चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन (१८०९-१८८२) की वर्ष १९५९ में प्रकाशित रचना ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज में प्रतिपादित जैविक विकासवाद, योग्यतम् के जीवित रहने, प्राकृतिक वरण और साझे पूर्वज होने के सिद्धांतों ने सामाजिक विचारधाराओं, जीव विज्ञान तथा धर्म के क्षेत्रों में खलबली मचा दी ।
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग-16)
– डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी। फ़ोटो गैलरी एवं प्रकाशन प्रभारी : डॉ. संकेत सौरभ, झाँसी, उत्तर- प्रदेश, भारत, email : drrajbahadurmourya @ gmail. Com,…
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 15)
पंजाब के रोपड ज़िले के खवासपुर गाँव के एक दलित रामदसिया सिक्ख परिवार में १५ मार्च, १९३४ में जन्मे कांशीराम (१९३४-२००६) ने बीसवीं सदी के आख़िरी दो दशकों में भारतीय राजनीति को सबसे ज़्यादा प्रभावित किया । वे उत्तर आम्बेडकर दलित राजनीति के सर्वाधिक महत्वपूर्ण सिद्धांतकार और सफलतम संगठक थे ।
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 14)
एरिक फ्रॉम का विश्लेषण इस धारणा पर आधारित था कि व्यक्तिवाद के उभार से पहले का समाज व्यक्ति को सुरक्षाएं देता था, पर उसका विकास रोक देता था ।व्यकितवादी समाज के उभार ने समाज को परम्पराओं से मुक्त कर दिया ।
राजनीति विज्ञान / समाज विज्ञान, महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 13)
आइजिया बर्लिन की मान्यता थी कि जिस दुनिया में हम रहते हैं, वह अपनी विविधता में अनगिनत मूल्यों से सम्पन्न है । उनमें से किसी एक मूल्य या मानक को प्राथमिकता देने का मतलब होगा अन्य मूल्यों का दमन । बर्लिन के अनुसार ऐसा कोई विवेक सम्मत मानदंड नहीं हो सकता जिसके अनुसार उत्तम जीवन के किसी एक मानक को दूसरे मानकों से बेहतर ठहराया जा सके ।
राजनीति / समाज विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य (भाग- 12)
अमर्त्य सेन का मानना है कि, किसी अर्थव्यवस्था के अच्छे होने की निशानी केवल यह नहीं है कि वह वस्तुएं और सेवाएं मुहैया करा पा रही है या नहीं। देखना यह चाहिए कि उसके तहत कितने लोगों का जीवन बेहतर हुआ है।
राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य (भाग – 11)
ब्रिटिश सरकार को ‘महारानी की सरकार’ या ‘महागरिमामयी की सरकार’ कहा जाता है। यहां के मंत्रियों को राजमुकुट के मंत्री कहा जाता है। यहां की सशस्त्र सेनाओं को ‘राजमुकुट की सशस्त्र सेनाएं’ कहा जाता है।
राजनीति विज्ञान : महत्वपूर्ण तथ्य ( भाग- 10)
फ्रांसीसी क्रांति, फ्रांस के इतिहास की वह युगान्तर कारी घटना है, जिसका प्रारम्भ १७८९ में हुआ।इसके अंतर्गत मध्य वर्ग ने संगठित होकर सम्राट लुई १६ वें (१७५४-१७९३) को सत्ता से हटाकर राजतंत्र का अंत कर दिया था और कुलीन वर्ग के प्रभुत्व को समाप्त करके जनसाधारण की प्रभुसत्ता स्थापित कर दी थी।