को- किंगडम ऑफ वंडर के नाम से जाना जाने वाला देश कम्बोडिया हिन्द- चीन प्रायद्वीप का एक देश है जो सन् १९५५ ई. में फ्रांसीसी आधिपत्य से मुक्त हुआ है।…

ममता का मानवीय रूप- बोधिसत्व बाबा साहेब डा.भीमराव अम्बेडकर
भारत के महान सपूत, भारतीय संविधान के निर्माता, आधुनिक भारत के शिल्पी, बुद्ध की करुणा के संवाहक, भारत रत्न, बोधिसत्व बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का आज महापरिनिर्वाण दिवस है।…

बौद्ध संस्कृति और युद्ध के ज़ख्मों के साथ आगे बढ़ने की जद्दोजहद में- लाओस (भाग-२)
युद्ध की समाप्ति के बाद लाओस ने जिस कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता के साथ देश का पुनर्निर्माण किया है वह उनकी जीवटता तथा अदम्य साहस का प्रमाण है। यहां वामपंथी…

बौद्ध संस्कृति और युद्ध के ज़ख्मों के साथ आगे बढ़ने की जद्दोजहद में- लाओस (भाग-१)
दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक छोटा सा देश लाओस बौद्ध धर्म की शिक्षा और अमेरिका- वियतनाम युद्ध में मिले जख्मों के साथ विकास की राह में आगे बढ़ने के लिए…

बौद्ध संस्कृति, स्वतंत्रता, मुक्ति और खुशहाली के लिए जीवट के साथ जीवन जीता- वियतनामी समाज (भाग २)
अदम्य जिजीविषा से परिपूर्ण वियतनामी भाषा की अधिकांश शब्द राशि चीनी भाषा से ली गई है। यह पहले चीनी लिपि में ही लिखी जाती थी। जब वियतनाम फ्रांस का उपनिवेश…

बौद्ध संस्कृति, स्वतंत्रता, मुक्ति और खुशहाली के लिए जीवट के साथ जीता- वियतनामी समाज (भाग-१)
लगभग २७०० वर्षों से अधिक के ऐतिहासिक कालखंड को अपने अन्तस में संजोए हुए वियतनाम बौद्ध संस्कृति के साथ जीवट के साथ जिंदा है। यहां का राष्ट्र वाक्य है- स्वतंत्रता-…

आधुनिकता के साथ, बौद्ध संस्कृति से सराबोर- थाईलैण्ड (भाग-२)
थाईलैण्ड का प्राचीन नाम श्याम देश है। थाई शब्द का अर्थ, थाई भाषा में आजाद होता है।यह राजनीतिक रूप से एकात्मक राज्य है जो ७६ प्रान्तों में बंटा हुआ है।…

आधुनिकता के साथ, बौद्ध संस्कृति से सराबोर – थाईलैण्ड –(भाग-एक)
५१३,११५ वर्ग किलोमीटर में बसे तथा लगभग ७ करोड़ की आबादी वाला देश थाईलैण्ड आधुनिकता के साथ-साथ बौद्ध संस्कृति से सराबोर है। यहां के ९५ प्रतिशत लोग बौद्ध धर्मावलंबी हैं।…

विश्व विरासत- लेशान के विशाल बुद्ध, अद्भुत, अकल्पनीय
अद्भुत, अकल्पनीय, चकित कर देने वाली, आज से करीब १२०० वर्ष पूर्व चीन में निर्मित, लेशान के विशाल बुद्ध की प्रतिमा आज विश्व विरासत है। एमी पर्वत में उत्कीर्ण लेशान…

विज्ञान, कला और स्थापत्य का अद्भुत संगम – महानतम बोरोबुदुर विहार
सन् ७५० से ८५० ई. के मध्य निर्मित तथा वर्ष १९९१ में विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया बोरोबुदुर विहार इंडोनेशिया के मध्य जावा प्रान्त के मगेलांग नगर में स्थित…

विश्व विरासत – सोमपुरा महाविहार
वर्ष १९८५ में यूनेस्को के द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया सोमपुरा महाविहार वर्तमान समय में बांग्लादेश के नवगांव जिले के बादलगाछी उप जिले के पहाड़पुर में स्थित है।यह…

सत्य, शांति, मोक्ष और सौन्दर्य बोध की गुफाएं- उदयगिरि, खण्डगिरि और रत्नागिरी, भुवनेश्वर (उड़ीसा)
उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर के निकट स्थित बौद्ध परिसर ललितगिरि, रत्नागिरी, उदयगिरि की पहाड़ियों पर स्थित हैं। इस जगह की खुदाई में प्राप्त कई शिलालेख,राक शिलालेख,स्तूप और बुद्ध की…

पुस्तक समीक्षा- आंधियों में भी यह ज्योति जलती रहे…
डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी । प्रकाशन प्रभारी एवं फ़ोटो गैलरी- डॉ. संकेत सौरभ, झाँसी, उत्तर- प्रदेश (भारत), मोबाइल नंबर- 09839170919, email : drrajbahadurmourya @…
आदिवासी अस्मिता का कला बोध – जनजातीय संग्रहालय, भोपाल (म.प्र.)
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अति रमणीक, शांत वातावरण और कोलाहल से दूर एकांत स्थान, श्यामला हिल्स पर स्थित जनजातीय संग्रहालय मध्य प्रदेश की आदिवासी अस्मिता का कला बोध…