मौर्य, शाक्य,सैनी, कुशवाहा एवं तथागत बुद्ध, शीर्षक से सितंबर २०२० में प्रकाशित पुस्तक श्री आर. एल. मौर्य (मूल निवासी ग्राम- लोहसडा, पोस्ट- घघसरा, जनपद- गोरखपुर) की लेखनी से निकली कृति…
श्रेणी: Book Review

पुस्तक समीक्षा- आंधियों में भी यह ज्योति जलती रहे…
डॉ. राजबहादुर मौर्य, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, राजनीति विज्ञान, बुंदेलखंड कालेज, झाँसी । प्रकाशन प्रभारी एवं फ़ोटो गैलरी- डॉ. संकेत सौरभ, झाँसी, उत्तर- प्रदेश (भारत), मोबाइल नंबर- 09839170919, email : drrajbahadurmourya @…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा का महत्व
दुनिया में ” प्रिंस आफ़ ट्रैवलर्स” अर्थात् “यात्रियों का राजकुमार” के नाम से मशहूर ह्वेनसांग चीन के मशहूर दार्शनिक, प्रकांड विद्वान, बौद्ध दर्शन के अध्धेयता, घुमक्कड़ और अनुवादक थे। चीनी…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा – खुतन,कूचा और गोबी..
खुतन,कूचा और गोबी… अपनी भारत यात्रा के अंतिम पड़ाव में ह्वेनसांग “क्यूसटन” अर्थात् “खुतन” देश में आया। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 4000 ली है। देश…

ह्वेनसांग की भारत यात्रा- काशगर, यारकंद और बुखारा…
काशगर, यारकंद ह्वेनसांग का अगला पड़ाव “कइश” अथवा “काशगर” राज्य था। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 5 हजार ली है। इस देश में रेगिस्तानी और पथरीली…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- तिब्बत में…
तिब्बत में पामीर की घाटी को पार कर ह्वेनसांग को ” कइप अटो” देश मिला। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 2 हजार ली है। राजधानी एक…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- अफगानिस्तान में…
अफगानिस्तान में, दक्षिण एशिया में स्थित अफगानिस्तान आज एक इस्लामिक गणराज्य है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर- पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान व कजाकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान व…
ह्वेनसांग की भारत यात्रा- मुल्तान, तक्षशिला, गांधार,अबंद और ख़ैबर पख्तुनख्वा…
मुल्तान सिंध देश से आगे चलकर ह्वेनसांग “मूल स्थान पुर” अर्थात् “मुल्तान” देश में आया। उसने लिखा है कि इस देश का क्षेत्रफल लगभग 4 हजार ली और उसकी राजधानी…