्रेरित करने वाले राष्ट्रगीत बंदे मातरम् की रचना करने वाले बंकिम ने तेरह उपन्यासों और कई गंभीर और आलोचनात्मक कृतियों का लेखन किया !

राजनीति विज्ञान/ समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 20)
प्रथम विश्व युद्ध में क़रीब तेरह लाख भारतीय फ़ौजी और श्रमिक लड़ाई में भाग लेने के लिए युरोप, अफ़्रीका और मध्य- पूर्व ले जाए गए ।इस युद्ध में 47 हज़ार, 776 भारतीयों ने अपनी जान गँवाई ।अंग्रेजों ने जर्मनों से लड़ने के लिए सबसे पहले भारतीय सैनिकों को पूर्वी अफ़्रीका भेजा ।

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 19)
योग का अर्थ है- मिलन अर्थात् जीवात्मा का परमात्मा से मिलन । गीता में योग को दुःख संयोग का वियोग बताया गया है ।पतंजलि सिर्फ़ योग दर्शन के प्रणेता और योगसूत्र रचयिता ही नहीं बल्कि महाभाष्य के रचयिता भी माने जाते हैं । योगसूत्र में चार पाद हैं : समाधिपाद, साधनपाद, विभूतिपाद और कैवल्यपाद । याज्ञवल्क्य स्मृति के अनुसार हिरण्यगर्भ योग के वक्ता हैं और पतंजलि ने तो प्राचीन काल में प्रतिपादित शास्त्र का उपदेश मात्र दिया है ।

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 18)
ईसाई राष्ट्रवाद का इतिहास काफ़ी पुराना है ।ईसाइयत का राजनीतिकरण चौथी सदी में रोम के सम्राट कांस्टेटाइन द्वारा ईसाइयत अपना लेने से शुरू हो गया था ।सोलहवीं सदी में प्रोटेस्टेंट सुधारक जॉन कैल्विन द्वारा जिनेवा की ईसाई शहर राज्य की स्थापना से ईसाई राष्ट्रवाद को नया उछाल मिला ।

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य ( भाग- 17)
चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन (१८०९-१८८२) की वर्ष १९५९ में प्रकाशित रचना ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज में प्रतिपादित जैविक विकासवाद, योग्यतम् के जीवित रहने, प्राकृतिक वरण और साझे पूर्वज होने के सिद्धांतों ने सामाजिक विचारधाराओं, जीव विज्ञान तथा धर्म के क्षेत्रों में खलबली मचा दी ।

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग-16)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी। फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, झाँसी, उत्तर- प्रदेश, भारत, email : drrajbahadurmourya @ gmail. Com,…

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 15)
पंजाब के रोपड ज़िले के खवासपुर गाँव के एक दलित रामदसिया सिक्ख परिवार में १५ मार्च, १९३४ में जन्मे कांशीराम (१९३४-२००६) ने बीसवीं सदी के आख़िरी दो दशकों में भारतीय राजनीति को सबसे ज़्यादा प्रभावित किया । वे उत्तर आम्बेडकर दलित राजनीति के सर्वाधिक महत्वपूर्ण सिद्धांतकार और सफलतम संगठक थे ।

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 14)
एरिक फ्रॉम का विश्लेषण इस धारणा पर आधारित था कि व्यक्तिवाद के उभार से पहले का समाज व्यक्ति को सुरक्षाएं देता था, पर उसका विकास रोक देता था ।व्यकितवादी समाज के उभार ने समाज को परम्पराओं से मुक्त कर दिया ।

राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 13)
आइजिया बर्लिन की मान्यता थी कि जिस दुनिया में हम रहते हैं, वह अपनी विविधता में अनगिनत मूल्यों से सम्पन्न है । उनमें से किसी एक मूल्य या मानक को प्राथमिकता देने का मतलब होगा अन्य मूल्यों का दमन । बर्लिन के अनुसार ऐसा कोई विवेक सम्मत मानदंड नहीं हो सकता जिसके अनुसार उत्तम जीवन के किसी एक मानक को दूसरे मानकों से बेहतर ठहराया जा सके ।

राजनीति / समाज विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 12)
अमर्त्य सेन का मानना है कि, किसी अर्थव्यवस्था के अच्छे होने की निशानी केवल यह नहीं है कि वह वस्तुएं और सेवाएं मुहैया करा पा रही है या नहीं। देखना यह चाहिए कि उसके तहत कितने लोगों का जीवन बेहतर हुआ है।