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श्रेणी: Book Review

buddha termez, uzbekistan

ह्वेनसांग की भारत यात्रा- काशगर, यारकंद और बुखारा…

Posted on जून 13, 2020जनवरी 24, 2021

काशगर, यारकंद ह्वेनसांग का अगला पड़ाव “कइश” अथवा “काशगर” राज्य था। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 5 हजार ली है। इस देश में रेगिस्तानी और पथरीली…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- तिब्बत में…

Posted on जून 11, 2020जुलाई 13, 2020

तिब्बत में पामीर की घाटी को पार कर ह्वेनसांग को ” कइप अटो” देश मिला। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 2 हजार ली है। राजधानी एक…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- अफगानिस्तान में…

Posted on जून 9, 2020जुलाई 13, 2020

अफगानिस्तान में, दक्षिण एशिया में स्थित अफगानिस्तान आज एक इस्लामिक गणराज्य है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर- पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान व कजाकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान व…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मुल्तान, तक्षशिला, गांधार,अबंद और ख़ैबर पख्तुनख्वा…

Posted on जून 6, 2020जुलाई 13, 2020

मुल्तान सिंध देश से आगे चलकर ह्वेनसांग “मूल स्थान पुर” अर्थात् “मुल्तान” देश में आया। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 4 हजार ली और उसकी राजधानी…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- सिन्ध देश में…

Posted on जून 3, 2020जुलाई 13, 2020

सिंध देश में उज्जयिनी की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग ने राजस्थान के रेतीले मैदान को पार कर सिंधु नदी को पार किया और “सिण्टु” अथवा “सिंध” देश में…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- उज्जयिनी नगरी…

Posted on मई 31, 2020जुलाई 13, 2020

उज्जयिनी नगरी सौराष्ट्र की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से दक्षिण- पश्चिम लगभग 2800 ली चलकर “उशेयनना” देश में आया। इसे “उज्जयिनी” के नाम से जाना जाता था।…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा – महेसाना, सौराष्ट्र तथा गिरनार…

Posted on मई 29, 2020जुलाई 13, 2020

अनंदपुर वलभी से उत्तर- पश्चिम की ओर लगभग 700 ली चलकर ह्वेनसांग “ओननटोपुलो” अर्थात् “अनंदपुर” आया। उसने लिखा है कि इस राज्य का क्षेत्रफल लगभग 2 हजार ली और राजधानी…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- भरुच, मालवा,वल्लभी और कच्छ…

Posted on मई 27, 2020जुलाई 13, 2020

भरूकछ अजंता की गुफाओं से आगे पश्चिम में चलकर ह्वेनसांग ने नर्मदा नदी को पार किया और “पोलकयीचोपो” अर्थात् “भरूकछ” या “भरोच” राज्य में आया। आज यह दक्षिणी गुजरात में…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कोंकण और महाराष्ट्र में…

Posted on मई 24, 2020जुलाई 13, 2020

कोंकण सिंहल द्वीप की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग पुनः वापस द्रविड देश में आया तथा यहां से उत्तर दिशा में 2 हजार ली चलकर घने जंगलों को पार…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- सिंहल द्वीप में…

Posted on मई 22, 2020जुलाई 13, 2020

सिंहल द्वीप “सिंहल” को आम बोलचाल की भाषा में “सिरीलंका” (श्री लंका) के नाम से जाना जाता है।इसको “सीलोन” भी कहा जाता है। इस देश का प्राचीन नाम “रत्न द्वीप”…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- चोल तथा द्रविड़ देश में…

Posted on मई 20, 2020जुलाई 13, 2020

चोल तथा द्रविड देश में “अन्ध्र” देश की अपनी यात्रा को सम्पन्न कर ह्वेनसांग वहां से दक्षिण- पश्चिम लगभग एक हजार ली चलकर “चुलिये” अर्थात् “चुल्य” अथवा “चोल” देश में…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- कलिंग, कोशल और अन्ध्र देश…

Posted on मई 18, 2020जुलाई 13, 2020

कलिंग यात्रा के अगले चरण में ह्वेनसांग “कयी लिंग किया” अर्थात् “कलिंग” राज्य में आया। आजकल यह उड़ीसा, आंध्र प्रदेश का उत्तरी भाग तथा छत्तीसगढ़ राज्य तक फैला हुआ है।…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- बंगाल तथा उड़ीसा…

Posted on मई 16, 2020जुलाई 13, 2020

बंगाल तथा उड़ीसा आसाम से 1200 या 1300 ली चलकर ह्वेनसांग “सनमोटाचा” अथवा “समतल” प्रदेश में आया।इसकी पहचान “पूर्वी बंगाल”(अब बांग्लादेश) के रूप में हुई है। यह समुद्र के किनारे…

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ह्वेनसांग की भारत यात्रा- हिरण्य पर्वत तथा चम्पा नगरी…

Posted on मई 14, 2020जुलाई 13, 2020

हिरण्य पर्वत तथा चम्पा उत्तरार्द्ध मगध देश से 200 ली पूर्व दिशा में चलकर ह्वेनसांग अपनी यात्रा के अगले चरण में “इलाना पोफाटो” अर्थात् “हिरण्य पर्वत” पर आया। इसकी पहचान…

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